चार दिवसीय यूएस दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अरबपति बिजनेसमैन और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से मुलाकात की. इस मीटिंग के बाद मस्क ने कहा कि टेस्ला की जल्द ही भारत में एंट्री होगी. मस्क अगले साल भारत आने का विचार भी कर रहे हैं. पीएम मोदी ने मस्क को भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और कॉमर्शियल स्पेस सेक्टर में निवेश के अवसरों एक्सप्लोर करने के लिए इनवाइट किया है. बता दें, ट्विटर का मालिक बनने के बाद मस्क की पीएम से ये पहली मुलाकात है.
टेस्ला भारत में बनाएगी अपनी कारें
इस मुलाकात के बाद एलन मस्क ने कहा कि, मोदी भारत की चिंता करते हैं. वह हमें भारत में बड़ा निवेश करने के लिए बुला रहे हैं. पूरी दुनिया के सबसे बड़े देशों में से भारत एक ऐसा देश है जहां अधिक संभावनाएं हैं. हम भारत में निवेश करके दिखाएंगे हमको बस सही समय का इंतजार है. भारत के पास सोलर एनर्जी जेनरेट करने के लिए काफी जमीन है. टेस्ला के भारत आने के बारे में मस्क ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि टेस्ला भारत आएगी और हम जल्दी से जल्दी ऐसा करेंगे.'
भारत के ईवी मार्केट में टाटा मोटर्स का कब्जा
टेस्ला भारत में निवेश पर तेजी से काम कर रहा है. क्योंकि यहां केवल दो ही स्वदेशी कंपनियां हैं: टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा. टाटा मोटर्स ने 2022-2023 में 484,843 कारों में से 38,322 इलेक्ट्रिक कारें बेचीं. कुल बिकी ईवी में 75 पर्सेंट से ज्यादा टाटा मोटर्स की बैटरी से चलने वाली गाड़ियां हैं. वहीं, महिंद्रा और सिट्रोएन की इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री भी समय के साथ बढ़ रही है. भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स की नेक्सॉन ईवी प्राइम और नेक्सॉन ईवी मैक्स, महिंद्रा की एक्सयूवी400, एमजी मोटर की जेडएस ईवी, हुंडई की आयोनिक 5, बीवाईडी की ईवी6 और ऐटो 3 समेत अन्य मिड रेंज और प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारों की अच्छी बिक्री होती है. ऐसे में टेस्ला अपनी जगह बनाने में कामयाब हो सकता है.
भारत में टेस्टा अबतक क्यों नहीं बना पाई जगह?
अप्रैल 2016 की शुरुआत में टेस्ला ने कहा कि वो अपने मॉडल 3 को भारत लाएगी और इसके लिए बुकिंग लेना शुरू कर दिया लेकिन चीजें प्लान के हिसाब से नहीं हो पाईं. दो साल पहले, मस्क ने कारों के आयात के लिए बेंगलुरु में एक कंपनी रजिस्टर की और सरकार से आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) को घटाकर 40 प्रतिशत करने को कहा. एलन मस्क चाहते थे कि पहले भारत में कारों की बिक्री की जाए, इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का विचार किया जाएगा. लेकिन भारत सरकार ने मना कर दिया. सरकार निश्चित मूल्य सीमा में कारों के इंपोर्ट पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाती है, जिससे देश में उनकी कीमतें दोगुनी हो जाती हैं.
टेस्ला चाहती थी कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए, लेकिन सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ नहीं किया जा सकता. सरकार ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का कमिटमेंट करती है तो इंपोर्ट पर रियायत देने पर विचार किया जाएगा.
शंघाई गिगाफैक्टरी प्रोडक्शन के हिसाब से दुनिया में टेस्ला की सबसे बड़ी फैक्ट्री है, जोकि दुनियाभर में बेचे जाने वाले सभी टेस्ला के आधे से अधिक की आपूर्ति करती है. लेकिन अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण टेस्ला चीन से बाहर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शिफ्ट करने पर प्लान कर रही है. अगर टेस्ला और सरकार के बीच बात बन जाती है तो जल्द ही टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भारत में भी होगा.
मोस्ट वैल्यूएबल ऑटो ब्रांड टेस्ला
टेस्ला 66.2 बिलियन डॉलर (लगभग 5.42 लाख करोड़) ब्रांड वैल्यूएशन के साथ दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटोमोबाइल कंपनी है. पहले 'मर्सिडीज-बेंज' नंबर एक पर थी. ब्रांड वैल्यूएशन में नंबर 1 बनने के बाद इतना तो कहा जा सकता है कि कस्टमर्स टेस्ला को अधिक महत्व दे रहे हैं, जिससे भविष्य में सेल्स और रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो सकती है. अगर भारत में टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खुलता है तो बेशक इससे भारत की इकॉनमी बूस्ट होगी. टेस्ला किसी भी भारतीय राज्य में अपना प्रोडक्शन प्लांट शुरू करती है तो छूट का लाभ ले सकती है.