हमारा देश कृषि प्रधान है. देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. कुछ कारणों से कई राज्यों में किसानों की माली हालत काफी खराब है. हम आपको दो ऐसे दोस्तों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल न सिर्फ आज खुद करोड़ों के मालिक हैं बल्कि किसानों की भी आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतरोहण (Bharatrohan) नामक स्टार्टअप शुरू करने वाले दो दोस्त अमनदीप पंवार (Amandeep Panwar) और ऋषभ चौधरी (Rishabh Chaudhary) की.
कैसे की भारतरोहण की शुरुआत
अमनदीप और ऋषभ कॉलेज टाइम से दोस्त हैं. दोनों एरोनॉटिक इंजीनियर हैं. दोनों को कॉलेज के समय से ही ड्रोन बनाने का शौक था. इस तकनीक का उपयोग इन्होंने देश के किसानों की मदद के लिए किया. भारतरोहण नामक एक कृषि तकनीकी स्टार्टअप शुरू किया है, जो ड्रोन का उपयोग करके किसानों को फसल की निगरानी और प्रबंधन में मदद करता है.
यह स्टार्टअप देश के किसानों को तकनीक से जोड़ने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. आज दोनों दोस्तों ने 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली है. इनकी कंपनी क्रॉप मॉनिटरिंग के ड्रोन बनाती हैं. ये ड्रोन एक तरह से फसलों की प्रिवेंट डॉक्टर हैं, जो फसलों को बीमार होने से पहले ही पूरी हेल्थ रिपोर्ट दे देती है.
क्या है भारतरोहण
भारतरोहण एक एग्रीटेक स्टार्टअप है, जो ड्रोन तकनीक का उपयोग करके किसानों को बेहतर और अधिक कुशल खेती करने में मदद करता है. यह स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में एक क्रांति ला रहा है और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. भारतरोहण शहरी व ग्रामीण इलाकों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करता है. इस परियोजना को 6000 किसानों द्वारा 20,000 एकड़ जमीन पर स्थापित किया गया है.
कंपनी ने एक ऐसा कृषि ड्रोन विकसित किया है, जो सिर्फ 1 घंटे में 250 एकड़ खेतों की पूरी रिपोर्ट दे सकता है. यह ड्रोन फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी, खाद और कीटनाशकों का छिड़काव और कई अन्य कृषि कार्यों को स्वचालित रूप से कर सकता है. भारतरोहण का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और खेती को अधिक कुशल बनाना है. ये ड्रोन किसानों को फसलों के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे वे फसल को लेकर बेहतर निर्णय ले सकते हैं. भारतरोहण ने तकनीक और किसानों को एक साथ लाकर कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है.
क्या करती है भारतरोहण कंपनी
ये कंपनी किसानों को कई तरह की सुविधाएं देती है. हर स्टेज पर किसानों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. चलिए जानते हैं कि ये कंपनी हमारे किसानों के लिए कैसे मददगार है.
1. ड्रोन से फसलों की निगरानी: भारतरोहण ड्रोन का उपयोग करके फसलों की स्वास्थ्य, पोषक तत्वों की कमी, कीटों के हमले और अन्य समस्याओं का पता लगाता है.
2. खाद और कीटनाशकों का छिड़काव: ड्रोन की मदद से खेतों में खाद और कीटनाशकों का सटीक और कम मात्रा में छिड़काव किया जाता है. इससे खर्च कम होता है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. किसान कीटों के संक्रमण की शुरुआती चरणों में ही पहचान और समाधान करके, कीटों और बीमारियों के कारण होने वाले फसल के नुकसान को 30% या उससे अधिक तक कम कर सकते हैं.
3. फसल उत्पादन का अनुमान: ड्रोन से प्राप्त डेटा का उपयोग करके फसल उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है, जिससे किसानों को अपनी फसल के बारे में पहले से जानकारी मिल जाती है.
4. किसानों को सलाह देना: भारतरोहण किसानों को फसल प्रबंधन, सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए सलाह देता है. ड्रोन किसानों को फसल में वॉटर स्ट्रेस के स्तर और पोषक तत्वों की कमी से संबंधित विस्तृत जानकारी देकर सिंचाई और उर्वरक के उपयोग जैसे संसाधन को सुधारने में सक्षम बनाते हैं .
भारतरोहण से फायदे
1. उपज में वृद्धि: ड्रोन तकनीक के उपयोग से फसल की उपज में वृद्धि होती है.
2. खर्च में कमी: खाद और कीटनाशकों का कम उपयोग होने से किसानों का खर्च कम होता है.
3. पर्यावरण संरक्षण: ड्रोन तकनीक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. ड्रोन के उपयोग से रसायनों का कम उपयोग होता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है.
4. किसानों की आय में वृद्धि: उपज में वृद्धि और खर्च में कमी होने से किसानों की आय में वृद्धि होती है.
5. समय की बचत: भारतरोहण के ड्रोन किसानों को मैन्युअल काम करने की तुलना में बहुत कम लागत पर अधिक काम करने में मदद करते हैं.
क्या है कंपनी का उद्देश्य
साल 2016 में ऋषभ चौधरी और अमनदीप पंवार द्वारा स्थापित भारतरोहण वर्तमान में 5 राज्यों में 2,00,000 एकड़ को कवर करने वाले 50,000 किसानों का समर्थन करता है, जो अपने उन्नत ड्रोन-आधारित निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के साथ है. जिसे भारतरोहण क्रॉपएश्योर के रूप में जाना जाता है. इसने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3 गुना और लाभ में 200% की वृद्धि करते हुए आशाजनक वृद्धि दिखाई है. Kisan Tak से बातचीत में ऋषभ और अमनदीप ने बताया कि अब हमरा उद्देश्य है कि कंपनी 2025 तक 10 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करते हुए 15 राज्यों में काम करे.
कहां से मिलती है फंडिंग
एग्रीटेक स्टार्टअप भारतरोहण ने 2.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 19 करोड़ रुपए की फंडिंग उठाई थी. ये फंडिंग प्री-आईपीओ फंडिंग (Pre-IPO Funding) के तहत जुटाए गए हैं, जिसका नेतृत्व Venture Garage, RevX, Caspian और Villgro Innovation Foundation ने किया है. इस कंपनी के कुल 14 निवेशक हैं. इसमें रेवएक्स कैपिटल, वेंचर गैराज, एसके आश्रय, सर्वज्ञ मैनेजमेंट, उपाया सोशल वेंचर्स, एक्यूमेन और a-IDEA शामिल हैं.
कैसे उठाएं लाभ
यदि आप भी भारतरोहण का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप कंपनी की ऑफिशियल साइट Bharatrohan.in पर इंक्वारी डाल सकते हैं. इसके अलावा यदि आपके आस-पास कोई फार्मर प्रड्यूसर कंपनी या NGO हो तो उसके माध्यम से भी आप भारतरोहण से जुड़ सकते हैं. ध्यान रहे कि आप इसका फायदा उठाना चाहते हैं तो कंपनी का एक क्रायटेरिया है कि गांव में लगभग 150 से 200 एकड़ जमीन हो. इसके साथ ही एक जिले में लगभग 5-6 गांव हों, जिसमें कंपनी आराम से सर्विस शुरू कर सकती है.