दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा बढ़ती जा रही है. लेकिन भारत ने इसे लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की है. इतना ही नहीं बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तो इसपर बैन लगाने की बात भी कही है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले दो सालों में कई मंचों पर इस पर अपने विचार प्रकट करते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की है.
जनवरी में उन्होंने एक मंच से कहा था, "क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, बाजार में इसका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं दिया जाना चाहिए. हर संपत्ति की तरह, हर वित्तीय उत्पाद कुछ अंडरलाइंग वैल्यू के साथ आता है, इसलिए क्रिप्टो का मूल्य पूरी तरह से विश्वास के फैक्टर पर आधारित है. ये जुआ का एक रूप है और यह 100 प्रतिशत सट्टेबाजी की दुनिया के अलावा और कुछ नहीं है. इतना ही नहीं बल्कि गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अगर भारत में क्रिप्टो की अनुमति दी जाती है, तो आरबीआई ट्रांजेक्शन को मॉनिटरिंग करने में विफल हो सकता है.”
जुआ की तरह है क्रिप्टो
क्रिप्टो को जुए का एक रूप बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत में जुए को बढ़ावा नहीं दिया जाता है. अगर लोग अभी भी इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो इसके लिए उचित नियम बनाने की जरूरत है, साथ ही उन्होंने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि क्रिप्टो उत्पादों पर ध्यान देने की जरूरत है और आगे चलकर इस समस्या से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ढांचा विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.
आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध किया है
हालांकि, आरबीआई ने जहां क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध किया है. लेकिन खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को सभी लोगों तक पहुंचाने की बात हो रही है. डिजिटल करेंसी को खुदरा उपयोग के लिए 1 दिसंबर, 2022 को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था. आरबीआई इस महीने के आखिर तक 10 लाख उपयोगकर्ताओं को टारगेट करने के लिए तैयार है.
आरबीआई ने गुरुवार को पोस्ट रेपो रेट अनाउंसमेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी जानकारी दी. हालांकि सीबीडीसी के पूर्ण रूप से लॉन्च के लिए कोई विशेष तारीख नहीं बताई गई है. आरबीआई की यूपीआई प्लेटफॉर्म को सीबीडीसी के साथ पूरी तरह से इंटरऑपरेबल बनाने की भी योजना है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने 8 जून को कहा था, “हम किसी खास तारीख को टारगेट नहीं कर रहे हैं, यह एक कैलिब्रेटेड अप्रोच होगी.”
क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने का मामला
जहां तक क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बात है, जुलाई 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बाद ही कोई स्टैंड लिया जा सकता है. उन्होंने कहा था, "क्रिप्टोकरेंसी परिभाषा के अनुसार सीमाहीन हैं और रेगुलेटरी आर्बिट्रेज को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है.”