ओटीटी के जमाने में नेटफ्लिक्स को हर कोई जानता है. नेटफ्लिक्स Inc इस वक्त अपने को-फाउंडर रीड हेस्टिंग्स के सीईओ के पद से इस्तीफे की वजह से चर्चा में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नेटफ्लिक्स कैसे इतनी बड़ी कंपनी बन गई? इसके पीछे किसका दिमाग था? कैसे एक सीडी बेचने वाली नेटफ्लिक्स ओटीटी की बादशाह बन गई. चलिए आपको इस कंपनी की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी बताते हैं.
जिम में आया नेटफ्लिक्स का आइडिया-
साल 1997 में रीड हेस्टिंग ने एक वीडियो स्टोर से एक फिल्म की कैसेट किराए पर ली थी. लेकिन वो इसे समय पर लौटा नहीं पाए. जब रीड इसको लौटाने स्टोर पर गए तो उनसे 40 डॉलर की लेट फीस वसूली गई. जिससे वो काफी निराश हुए. उसी दौरान एक दिन वो जिम में कसरत कर रहे थे, उसी दौरान वो सोच रहे थे कि जिम का रेवेन्यू मॉडल अच्छा है, जहां एक महीने का सब्सक्रिप्शन लो और जितना चाहे कसरत करो. रिड ने सोचा कि क्यों ना ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म फिल्मों के लिए बनाया जाए, जिसमें एक बार सब्सक्रिप्शन लेना हो और जितना चाहे उतना फिल्में देख सको.
रीड ने दोस्त से शेयर किया आइडिया-
जिम वाली सोच रीड के जेहन में बैठ गई. एक बार उन्होंने इस आइडिया को अपने दोस्त मार्क रेंडोल्फ से शेयर किया. मार्क को भी ये आइडिया बहुत पसंद आया. इसके बाद दोनों ने ऑनलाइन डीवीडी किराए पर देना शुरू किया. इस दौरान नेटफ्लिक्स ने अपना कंटेंट भी बनाना शुरू किया और लोगों को वो भी पसंद आने लगा
किराए पर सीडी देने से शुरू हुआ सिलसिला-
रीड और मार्क ने मिलकर 29 अगस्त 1997 को कैलिफोर्निया के स्कॉट वैली में नेटफ्लिक्स कंपनी की शुरुआत की. 30 कर्मचारी और 25 लाख डॉलर्स के निवेश से कंपनी शुरू हुई थी. शुरुआती दिनों में नेटफ्लिक्स किराए पर सीडी देने का काम करता था. एक डिमांड पर कंपनी सीडी लेकर कस्टमर के घर पहुंच जाती थी. जिसकी वजह से कंपनी तेजी से पॉपुलर हुई.
डीवीडी बेचने का काम शुरू किया-
नेटफ्लिक्स ने साल 1998 में कंपनी का दायरा बढ़ाया और सीडी बेचने का काम भी शुरू किया. कंपनी ने वेबसाइट नेटफ्लिक्स डॉट काम की शुरुआत और डीवीडी बेचने लगी. लेकिन दो साल बाद सितंबर 1999 में कंपनी ने महीने वाले सब्सक्रिप्शन प्लान के मॉडल पर काम करना शुरू किया. इस नए मॉडल को लोग खूब पसंद करने लगे. एक साल के भीतर कंपनी के 3 लाख सब्सक्राइबर हो गए. लगातार नेटफ्लिक्स की लोकप्रियता बढ़ने लगी. इस दौरान इस कंपनी को खरीदने की कोशिश भी हुई ब्लॉकबस्टर ने नेटफ्लिक्स को खरीदने की बात की. लेकिन रीड हेस्टिंग्स ने इनकार कर दिया.
रोजाना 10 लाख डीवीडी की डिलीवरी-
नेटफ्लिक्स कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा. रीड ने कंपनी को बड़ा बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया. साल 2000 में कंपनी ने ऑन डिमांड सर्विस शुरू की. इसके जरिए यूजर अपनी डिमांड के मुताबिक कंटेंट देख सकता था. ये सर्विस तेजी से पॉपुलर हुई. साल 2002 में कंपनी ने अपना आईपीओ लॉन्च किया. साल 2003 में कंपनी के पास 10 लाख सब्सक्राइबर हो गए थे. लेकिन इसके अगले ही साल रीड को कंपनी अकेले संभालनी पड़ी. रीड के दोस्त मार्क साल 2004 में रिटायर हो गए. लेकिन मार्क के रिटायरमेंट से पहले नेटफ्लिक्स बहुत बड़ी कंपनी बन गई थी. साल 2005 में कंपनी के पेड यूजर्स की संख्या 42 लाख हो गई और कंपनी के पास 35 हजार फिल्में हो गई थी. कंपनी इतनी बड़ी हो गई कि रोजाना 10 लाख डीवीडी कस्टमर्स को डिलीवर करने लगी.
2007 में स्ट्रीमिंग सेवा शुरू की-
साल 2007 में नेटफ्लिक्स ने बड़ा बदलाव किया. कंपनी ने अब वीडियो स्ट्रीमिंग और वीडियो ऑन डिमांड की सर्विस भी शुरू कर दी थी. 15 जनवरी को कंपनी ने स्ट्रीमिंग सेवा शुरू की. इसके बाद नेटफ्लिक्स का कारोबार और तेजी से बढ़ा. साल 2021 में कंपनी ने 29.69 अरब डॉलर का राजस्व कमाया. इस कंपनी के 65 फीसदी सब्सक्राइबर अमेरिका और कनाडा के बाहर के हैं. साल 2011 में कंपनी के पास 21.5 मिलियन सब्सक्राइबर थे. लेकिन साल 2022 में तीसरी तिमाही तक नेटफ्लिक्स के कस्टमर्स की संख्या 223.09 मिलियन पहुंच गई थी.
6 दिन में एक फिल्म देखता है हर कस्टमर-
नेटफ्लिक्स का एक कस्टमर हर साल करीब 60 फिल्में देखता है. इसका मतलब है कि कस्टमर हर 6 दिन में एक फिल्म देखता है. नेटफ्लिक्स पर सबसे ज्यादा साल 2021 में आई रेड नोटिस को देखा गया है. रिलीज होने के एक महीने के भीतर इस फिल्म को 364 मिलियन घंटे देखे गए हैं.
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