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पेंशनर्स के लिए गुड न्यूज! अब 9 गुना तक बढ़ सकती है आपकी पेंशन

EPFO Latest Update: इस बारे में मार्च 2021 में संसद की स्थायी समिति ने सुझाव दिया था. उस समय समिति का कहना था कि मिनिमम पेंशन की रकम को मौजूदा एक हजार से बढ़ाकर 3 हज़ार किया जाना चाहिए. वहीं पेंशनर्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाना चाहिए.

अब 9 गुना तक बढ़ सकती है आपकी पेंशन अब 9 गुना तक बढ़ सकती है आपकी पेंशन
हाइलाइट्स
  • इस साल फरवरी में लिया जा सकता है फैसला

  • लंबे समय से पेंशनर्स कर रहे थे मांग

EPFO Pension Scheme Update: नौकरीपेशा लोगों के लिए गुड न्यूज आई है. केंद्र सरकार ने ईपीएफओ (EPFO) की पेंशन स्कीम (EPS) के सब्सक्राइबर को शानदार तोहफा दिया है. दरअसल इस स्कीम के चलते आपको मिलने वाली मिनिमम पेंशन (Minimum Pension) को अब 9 गुना बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इसको कुछ ऐसे समझा जा सकता है कि अब ईपीएस (eps scheme) से जुड़े लोगों को हर महीने 1-1 हजार के बजाय 9-9 हजार रुपए मिल सकेंगे.

इस साल फरवरी में लिया जा सकता है फैसला
सूत्रों के मुताबिक श्रम मंत्रालय इस साल फरवरी में होने वाली बैठक में ये फैसला ले सकता है. इसके अलावा ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी बैठक में नए वेज कोड पर भी फैसला लिया जा सकता है. इसके अलावा ये भी माना जा रहा है कि इस बैठक का मुख्य एजेंडा कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिनिमम पेंशन को बढ़ाया जाना है.

लंबे समय से पेंशनर्स कर रहे थे मांग
पेंशनर्स भी मिनिमम पेंशन को बढ़ाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. इस मामले पर कई दौर का डिस्कशन इससे पहले ही हो चुका है. यहां तक की संसद की स्थायी समिति ने भी इस संबंध में सुझाव दिया जा चुका है. खबरों की मानें तो मिनिमम पेंशन बढ़ाने का फैसला समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जा रहा है.

2021 में ही संसद समिति ने दिया था सुझाव
इस बारे में मार्च 2021 में संसद की स्थायी समिति ने सुझाव दिया था. उस समय समिति का कहना था कि मिनिमम पेंशन की रकम को मौजूदा एक हजार से बढ़ाकर 3 हज़ार किया जाना चाहिए. वहीं पेंशनर्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि अगर ऐसा होगा तभी ईपीएस-95 से जुड़े पेंशनर्स को सही अर्थों में फायदा मिल सकेगा.

अंतिम सैलरी से डिसाइड हो मिनिमम पेंशन
केंद्र को एक सुझाव यह भी दिया जा रहा है कि रिटायर होने से ठीक पहले कर्मचारी को जो अंतिम सैलरी मिली थी, उसे आधार बनाकर मिनिमम पेंशन तय होना चाहिए. अब फरवरी में होने वाली श्रम मंत्रालय की बैठक में इस सुझाव पर भी गौर किया जा सकता है.