नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) यानी एनपीएस (NPS) की शुरुआत जनवरी 2004 में की गई थी. यह एक लंबी अवधि का निवेश प्लान है.शुरू में इसका उद्देश्य सरकारी कर्माचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मुहैया कराना था. लेकिन 1 मई 2009 को इस स्कीम को सभी लोगों के लिए खोल दिया गया.
इस स्कीम में लगाए गए पैसों को कम जोखिम में बेहतर रिटर्न देने के लिए जाना जाता है. इस स्कीम में लगाए गए पैसों को म्यूचुअल फंड या पेंशन फंड्स की तरह निवेश किया जाता है. इस स्कीम में 18 से लेकर 70 साल तक की उम्र के लोग रुपए इंवेस्ट कर सकते हैं.
कौन खुलवा सकता है NPS में खाता
एनपीएस में खाता आप अपने नाम से या फिर अपनी पत्नी के नाम से भी ओपन करवा सकते हैं. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद एनपीएस से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकालने की इजाजत है, जो टैक्स फ्री होती है. बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है. एन्युटी में निवेश की रकम टैक्स फ्री है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन की राशि पर टैक्स में कोई छूट नहीं है.
NPS खाते में मंथली या फिर सालाना निवेश की सुविधा मिलती है. आप NPS में 1,000 रुपए महीने से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. आप किसी भी बैंक में एनपीएस अकाउंट खुलवा सकते हैं. NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं. टियर-1 और टियर-2. 60 साल की उम्र तक टियर-1 से फंड विड्रॉल नहीं किया जा सकता है. टियर-2 NPS अकाउंट एक सेविंग्स अकाउंट की तरह काम करता है, जहां से ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकता है.
एनपीएस में पैसे निवेश करने के फायदे
एनपीएस में निवेश को मैनेज करने की लागत बहुत कम है. यह किसी भी म्यूचुअल फंड की तुलना में इसका एक्सपेंस रेशियो सबसे कम रहता है. इसके अलावा नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करने वाले कर्मचारियों को आयकर में भी भारी छूट दी जाती है. टैक्सपेयर्स को इसमें पैसे लगाने पर साल में दो लाख रुपए तक टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसमें एंप्लॉयर की ओर से किए जाने वाले कंट्रीब्यूशन पर भी टैक्ट छूट मिलती है.
एनपीएस में निवेश करने का एक लाभ यह है कि इसमें इक्विटी से डेट ऑप्शन के बीच फंड ट्रांसफर करने पर कोई टैक्स नहीं लगता है. एनपीएस के फंड में बड़ा हिस्सा लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट का होता है. इससे फंड मैनेजर्स को शॉर्ट टर्म दिक्कतों को नजरअंदाज करके लंबी अवधि के लिए निवेश की रणनीति बनाने में मदद मिलती है. इसका फायदा बेहतर रिटर्न के रूप में देखने को मिल सकता है.
50 प्रतिश पेंशन गारंटी
मोदी 3.0 सरकार ने एनपीएस के लिए बड़ा प्रस्ताव रखा है.एनपीएस के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के अंतिम वेतन के 40 से 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन की गारंटी होगी. यदि आप 50,000 रुपए महीने के अंतिम वेतन पर रिटायर होते हैं तो आपको 20 से 25 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन के रूप में दिया जाएगा.
कुल रकम का अधिकतम निकाल सकते हैं इतना हिस्सा
PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने इस साल जनवरी में एनपीएस से आंशिक निकासी के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था. इसके चलते फरवरी 2024 से एनपीएस से आंशिक निकासी के नियम (NPS Withdrawal Rules) बदल गए हैं. इस सर्कुलर में कहा गया है कि एनपीएस निवेशक कुछ खास स्थितियों में अपने पेंशन अकाउंट में से खुद की जमा की हुई कुल रकम का अधिकतम 25 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं.
एनपीएस अकाउंट से कब-कब कर सकते हैं आंशिक निकासी
1. एनपीएस अकाउंट से आप बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए रुपए निकाल सकते हैं.
2. घर खरीदने या होम लोन का रीपेमेंट करने के लिए भी रुपए आंशिक निकासी कर सकते हैं.
3. यदि आपके या आपकी पत्नी के नाम पर पहले से कोई घर है तो आप दूसरा मकान खरीदने के लिए इस सुविधा लाभ नहीं उठा सकते हैं.
4. अस्पताल में भर्ती होने और इलाज खर्च के लिए पैसे निकाले जा सकते हैं.
5. एनपीएस खाताधारक की दिव्यांगता या अक्षमता के कारण अचानक आए खर्च को पूरा करने के लिए खाते से पैसे विड्रॉल कर सकते हैं.
6. किसी कारोबार या स्टार्टअप को शुरू करने के लिए आप रुपए निकाल सकते हैं.
7. स्किल डेवलपमेंट या किसी और सेल्फ-डेवलपमेंट एक्टिविटी पर किया जाने वाले खर्च के लिए आप रुपए निकाल सकते हैं.
आंशिक निकासी की शर्तें
1. एनपीएस अकाउंट से आंशिक निकासी के समय व्यक्ति को कम से कम तीन साल के लिए एनपीएस मेंबर होना जरूरी है.
2. निकाला जाने वाला पैसा आपके एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन को छोड़कर कुल कॉन्ट्रीब्यूशन का 25 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है.
3. पूरे सब्सक्रिप्शन पीरियड के दौरान अधिकतम तीन आंशिक निकासी की ही इजाजत है.
4. तीनों आंशिक निकासी के दौरान 5-5 साल का अंतर होना जरूरी है.
क्या है एनपीएस अकाउंट से पैसे विड्रॉल करने का तरीका
1. आपको रुपए निकालने के लिए सबसे पहले NPS की किसी सरकारी नोडल एजेंसी में जाकर एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा.
2. इसमें पैसा निकालने का मकसद बताना होगा.
3. इसके बाद आवेदन केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी को सबमिट करना होगा.
4. फिर एजेंसी आवेदन के वेरिफिकेशन के बाद इसे प्रोसेस करेगी.
5. यदि सब्सक्राइबर बीमार है तो उसकी जगह परिवार का कोई और सदस्य या नॉमिनी यह आवेदन कर सकता है.