दिसंबर का महीना आते ही देशभर में पार्टी की तैयारियां शुरू हो जाती है. युवाओं में 24 दिसंबर यानी कि न्यू ईयर पार्टी का बहुत क्रेज देखा जाता है. बात जब राजधानी की हो तो क्रेज और भी ज्यादा बढ़ जाता है. खास तौर पर पब और नाइट क्लब्स में स्पेशल न्यू ईयर नाइट्स रखी जाती हैं. स्पेशल डीजे से लेकर लाइव कॉन्सर्ट तक सभी इवेंट्स की तैयारी की जाती है. न्यू ईयर के इस खास जश्न की तैयारियां नवंबर महीने से ही शुरू हो जाती हैं. लेकिन इस बार आधा दिसंबर बीत जाने के बावजूद दिल्ली के पब्स और पार्टी हॉल में न्यू ईयर की पार्टी को लेकर किसी तरह की कोई तैयारियां नहीं की गई है.
जश्न को लेकर सरकार ने लगा रखी है रोक
कोरोना की तीसरी लहर और omicron वेरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली सरकार ने क्रिसमस और नए साल के जश्न के आयोजन के लिए होने वाले किसी भी जमावड़े पर रोक लगा दी है. DDMA ने औपचारिक आदेश जारी किया और कहा कि किसी भी तरह के कल्चरल इवेंट, गैदरिंग पूरी तरह से बैन है. ऐसे में पब्स और बार्स के ऑनर्स काफी असमंजस में हैं कि किस तरह की तैयारियां करनी चाहिए.
जश्न को लेकर कई जगह कोई तैयारी नहीं
मशहूर जाने-माने पब्स में अब तक नए साल के जश्न को लेकर तैयारियां शुरू तक नहीं की हैं. पब के मालिकों का यही कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अभी किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कोरॉना की मौजूदा स्थिति के कारण सरकार कब नियम बदल दे इसका कुछ कह नहीं सकते. ऐसे में अगर बड़े इवेंट ऑर्गेनाइजर्स और पार्टी नाइट्स रखने का रिस्क कौन लेगा. पब ऑनर्स का कहना है कि अगर वे अपने स्तर पर सभी तरह की तैयारियां कर लेते हैं और पार्टी के लिए भारी-भरकम इन्वेस्टमेंट करते हैं और मान लीजिए किसी कारण से कोरोना की गाइडलाइंस बदल जाती हैं तो ऐसे में उनको बहुत बड़ा नुकसान होगा.
कोरोना के चलते मुनाफे में 30 से 40% की गिरावट
इस बार कोरोना काल के चलते पब्स और क्लब्स के मुनाफे में भी 30 से 40% की गिरावट आई है. पार्टी में पहले कपल एंट्री 6 से 7 हजार की होती थी लेकिन अब कोरोना काल के कारण कपल पैकेज के दाम भी कम करने पड़ रहे हैं. कई लोग दाम कम करने को लेकर भी मैनेजर से रिक्वेस्ट करते हैं. इसलिए दिल्ली के मशहूर पब "माय बार रेस्टोरेंट" के मालिक गुरविंदर सिंह बताते हैं कि इस बार उन्होंने सभी पार्टी पैकेज के लिए खास तौर पर 25% का डिस्काउंट रखा है. गुरविंदर बताते हैं कि इस साल पार्टियों की चमक फीकी पड़ती दिखाई दे रही है. इसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला यह कि सरकार ने कोरोना के चलते सीटिंग कैपेसिटी 50% तक सीमित कर दी है और दूसरा कारण लोगों की फाइनेंशियल कैपेबिलिटी. इन 2 कारणों के चलते इस बार न्यू ईयर की पार्टी फीकी पड़ रही है. पब ओनर्स का कहना है कि जल्द ही 25 दिसंबर के बाद वे पार्टी की थीम और स्पेशल सेलिब्रेशन की तैयारियों को साझा करने की कोशिश करेंगे.