scorecardresearch

Tilak Mehta Success Story: 13 साल की उम्र में तिलक मेहता ने शुरू किया था बिजनेस, आज करोड़ों की कंपनी Papers N Parcels के हैं मालिक

Papers N Parcels Success Story: 13 साल की उम्र के तिलक मेहता के दिमाग में कुरियर सर्विस शुरू करने का आइडिया आया. इसके बाद पिता की मदद से उसने इसकी शुरुआत की. तिलक ने सामान डिलीवर करने के लिए मुंबई के डिब्बेवालों की मदद ली. इसके बाद कंपनी ने तेजी से ग्रोथ किया. 2 साल के भीतर कंपनी 100 करोड़ रुपए की हो गई. पेपर एंड पार्सल कंपनी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए काम करती है.

Papers N Parcels Founder Tilak Mehta (Photo/Instagram) Papers N Parcels Founder Tilak Mehta (Photo/Instagram)

प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है. अगर आप ठान लें तो मेहनत के दम पर किसी भी उम्र में सक्सेस हासिल कर सकते हैं. जिस उम्र में बच्चे खेलकूद और पढ़ाई में लगे रहते हैं, उस उम्र में एक लड़के ने कारोबार करने की ठान ली. 13 साल के लड़के ने ना सिर्फ आइडिया सोचा, बल्कि उसपर काम भी शुरू कर दिया. उस लड़के ने कुरियर सर्विस की शुरुआत की. इस बिजनेस में तेजी लाने के लिए उसने डिब्बावालों की मदद ली. इस तरह से कंपनी तेजी से तरक्की करने लगी. आज कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है. उस लड़के का नाम तिलक मेहता (Tilak Mehta) है और उनकी कंपनी का नाम पेपर एंड पार्सल (Papers N Parcels) है.

कैसे आया बिजनेस का आइडिया-
तिलक मेहता का जन्म साल 2006 में गुजरात में हुआ. तिलक जब 13 साल के थे, तब उनके दिमाग में बिजनेस का आइडिया आया था. एक बार तिलक अपने चाचा के घर गए थे और जब वो घर लौटे तो अपनी किताबें लाना भूल गए. अगले दिन एग्जाम था, इसलिए उनको उसी दिन किताब चाहिए थी. लेकिन कोई भी डिलीवरी कंपनी बुक भेजने के लिए तैयार नहीं हुई. इस घटना के बाद तिलक के दिमाग में बिजनेस का आइडिया आया.

13 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस-
तिलक मेहता के पिता का नाम विशाल मेहता है. वो लॉजिस्टिक बेस्ड कंपनी से जुड़े हैं. जबकि उनकी मां काजल मेहता हाउसवाइफ हैं. तिलक ने बिजनेस के आइडिया को अपने पिता से साझा किया. उनको भी ये आइडिया पसंद आया. तिलक ने कुरियर सर्विस शुरू करने का पूरा प्लान बनाया और इसके लिए फंड उनके पिता ने दिया. हालांकि इस बिजनेस के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत थी, इसलिए विशाल मेहता ने बेटे को एक बैंक अधिकारी से मुलाकात करवाई. इसके बाद फंड का इंतजाम हुआ. तिलक के पिता ने अपनी जॉब छोड़ दी और बिजनेस ज्वाइन कर लिया. तिलक ने अपने पिता के साथ मिलकर पेपर एंड पार्सल नाम से कुरियर सर्विस की शुरुआत की.

सम्बंधित ख़बरें

तिलक ने डिब्बावालों की ली मदद-
कुरियर सर्विस की शुरुआत के बाद तिलक मेहता के सामने सामान की डिलीवरी का मसला आया. उन्होंने इसके लिए एक नया आइडिया निकाला. तिलक ने टिफिन सर्विस कंपनी डिब्बावाले से संपर्क किया. डिब्बावाले टिफिन के साथ कंपनी के सामान की डिलीवरी भी करते थे. शुरुआत में कंपनी बुटीक और स्टेशनरी शॉप वालों से छोटे-छोटे ऑर्डर लेती थी. बाद में दायरा बढ़ा दिया. तिलक मेहता ने लोकल शॉप, डिब्बवाले और कुरियर एजेंट का एक पूरा नेटवर्क बनाया. इसके बाद कंपनी तेजी से ग्रोथ करने लगी.

100 करोड़ की बन गई कंपनी-
पेपर एंड पार्सल कंपनी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए काम करती है. यह डोरस्टेप सर्विस देती है. कंपनी के साथ 200 कर्मचारी और 300 से अधिक डिब्बेवाले जुड़े हैं. कंपनी रोजाना 1200 से ज्यादा पार्सल डिलीवर करती थी. साल 2021 में तिलक मेहता की कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था. तिलक मेहता कंपनी के फाउंडर हैं. जबकि घनश्याम पारेख कंपनी के सीईओ हैं.

ये भी पढ़ें: