एक तरफ जहां ऑनलाइन पेमेंट ने लोगों की जीवन आसान बना दिया है, वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन फ्रॉड भी काफी बढ़ गया है. UPI पेमेंट से धोखाधड़ी काफी आम बात हो गई है. कई बार साइबर क्रिमिनल KYC या अकाउंट अपडेशन के नाम पर भी ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं. हालांकि कुछ सावधानियां आपको इस धोखाधड़ी से आसानी से बचा सकती हैं. तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बताएंगे.
कभी न दें मोबाइल या लैपटॉप का एक्सेस
आपको कभी भी अपने मोबाइल या लैपटॉप का एक्सेस कस्टमर केयर को देने की जरूरत नहीं है. अगर कोई KYC के नाम पर आपके फोन या लैपटॉप का एक्सेस मांगने की कोशिश करता है, तो फौरन संभल जाएं. ये आपको साइबर फ्रॉड में फंसाने का नया तरीका भी हो सकता है.
चेंज करते रहें अपना UPI पिन
आपको हर महीने अपने UPI पिन को बदलते रहना चाहिए. अगर हर महीने बदलना आपके लिए मैनेजएबल नहीं है, तो कम से कम हर तीन महीने पर इसे जरूर बदलें.
UPI या उसका पिन न करें शेयर
अपना UPI या फिर UPI पिन किसी के साथ शेयर न करें. बैंक या फिर कोई भी सरकारी संस्था आपसे आपका UPI या UPI पिन नहीं मांगेगी. अक्सर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले KYC या आपके अकाउंट के अपडेशन के नाम पर आपका UPI और UPI पिन मांगते हैं. ऐसे में किसी भी इस तरह के मैसेज या फोन कॉल से सावधान रहें.
फर्जी साइट्स से रहें सावधान
कई बार कुछ साइट्स आपको बहुत सारा रिवार्ड या पैसे आदि का लालच देती है. ऐसी साइटों से बिलकुल सावधान रहें. कई बार देखा जाता है कि UPI ट्रांजैक्शन के जरिए सिर्फ 1 रुपए ट्रांजैक्शन करने का मैसेज आता है. ये लोग वास्तव में आपसे 1 रुपये लेकर आपको 2 रुपये भेजते हैं और इसके जरिए आपको UPI पिन हासिल करने की कोशिश करते हैं. अगर एक बार उनके पास पिन चला जाता है तो फिर वो बहुत आसानी से आपके अकाउंट में से पैसे निकाल सकते हैं. इसलिए ध्यान रहें कि किसी भी लेनदेन को शुरू करने से पहले हमेशा इस बात का ध्यान रखें UPI सही खाता धारक से जुड़ा हुआ है.
सेट कर दें UPI लिमिट
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए आप अपने UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट भी सेट कर सकते हैं. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप 1 हजार की लिमिट सेट करते हैं, तो आप एक दिन में UPI के जरिए इससे ज्यादा खर्च नहीं पाएंगे, इससे फ्रॉड होने पर भी आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं.