भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को वैश्विक क्रेडिट कार्ड प्रमुख अमेरिकन एक्सप्रेस (AmEx) पर अपने 16 महीने पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है. क्योंकि कंपनी ने केंद्रीय बैंक की डेटा लोकेलाइजेशन और स्टोरेज पॉलिसी का अनुपालन किया था. अप्रैल 2018 में लागू की गई यह नीति यह निर्धारित करती है कि भारत में कार्यरत सभी बैंकों और पेमेंट सिस्टम कंपनियों को अपने सभी कस्टमर डेटा को सिर्फ भारत में ही स्टोर करना चाहिए.
पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज पर 6 अप्रैल, 2018 को आरबीआई सर्कुलर निकला था और इसके बाद एमएक्स ने संतोषजनक अनुपालन किया. इससे कंपनी पर नए घरेलू ग्राहकों के ऑन-बोर्डिंग से संबंधित लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा दिए गए हैं.
जरूरी है RBI की नीति का पालन करना
केंद्रीय बैंक की इस नीति ने सभी सिस्टम प्रदाताओं (बैंक और कार्ड जारी करने वाली कंपनियों) के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया है कि उनका संपूर्ण कस्टमर डेटा, जिसमें "पूर्ण एंड-टू-एंड लेनदेन विवरण, एकत्र की गई, ले जाने, संसाधित की गई जानकारी शामिल है. उनके द्वारा संचालित पेमेंट सिस्टम से संबंधित संदेश, भुगतान निर्देश" आदि को केवल भारत में एक सिस्टम में स्टोर किया जाता है. इन संस्थाओं को RBI के इस निर्देश का अनुपालन करना और CERT-In पैनल के ऑडिटर को बोर्ड से एप्रुव सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट पेश करना जरूरी है.
ऐसी नीति बनाने का केंद्रीय बैंक का मुख्य उद्देश्य इन संस्थाओं के संचालन की "बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना" था. एमेक्स इंडिया ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत किया. इससे पहले आरबीआई ने मास्टरकार्ड और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल, दोनों पेमेंट सिस्टम कंपनियों, जैसे एमेक्स, पर समान उल्लंघन के लिए समान प्रतिबंध लगाए थे. डाइनर्स क्लब पर 9 नवंबर, 2021 को और मास्टरकार्ड पर 14 जून, 2022 को प्रतिबंध हटा दिया गया था.