नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सोमवार को बताया कि लोग रुपे कार्ड से अब सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) के बिना भी भुगतान कर सकते हैं. केवल ओटीपी की मदद से लेनदेन पूरा हो जाएगा. ये सुविधा डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड होल्डर्स को दी जाएगी, जिन्होंने मर्चेंट ऐप और वेबपेज पर कार्ड का टोकनाइजेशन किया हुआ है.
कार्ड की डिटेल याद रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत
एनपीसीआई की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि सीवीवी के बिना भुगतान करने से ग्राहकों को कार्ड की डिटेल याद रखने जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि ग्राहकों को इस फीचर का लाभ उठाने के लिए अपने कार्ड का ई-कॉमर्स मर्चेंट के प्लेटफॉर्म पर टोकनाइजेशन किया होना चाहिए. इस फीचर की मदद से केवल ओटीपी के जरिए ही ग्राहक लेनदेन कर सकते हैं. इससे भुगतान करना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा.
टोकन व्यवस्था लेनदेन के लिहाज से सुरक्षित
टोकन व्यवस्था के तहत कार्ड के वास्तविक ब्योरे की जगह कूट संख्या यानी टोकन नंबर का उपयोग किया जाता है. यह व्यवस्था लेनदेन के लिहाज से सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें लेनदेन के समय कार्ड का वास्तविक ब्योरा व्यापारियों के साथ साझा नहीं किया जाता. जब भी कोई कार्ड होल्डर ई-कॉमर्स के लिए लेनदेन करता है तो उसे अपने लेनदेन को ऑथेंटिकेट करने के लिए कार्ड नंबर, सीवीवी और कार्ड एक्सपायरी डेट आदि जानकरी और ओटीपी दर्ज कर पूरे प्रोसेस को करना होता है. इसके बाद डिटेल्स को टोकनाइज्ड कर सेव कर सकते हैं.
सीवीवी नंबर
सीवीवी का मतलब कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू है. यह क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर पाया जाने वाला तीन या चार अंकों का सुरक्षा कोड है. सीवीवी नंबर आमतौर पर वीजा, मास्टरकार्ड और डिस्कवर कार्ड के कार्ड के पीछे स्थित होता है, जबकि अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड के लिए, यह आमतौर पर सामने की तरफ पाया जाता है. सीवीवी नंबर का उद्देश्य कार्ड-नॉट-प्रेजेंट लेनदेन जैसे ऑनलाइन या फोन पर खरीदारी करते समय सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करना है. यह सत्यापित करने में मदद करता है कि लेनदेन करने वाले व्यक्ति के पास भौतिक रूप से कार्ड है.