फरवरी महीने की पहली तारीख को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश किया. बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कई ऐलान किए थे. साथ ही वित्त मंत्री ने कर्मचारी भविष्य निधि ( EPF) को लेकर भी बड़ी घोषणा की थी. एक अप्रैल से पीएफ को लेकर नया कानून लागु होने जा रहा है साथ ही ईपीएफ खाते में 2.5 लाख से ज्यादा अंशदान पर के ब्याज पर 1 अप्रैल से टैक्स लगेगा. इसके दायरे में 6 करोड़ से ज्यादा पीएफ खाताधारक आएंगे. इस नए नियम के तहत ज्यादा अंशदान से होने वाली इनकम टैक्स के दायरे में आएगी. साथ ही 31 मार्च 2021 तक किए गए सभी कर्मचारियों के अंशदान गैर-कर योग्य माना जाएगा. आईये जानते हैं इस नए नियम के बारे में जरूरी बातें और इस नियम से पड़ने वाले असर को.
कितने अतिरिक्त अंशदान का ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा
फाइनेंस एक्ट 2021 में नया प्रावधान जोड़ा गया था. इसके तहत कोई कर्मचारी अपने प्रोविडेंट फंड में एक फाइनेंशियल ईयर में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जितना भी इंवेसट करेगा, उसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा.
ज्यादा अंशदान पर टैक्स की गणना कैसे होगी
बता दें कि सीबीडीटी ने इसके लिए रूल 9D को नोटिफाई किया है. इसके तहत ईपीएफ से अतिरिक्त इनकम पर टैक्स की गणना के लिए दो अकाउंट बनेंगे. पहला- टैक्सेबल और दूसरा- नॉन- टैक्सेबल. यानी आप जितना निवेश करेंगे, उसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. इसमें ध्यान गेने वाली बात ये है कि यहां पर दो अकाउंट का मतलब ये नहीं है कि दो यूएएन भी होंगे. फिलहाल ईपीएफ का सलाना विवरण कर्मचारियों की पेंशन योजना के तय राशि के साथ अर्जित ब्याज, नियोक्ता के अंशदान और अर्जित ब्याज के साथ आपके अंशदान को दर्शाता है. ऐसे में जाहिर है कि कर्मचारियों के अतिरिक्त अंशदान के तहत दो कॉलम और जोड़ दिए जाएं.
क्या सभी कर्मचारियों का सलाना टैक्स फ्री योगदान 2.5 रुपये है?
जिन कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में कंपनी का कोई योगदान नहीं है , उनके लिए यह सीमा 2.5 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये होगी. सरकारी कर्मचारियों के लिए भी इतनी ही सीमा तय की गई है.
अतिरिक्त इनकम पर कैसे लगेगा टैक्स
अभी इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. एक्सपर्टस का कहना है कि अतिरिक्त आय पर लगने वाला टैक्स आयकर स्लैब के मुताबिक होगा. अतिरिक्त आय का ब्योरा आईटीआर फाइलिंग में भी देना होगा.