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My Mandi Startup: मिलिए इस Royal Entrepreneur से, 4000 करोड़ के महल में रहने वाले प्रिंस ने शुरू किया फल-सब्जी का स्टार्टअप

मशहूर राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महानआर्यमन सिंधिया ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत से अलग हटकर एक ऐसा रास्ता चुना है, जो मुश्किल है लेकिन प्रेरक है. उन्होंने कृषि के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए एक उद्यमशीलता यात्रा शुरू की है.

Mahanaaryaman Rao Scindia Mahanaaryaman Rao Scindia
हाइलाइट्स
  • नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्टअप

  • साल 2022 में शुरू किया My Mandi

ग्वालियर के 27 वर्षीय युवराज महानआर्यमन सिंधिया अपने दम पर बहुत कुछ ऐसा कर रहे हैं जो प्रेरणादायक है. ग्वालियर के महाराजा और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे, आर्यमन दो स्टार्ट-अप चलाते हैं, मध्य प्रदेश में खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रहे हैं और उनकी सहायता कर रहे हैं, सरकारी स्कूलों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए एक नॉन-प्रॉफिट संगठन के साथ काम करते हैं, और यूरोपीय शैली के 400 कमरों वाले जय विलास पैलेस सहित ग्वालियर में पारिवारिक प्रॉपर्टी की देखभाल करते हैं. इस पैलेस की कीमत लगभग 4000 करोड़ रुपए है. 

नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्टअप 
देश के मशहूर राजपरिवारों में से एक सिंधिया राजघराने में जन्मे आर्यमन ने 2019 में अमेरिकी कॉलेज से स्नातक होने के बाद, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ काम किया. लेकिन कोरोना महामारी आने से कुछ समय पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी. म्यूजिक और फूड, आर्यमन का पैशन हैं और इसलिए उन्होंने म्यूजिक फेस्टिवल, Cymbal (अपने दोस्त नकुल मेहन के साथ), और मुंबई स्थित शेफ प्रतीक साधु के साथ 'प्रवास' का शुभारंभ किया. यह साल 2021 में उनके घर, जय विलास पैलेस में शुरू हुआ था. 

इसके साथ, आर्यमन ने साल 2022 में अपना स्टार्ट-अप, MyMandi शुरू किया, जो एक B2B2C मार्केटप्लेस, एक ऑनलाइन एग्रीगेटर है. यह  सब्जी/फल विक्रेताओं और ठेला चलाने वाले समुदाय के साथ काम करता है. आर्यमन का कहना है कि कोविड के बाद, उन्हें अपने दम पर कुछ शुरू करना था. ग्वालियर में समय बिताने के दौरान आर्यमन और उनके करीबी दोस्त सूर्यांश राणा  (सह-संस्थापक) ने टियर-II शहर के ट्रेंड को समझा. आर्यमन का मानना ​​था कि भारत में विकास की कहानी टियर-2 शहरों से आएगी, जहां आबादी का 80% हिस्सा है. उन्होंने महसूस किया कि हर एक शहर में बड़ी संख्या में ठेलेवाले (सब्जी विक्रेता/ठेलेवाले) हैं और वे पहले से ही भारत में फ्रेश प्रोड्यूस का सबसे बड़ा डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम हैं. वहां से MyMandi का जन्म हुआ. 

क्या है बिजनेस मॉडल 
ठेलेवालों के लिए खरीदने की सर्विस देकर, MyMandi उन्हें कम कीमत पर ताजा उपज खरीदने और सीधे मंडी से लेने में सक्षम बनाता है, जिससे बर्बादी कम होती है. पूरे मॉडल में थोक में फल-सब्जियां खरीदना और ठेले वालों तक पहुंचाना है. एक अकेला ठेलावाला 10 किलो उपज खरीदता है; इसलिए वे 1 टन उपज खरीदते हैं, इसे छांटकर पैक करते हैं और उन्हें भेजते हैं, इसलिए बर्बादी भी कम होती है. एक टन को वे 100 ठेलेवालों में बांटते हैं. 

वर्तमान में चार शहरों - जयपुर, नागपुर, ग्वालियर और आगरा में My Mandi काम कर रहा है, और जनवरी 2024 तक ब्रेक-ईवन की योजना बना रहे हैं. रेवेन्यू के लिहाज से, आर्यमन का कहना है कि यह प्रति माह ₹70 लाख से बढ़कर ₹80-85 हो गया है, और अब लगभग ₹1 करोड़ है. वह एक बी2बी ऐप पर भी काम कर रहे हैं, जिससे ठेलावाले अपने ऑर्डर ऑनलाइन दे सकें, जिससे डिजिटल लेनदेन और डेटा एनालिटिक्स सक्षम हो सके. वह मोबाइल किराना स्टोर बनाने पर काम कर रहे हैं. 

With his co-founder

My Mandi कंपनी को पिछले साल जुलाई में ₹4.2 करोड़ की फंडिंग मिली थी. अब वह और फंडिंग जुटाने पर काम कर रहे हैं ताकि तकनीक पर काम कर सकें. वे लोगों को न्यूनतम वेतन पर सॉर्टर्स और पैकेजर्स के रूप में काम देना शुरू करेंगे, और यही लोग आगे चलकर प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख बन जाएंगे, और अब उन्हें जो भुगतान किया जा रहा है उससे 10 या 15 गुना कमाना शुरू कर देंगे. वर्तमान में उनके पास चार शहरों में 150 कर्मचारी हैं. 

ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष
आर्यमन हाल ही में ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में राज्य क्रिकेट बोर्ड में शामिल हुए हैं. आर्यमान का कहना है कि वे ग्रामीण प्रतिभाओं को बाहर निकालने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम-स्तरीय और साथ ही जिला-स्तरीय टूर्नामेंट बनाने पर काम कर रहे हैं. वह मध्य प्रदेश में एक मिनी आईपीएल लीग पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें 4-5 टीमें प्रतिस्पर्धा कर रही हैं - जिससे खिलाड़ियों को कमाई और अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा.

उनके पास दिव्यांग क्रिकेट के लिए एक नई कैटेगरी है. इन लोगों को व्हीलचेयर में खेलते देखना हैरानी की बात है, उन्होंने हम सभी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है. खेल के अलावा, वह सरकारी स्कूलों को बदलने और उन्हें तकनीक-फ्रेंडली बनाने के लिए NGOs के साथ काम कर रहे हैं.