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RBI Monetary Policy: जरूरी सेवाओं पर UPI पेमेंट लिमिट 5 लाख रुपए, RBI ने रेपो रेट में भी नहीं किया कोई बदलाव

UPI पेमेंट लिमिट को लेकर आरबीआई ने बड़ा ऐलान किया है. आरबीआई ने जरूरी सेवाओं के लिए यूपीआई पेमेंट लिमिट 5 लाख रुपए तक कर दी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है. ये लगातार 5वीं बार ऐसा है, जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.

Rs 2,000 currency note. File photo Rs 2,000 currency note. File photo

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी है. आरबीआई ने लगातार 5वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक बार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि नवंबर में जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ देखने को मिली है. इसके साथ ही आरबीआई ने कुछ सेवाओं के लिए यूपीआई पेमेंट की लिमिट 5 लाख रुपए कर दी है.

जरूरी सेवाओं पर UPI पेमेंट लिमिट 5 लाख
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई यूजर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. इसके तहत अस्पताल (हेल्थकेयर) और शैक्षणिक संस्थाओं में यूपीआई से पेमेंट की लिमिट 5 लाख रुपए कर दी गई है. कुछ सेवाओं को छोड़कर पहले यह लिमिट एक लाख रुपए थी. RBI ने म्युचुअल फंड के सब्स्क्रिप्शन, इन्श्योरेन्स प्रीमियम के पेमेंट और क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान के लिए e-mandates की लिमिट 15 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने का भी एलान किया है.

कैपिटल मार्केट्स (AMC, ब्रोकिंग, म्युचुअल फंड etc.) क्रेडिट कार्ड पेमेंट, लोन रीपेमेंट, ईएमआई पेमेंट, इन्श्योरेन्स जैसी सेवाओं के लिए यूपीआई लिमिट 2 लाख रुपए है. दिसंबर 2021 में रीटेल डायरेक्ट स्कीम और आईपीओ सब्स्क्रिप्शन के लिए यूपीआई से पेमेंट की लिमिट 5 लाख रुपए तक कर दी गई थी.

रेपो रेट में बदलाव नहीं
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में इस बार भी रेपो रेट 6.5 फीसदी रखने का फैसला हुआ. आपको बता दें कि फरवरी के बाद से अभी तक एक बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है. उसके बाद से ही रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही बना हुआ है. 

महंगाई दर 4 फीसदी पर लाने की कोशिश
आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि खाद्य महंगाई दर का बढ़ना चिंताजनक बना हुआ है. गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने की कोशिश की जा रही है. मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.6 फीसदी पर रहने की संभावना है. जबकि चौथी तिमाही में यह 5.2 फीसदी रह सकता है.

जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान
आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियों में जुलाई-सितंबर महीने में उछाल देखने को मिला है. आरबीआई ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन बढ़ा है. प्राइवेट कंजम्प्शन लगातार बेहतर हो रहा है. कोर महंगाई घटने के संकेत मिल रहे हैं.

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