Micron investment in India: कैबिनेट ने माइक्रॉन टेक्नोलॉजी की $2.7 बिलियन सेमीकंडक्टर टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट शुरू करने की योजना को मंजूरी दे दी है. माइक्रॉन का यह प्लांट सेमीकंडक्टर बनाने का नहीं होगा, बल्कि टेस्टिंग और पैकेजिंग के लिए होगा. इसके लिए कंपनी भारत में 2.7 बिलियन डॉलर का निवेश (Micron India Investment) करेगी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा (PM Modi US Visit) से पहले दी गई है. Reuters के मुताबिक इस सिलसिले में भारत सरकार और माइक्रॉन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है.
गुजरात में लग सकता है माइक्रॉन का प्लांट
माइक्रॉन का यह प्रस्तावित प्लांट गुजरात में लगने की उम्मीद जताई जा रही है. इस एग्रीमेंट के तहत अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी को 1.34 बिलियन डॉलर के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का फायदा होगा. यह भारत में एक OSAT (आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) प्लांट स्थापित करेगा जो इसके प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग और पैकेजिंग करेगा ताकि इसे इस्तेमाल के लिए तैयार किया जा सके. Sahasra सेमीकंडक्टर्स पहला ओएसएटी प्लांट होगा जिसके जल्द ही प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है.
30.8 बिलियन डॉलर की कंपनी है माइक्रॉन
माइक्रोन दुनिया की सबसे बड़ी मेमोरी और स्टोरेज टेक्नोलॉजी प्लेयर्स में से एक है. माइक्रॉन कंप्यूटर मेमोरी, फ्लैश ड्राइव, यूएसबी फ्लैश ड्राइव जैसी चिप बनाती है. 30.8 बिलियन डॉलर के माइक्रॉन के 11 Manufacturing प्लांट अमेरिका, जापान, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान और चीन में हैं. माइक्रॉन ने जून में ही न्यूयॉर्क में मेगा फैब बनाने के लिए अगले 20 सालों में 100 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की थी.
भारत में संभावनाएं तलाश रही माइक्रॉन
मई में, माइक्रोन सिक्योरिटी रिव्यू में फेल हो गया था, जिसके बाद अमेरिका की सबसे बड़ी मेमोरी चिपमेकर से प्रोडक्ट खरीदने पर चीन ने बैन लगा दिया था. चीन ने माइक्रोन प्रोडक्ट पर बैन लगाते हुए कहा था कि माइक्रोन के उत्पाद चीन की नेटवर्क सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. माइक्रोन के प्रोडक्ट को चीन के टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए खतरा पाया गया. चीन के इस फैसले से बाइडेन प्रशासन में नाराजगी है और माइक्रॉन भारत में संभावनाएं तलाश रही है.
भारत में पैदा होंगे रोजगार के मौके
पीएम मोदी का लक्ष्य चिप प्रोडक्शन के मामले में भारत को वैश्विक केद्र बनाने की है. माइक्रॉन के इस निवेश से भारत में सेमीकंडक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को मंजूरी मिलने से जहां स्थानीय कंपनियों के लिए चिप की किल्लत दूर होगी. इससे एडवांस टेक्नोलॉजी में आत्म निर्भरता आएगी. भारत को निर्यात से विदेशी मुद्रा कमाने का भी मौका मिलेगा. इसके अलावा यह जॉब मार्केट के लिए भी बड़ा मौका होगा. माइक्रोन के भारत में लगने वाले इस प्लांट से 5,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है. चीन से बिगड़ते रिश्तों के बीच अमेरिका अपनी चिप कंपनियों पर भारत में निवेश का दबाव बना रहा है.