केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम (FCRA) से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे भारतीयों को अधिकारियों को बिना सूचित किए विदेश में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से एक साल में 10 लाख रुपये तक लेने की अनुमति है. इससे पहले ये रकम 1 लाख रुपए थी.
पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी. एक नोटिफिकेशन में, गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अगर रकम 10 लाख रुपये से ज्यादा भी है, तो लोगों के पास अब 30 दिन के बजाय सरकार को सूचित करने के लिए 90 दिन का समय होगा.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए विदेशी चंदा (नियमन) संशोधन नियम, 2022 के बारे में बताया. जिसके अनुसार "एक लाख रुपए" की जगह "दस लाख रुपए" और "तीस दिन" की जगह "तीन महीने" कर दिया. नियम 6 रिश्तेदारों से विदेशी धन प्राप्त करने की सूचना से संबंधित है. इससे पहले किसी भी व्यक्ति को अपने किसी रिश्तेदार से एक साल में 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए 30 दिनों के अंदर केंद्र सरकार (धन का विवरण) को जानकारी देनी होती थी.
कितने दिनों का मिलेगा समय?
इसी तरह, नियम 9 में भी बदलाव किया गया है. जिसके तहत व्यक्तियों और संगठनों को गृह मंत्रालय को उस बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी देने के लिए 45 दिनों का समय मिलेगा, जिनका इस्तेमाल इस तरह के पैसे के लिए किया जाना है. बता दें कि पहले ये समय सीमा 30 दिन की थी. केंद्र सरकार ने नियम 13 में प्रावधान 'बी' को भी खत्म कर दिया गया है, जो अपनी वेबसाइट पर हर तिमाही में दाताओं के विवरण, प्राप्त राशि और प्राप्ति की तारीख आदि सहित विदेशी धन की घोषणा करता है.
अब FCRA के तहत विदेशी धन प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय विवरण, प्राप्ति और भुगतान खाते और बैलेंस शीट सहित विदेशी योगदान की प्राप्तियों और उपयोग पर खातों के लेखा परीक्षित विवरण रखने के मौजूदा प्रावधान का पालन करना होगा. गैर सरकारी संगठन या विदेशी धन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर हर तिमाही में इस तरह के योगदान की घोषणा करनी होती थी, उसे भी समाप्त कर दिया गया है.
नया कानून यह भी कहता है कि विदेशी धन प्राप्त करने वाले संगठन प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए इस तरह के 20 प्रतिशत से अधिक धन का उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह सीमा 2020 से पहले 50 फीसदी थी. कानून के मुताबिक, फंड प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को FCRA के तहत पंजीकृत कराना होता है.