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RBI ने उठाया बड़ा कदम, केंद्र सरकार को 2,10,874 करोड़ रुपए देने का किया फैसला, लेकिन क्यों, यहां जानिए

RBI Approves Highest Ever Dividend: आरबीआई ने 2023-24 में 3 लाख करोड़ का मुनाफा कमाने वाले बैंकों के शानदार प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार को 2,10,874 करोड़ रुपए डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यह वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 141 प्रतिशत अधिक है. 

RBI Approves Highest Ever Dividend RBI Approves Highest Ever Dividend
हाइलाइट्स
  • बैंकों के शानदार प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार को इतना ज्यादा डिविडेंड देने का किया ऐलान 

  • गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई बैठक 

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) के एक फैसले से केंद्र सरकार की बल्ले-बल्ले हो गई है. लोकसभा चुनाव के बीच सरकार का खजाना भर गया है. आरबीआई ने केंद्र सरकार को भारी-भरकम रकम बतौर लाभांश (Dividend) देने का ऐलान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार की बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार (Central government) को  2,10,874 करोड़ रुपए के लाभांश को मंजूरी दी हो, जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 141 प्रतिशत अधिक है.

इसिलए इतना ज्यादा लाभांश देने का किया निर्णय 
भारतीय रिजर्व बैंक ने  2023-24 में 3 लाख करोड़ का मुनाफा कमाने वाले बैंकों के शानदार प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार को इतना ज्यादा डिविडेंड देने का ऐलान किया है. मोदी सरकार इतना ज्यादा लाभांश मिलने से गदगद है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 87,416 करोड़ रुपए का लाभांश सरकार को दिया था. पिछला उच्चतम स्तर वित्त वर्ष 2018-19 में रहा था जब रिजर्व बैंक ने सरकार को लगभग 1.76 लाख करोड़ रुपए का लाभांश दिया था.

गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मुंबई में आयोजित आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में लाभांश भुगतान का निर्णय लिया गया. आरबीआई ने 22 मई 2024 को एक बयान में कहा था कि ये डिविडेंड बिमल जालान समिति की सिफारिशों के अनुसार दिया जा रहा है, जो 26 अगस्त, 2019 को केंद्रीय बैंक द्वारा अपनाई गई थी. समिति ने कहा था कि सीआरबी (Contingent Risk Buffer) के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई के बही-खाते के 6.5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में रखा जाना चाहिए.आपको मालूम हो कि हर साल आरबीआई निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को केंद्र सरकार को एक निश्चित राशि के रूप में हस्तांतरित करता है.

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किस वित्त वर्ष कितना दिया डिविडेंड 
1. 2023-24: 2,10,874 करोड़ रुपए.
2. 2022-23: 87,416 करोड़ रुपए.
3. 2021-22: 30,307 करोड़ रुपए.
4. 2019-20: 57,128 करोड़ रुपए.
5. 2018-19: 1,75,988 करोड़ रुपए.
6. 2017-18: 50,000 करोड़ रुपए.

सरकार को मिलेगी काफी मदद
अनुमान से अधिक लाभांश मिलने से केंद्र सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने व्यय एवं राजस्व के बीच अंतर यानी राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 फीसदी पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा हुआ है. इतना अधिक लाभांश मिलने से केंद्र सरकार को नई योजनाओं में खर्च करने में भी मदद मिलेगी. यही नहीं, इतनी बड़ी रकम मिलने से  सरकार को विनिवेश के लक्ष्य से चूक जाने के बाद रेवेन्यू कलेक्शन में आई कमी की भरपाई करने का मौका मिलेगा. सरकार की जनकल्याण योजनाओं के लिए पैसा जुटाना भी इस रकम के मिलने के बाद काफी हद तक आसान हो जाएगा. 

2024-25 के अंतरिम बजट में सरकार ने RBI और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपए की लाभांश आय का अनुमान लगाया था. आरबीआई के निदेशक मंडल ने वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिमों और वैश्विक एवं घरेलू आर्थिक परिदृश्य की भी समीक्षा की. इसके अलावा बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की गई और पिछले वित्त वर्ष के लिए इसकी वार्षिक रिपोर्ट एवं वित्तीय विवरण को मंजूरी दी गई. आरबीआई ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि में पुनरुद्धार होने पर सीआरबी को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत किया गया था. अर्थव्यवस्था में मजबूती और जुझारूपन बने रहने से निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का फैसला किया है.

क्या होता है डिविडेंड 
डिविडेंड यानी लाभांश कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा है, जो शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है. यह नकद, नकद समतुल्य, शेयर वगैरह के रूप में हो सकता है. आरबीआई अपनी सरप्लस इनकम से सरकार को डिविडेंड देती है. ये पैसा आरबीआई निवेश और डॉलर को रखने के बाद वैल्यूएशन में हुई बढ़ोतरी से कमाती है. इसके साथ ही करेंसी प्रिंट करने पर मिलने वाली फीस भी इसमें शामिल होती है.रिजर्व बैंक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के दायरे में आता है. उसका काम भारत के बैंकिंग सिस्टम को रेगुलेट करना है. इसके अलावा करेंसी यानी भारतीय रुपए की छपाई करना, उसकी बाजार में सप्लाई करना, रुपए की आपूर्ति से लेकर उसके भाव को कंट्रोल करना भी रिजर्व बैंक का काम है.