वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने, समय की खपत को कम करने, बोझ को कम करने के लिए वन नेशन वन आईटीआर फॉर्म लागू करने की योजना बनाई है. इसमें चैरिटेबल ट्रस्टों पर लागू आईटीआर फॉर्म -7 को छोड़कर सभी मौजूदा आईटीआर को मिलाकर एक आम आयकर रिटर्न (ITR) पेश किया गया है. इसके लिए ड्राफ्ट भी रिलीज कर दिया गया है. जिसपर 15 दिसंबर तक सभी स्टेकहोल्डर्स अपनी राय दे सकते हैं. प्रपोजल के अनुसार, सभी टैक्सपैयर्स, ट्रस्ट और एनजीओ (ITR-7) को छोड़कर, एक कॉमन ITR फॉर्म भरने में सक्षम होंगे. सीबीडीटी ने इसे लेकर कहा, "प्रस्तावित आईटीआर के ड्राफ्ट में आईटीआर -7 को छोड़कर आय के सभी मौजूदा रिटर्न को मिलाकर एक आम आईटीआर पेश करने का प्रस्ताव रखा गया है."
आईटीआर फॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
मौैजूदा समय की बात करें तो आईटीआर फॉर्म सात तरह के होते हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स करते हैं. वे इस प्रकार हैं-
-ITR फॉर्म 1, जिसे 'सहज' कहा जाता है, छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स के लिए है. सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों द्वारा, वेतन, एक गृह संपत्ति / अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय के साथ दाखिल किए जा सकते हैं.
-ITR-2 आवासीय संपत्ति से आय वाले लोगों द्वारा दाखिल किया जाता है.
-ITR-3 उन लोगों के लिए है जिनकी आय व्यवसाय/पेशे से होती है
-ITR-4 (सुगम), ITR-1 (सहज) की तरह, एक सिंपल फॉर्म है, और इसे व्यक्तियों, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) और फर्मों द्वारा दायर किया जा सकता है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है.
-ITR-5 और ITR-6 लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) और बिजनेस के लिए हैं.
-ITR-7 ट्रस्टों और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा दाखिल किया जाता है.
क्या है इस ड्राफ्ट में?
सीबीडीटी के सर्कुलर के अनुसार, कॉमन आईटीआर निम्नलिखित विशेषताओं के साथ आएगा:
1. बुनियादी जानकारी, कुल आय और टैक्स की गणना, बैंक खातों का विवरण, जो पैन से जुड़े होने पर पहले से भरा जाएगा, और टैक्स पेमेंट
2. शेड्यूल को तभी एक्टिव किया जाएगा जब संबंधित करदाता द्वारा कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए जाएंगे
3.रिटर्न फाइल करने के लिए निर्देश
4. एक आसान रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया.
इस प्रकार, टैक्सपेयेर्स को आईटीआर के सभी हिस्सों से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा, कॉमन आईटीआर फॉर्म भी मौजूदा व्यवस्था की तरह कर विभागों के पास पहले से उपलब्ध सूचनाओं से भरा होगा. हालांकि, सीबीडीटी ने यह भी कहा है कि मौजूदा ITR-1 और ITR-4 जारी रहेगा. टैक्सपेयेर्स अपनी सुविधा के अनुसार मौजूदा फॉर्म (ITR-1 या ITR-4) या कॉमन ITR फाइल कर सकेंगे.
एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट की करते रहें जांच
सीबीडीटी के जॉइंट सेक्रेटरी कमलेश वार्ष्णेय ने हाल ही में करदाताओं को अपने एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट सूचना विवरण (AIS) की जांच करने की सलाह दी है. बता दें, एआईएस के तहत विभिन्न संस्थाओं, बैंकों, आरटीओ, स्टॉक एक्सचेंज आदि द्वारा कर विभाग को रिपोर्ट किए गए वित्तीय लेनदेन शामिल हैं. इसे दो भागों में बांटा गया है: भाग ए में टैक्सपेयर्स की सामान्य जानकारी होती है, जैसे नाम, पैन, आधार संख्या, जन्म तिथि आदि, जबकि भाग बी में टीडीएस, टीसीएस, 53 प्रकार के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (SFT) पर व्यापक जानकारी होती है.
गौरतलब है कि स्टॉकोल्डेर्स 15 दिसंबर, 2022 तक डर्टप्ल4@nic.in पर अपनी टिप्पणी और सुझाव भेज सकते हैं.