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Pepsico potato case: Delhi HC ने खारिज की आलू की खास वैरायटी पर PepsiCo कंपनी की पेटेंट अपील, जानिए क्या है पूरा मामला

Pepsico Lay's potato case: दिल्ली हाईकोर्ट ने Lay's Chips बनाने वाली कंपनी पेप्सिको की एक याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने चिप्स में इस्तेमाल होने वाली आलू की किस्म के पेटेंट को रद्द करने वाली PPVFR अथॉरिटी के आदेश को रद्द करने की मांग की थी.

लेज चिप्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है लेज चिप्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है

मल्टी नेशनल कंपनी पेप्सिको को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें आसू की खास किस्म पर पेटेंट को लेकर PPVFR अथॉरिटी की तरफ से दिए गए फैसले पर विचार करने को कहा गया था. दरअसल प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटीज एंड फार्मर राइट्स अथॉरिटी ने साल 2021 में लेज बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले खास किस्म के आलू पर कंपनी के पेटेंट को रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ कंपनी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने अब याचिका को खारिज कर दिया है.

क्या है पूरा मामला-
एफएल 2027 आलू की एक किस्म है, जो चिप्स बनाने के लिए सबसे अच्छी होती है. जबकि सामान्य आलू में नमी अधिक होती है और इसमें चीनी की मात्रा भी अधिक होती है, जिसकी वजह से तलने पर कालापन आने लगता है. जबकि एफएल 2027 में चीनी की मात्रा कम होती है.
आलू की इस वेरायटी को साल 1996 में रॉबर्ट डब्ल्यू हूप्स ने विकसित किया था, जो पेप्सिको इंक के एक डिविजन फ्रिटो-ले एग्रीकल्चरल रिसर्च में काम करने वाले एक अमेरिकी ब्रीडर थे. पेप्सिको इस आलू का इस्तेमाल करके लेज ब्रांड के तहत चिप्स बनाया है. भारत में पेप्सिको के एक कॉन्ट्रैक्ट के जरिए 14000 किसान इस किस्म के आलू की खेती करते हैं.
अमेरिकी फूड, क्नैक और पेय पदार्थ की दिग्गज कंपनी की सहयोगी पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स को एक फरवरी 2016 को आलू की 'मौजूदा किस्म' को एफएल 2027 के तौर पर रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट दिया गया. कंपनी ने ही आलू की इस किस्म को डेवलप किया था.
रजिस्ट्रेशन के दिन से 6 साल तक कंपनी के बिना इजाजत के आलू की इस किस्म की व्यावसायिक खेती, बिक्री, आयात और निर्यात नहीं कर सकता. हालांकि इस पीरियड को 15 साल तक बढ़ाया जा सकता था.

इसके बाद क्या हुआ-
PPVFRA एक अथॉरिटी है, जिसके तहत एफएल 2027 के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया था. 3 दिसंबर 2021 को अथॉरिटी ने एक आदेश पारित किया और इस रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया. PPVFRA ने 11 फरवरी 2022 को एक चिट्ठी जारी की, जिसमें उसने पेप्सिको इंडिया के रजिस्ट्रेशन के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया. पेप्सिको ने इसी आदेश और चिट्ठी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने 5 जुलाई के अपने फैसले में पीपीवीएफआरए के फैसले को बरकरार रखा है.

रजिस्ट्रेशन को रद्द क्यों किया गया था-
पेप्सिको ने 16 फरवरी 2012 को अपने एक आवेदन में एफएल 2027 को नई किस्म के तौर पर रजिस्ट्रेशन की मांग की थी. कंपनी ने अपने आवेदन में भारत में इसके कमर्शियलाइजेशन की तारीख 17 दिसंबर 2009 बताई थी. इसको मान्यता तभी मिलती, जब ये नई किस्म के मापदंडों को पूरा करता. इसके लिए जरूरी था कि ये किस्म भारत में आवेदन की तारीख से एक साल पहले भारत में नहीं बेची गई हो. नई किस्म के मापदंडों पर खरा नहीं उतरने पर इसे सिर्फ विस्तारित किस्म के तौर पर ही रजिस्ट्रेशन किया जा सकता था. इसके अलावा इसमें ये भी पाया गया कि पेप्सिको ने अपने आवेदन में इस किस्म की बिक्री की पहली तारीख 17 दिसंबर 2009 बताई थी, जबकि 2002 में चिली में इसका कमर्शियलाइजेशन हो चुका था. इस तरह से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट गलत जानकारी देकर प्राप्त किया गया था. इसलिए PPVFRA ने रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था.

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