सस्ते लोन के लिए अभी इंतजार करना होगा. ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलेगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक हुई. इसके बाद गवर्नर ने फैसले का ऐलान किया और लगातार 7वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा है.
7वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं-
मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3 अप्रैल से शुरू हुई थी. आज यानी 5 अप्रैल को आरबीआई ने ऐलान किया कि रपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबाईआई ने लगातार 7वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.5 फीसदी रखने का फैसला किया गया है. इसका मतलब है कि ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलेगी.
आरबीआई ने आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव पिछले साल फरवरी 2023 में किया था. उस समय रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. जिसके बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 हो गया था.
7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी GDP-
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी. वित्त वर्ष 2025 के पहली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 7.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7 फीसदी और चौथी तिमाही में 7 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है.
क्या है रेपो रेट-
रेपो रेट यानी वह दर, जिसपर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट में बदलाव महंगाई को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. जब महंगाई बढ़ती है तो रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाती है. जब अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब होती है तो रेपो रेट कम किया जाता है. महंगाई में अचानक बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा करता है. ऐसे में इकोनॉमी की अच्छी ग्रोथ के लिए महंगाई को कंट्रोल करना जरूरी होता है. आरबीआई महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में बदलाव करता है. रेपो रेट में बदलाव का असर होम, पर्सनल, ऑटो लोन पर पड़ता है. हालांकि इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसलिए ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलेगी.
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