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पैसों के लेनदेन से जुड़े फ्रॉड पर लगेगी लगाम...1 जनवरी से RBI का DAKSH Portal रखेगा इस पर नजर, कैसे करेगा काम? जानिए

पेमेंट फ्रॉड मैनेजमेंट को ऑटोमेट करने के लिए आरबीआई एक स्पेशल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा रहा है. इस खास प्लेटफॉर्म का नाम है RBI DAKSH है. यह एक तरीके का पोर्टल है जिसमें फ्रॉड से जुड़ी खबरें दर्ज होंगी.

Daksh portal Daksh portal

पैसों के लेनदेन में होने वाले फ्रॉड से निपटने के लिए RBI ने Daksh Portal बनाया है. 1 जनवरी से इस पोर्टल पर वित्तीय शिकायतों को दर्ज किया जाएगा और यहीं से उनका निपटारा होगा. आरबीआई बैंक ने कहा कि उसके पास जो भी पुरानी शिकायतें हैं उन्हें वो दक्ष पोर्टल पर ट्रांसफर कर देगी और सारी शिकायतों का निपटारा वहीं से होगा.

क्यों लाया गया पोर्टल
रिजर्व बैंक अपने पूरे सुपरवाइजरी सिस्टम को बदल रहा है. बैंकर्स के लिए और मोबाइल, क्रेडिट कार्ड आदि चीजों के लिए बैंकिंग सेवाओं का उपभोग करने वाले के लिए ये एक महत्वपूर्ण बात है. 1 जनवरी 2023 से रिजर्व बैंक सुपरवाइजरी का बिल्कुल नया सिस्टम लेकर आ रहा है और ये सिस्टम काफी बड़ा रोबस्ट और कई सारे अयामों से जुड़ा हुआ है. पिछले दो सालों में भारत में ऑनलाइन फ्रॉड्स का अयाम और अकार बहुत तेजी से बढ़ा है जिन्हें देखकर ये फैसला लिया गया. बैंक से लेकर कई अलग-अलग एजेंसिया जो बैंकिंग सेवा और बैंक जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं वो इसका शिकार हो रही हैं. पुरानी व्यवस्था के तहत अगर कोई भी फ्रॉड होता था और वो रिपोर्ट किया जाता था बैंक को मान लीजिए किसी के क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग हो गई या क्रेडिट कार्ड के जरिए गलत तरीके से पैसा निकाल लिया गया तो इसकी सूचना बैंक के पास आती थी और बैंक एक रिपोर्टिंग सिस्टम के जरिए इसे आरबीई के सिस्टम में अपलोड करता था.

अब आरबीआई के नए सर्कुलर के जरिए सभी बैंकों को इसमें माइग्रेट करना होगा. इसमें दो तीन महत्वपूर्ण बातें हैं.

1) बैंकों और वित्तीय सेवाएं देने वाली एजेंसियां जिसमें मोबाइल वॉलेट और पीओएस सिस्टम कंपनियां भी शामिल हैं. उन्हें अपने सिस्टम के जरिए मिली हुई फ्रॉड की सूचना और किसी अन्य सिस्टम के जरिए मिली हुई सूचना उन दोनों पर ध्यान देना होगा और दोनों की सूचना आरबीआई को देनी होगी.

2) दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं कि इसके साथ इन्हें एक सेंटल पेमेंट्स फ्रॉड इंफॉर्मेशन ऑथारिटी (CPFIR)में 7 दिन के अंदर फ्रॉड रिपोर्टिंग की सूचना दर्ज करानी होगी. एक तरीके से यह फ्रॉड दो जगह दर्ज होगा एक आरबीआई के पोर्टल पर और दूसरा सीपीएफआईआर पर. 2020 से यह ऑथारिटी काम कर रही है और पेमेंट्स फ्रॉड के मामले जो कॉमर्शियल बैंक और नॉन बैंक कंपनियां जो आपको तरह-तरह की सेवाएं देती हैं उनके भी फ्रॉड के इशूज को सुलझाने के लिए इसे बनाया गया है. 

रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 में सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड इंफॉरमेशन रजिस्ट्री (CPFIR) को शुरू किया था, जो कॉमर्शियल बैंकों और नॉन-बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) से जुड़ा पेमेंट फ्रॉड रिपोर्ट करती है.

3) तीसरी बात ये है कि पूरा गेमट जितना भी वित्तिय व्यवस्थाओं के पेमेंट का सिस्टम है चाहें वो क्रडिट कार्ड हो ,मोबाइल वॉलेट हो या यूपीआई ये सारी चीजें मिलाकर नई सुपरवाइजरी सिस्टम में शामिल की गई हैं. इसके जरिए रिजर्व बैंकों से आने वाली शिकायतों पर नजर रखेगा और इनके निस्तारण की व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा.