
ब्लू कॉलर जॉब… यानी वो लोग जो हमारे रोज की दिनचर्या में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. चाहे वो ड्राइवर हो, घर की मेड हो या डिलीवरी ब्वॉय हो… लेकिन इस कैटेगरी के लोगों को शायद ही आज तक किसी ने प्रोफेशनल ट्रेनिंग देने की कोशिश की हो. लेकिन एकलव्य चंद्रा ऐसा कर रहे हैं. एकलव्य ने साथी ऐप बनाया है, जो ऐसे लोगों को ट्रेनिंग दे रही है और फिर उनकी नौकरी भी लगवा रही है.
20 साल तक विदेश में की नौकरी-
एकलव्य ने 20 साल से ज़्यादा विदेश में नौकरी की. 5 करोड़ से ज़्यादा उनकी सैलरी थी, लेकिन सबकुछ छोड़कर एकलव्य भारत वापस आए. क्योंकि वो अपने देश में अपना काम शुरु करना चाहते थे. अब आप सोच सकते हैं कि भला किसी ड्राइवर को क्या ट्रेनिंग देनी? उसे तो बस गाड़ी चलानी आनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है... एकलव्य इस बात को अपने रियल लाइफ एक्सपीरिएंस से बताते हैं.
भारत में 2 महीने में बदले 3 ड्राइवर-
एकलव्य बताते हैं कि जब मैं इंडिया आया तो दो महीने में तीन ड्राइवर बदलने पड़े, क्योंकि उन्हें ड्राइविंग तो आती थी, लेकिन गाड़ी के बेसिक्स के बारे में उन्हें नहीं पता था, जैसे गाड़ी के डैशबोर्ड में कौन कौन से बटन हैं, सिंबल के मतलब और उनका क्या इस्तेमाल है? एक ड्राइवर मिला जो बहुत अच्छा था, अंग्रेज़ी भी बोलता था, लेकिन बाद में वो एक क्रीमिनल निकला, बिहार पुलिस से वो वॉन्टेड था, तो आइडेंटिफ़िकेशन और स्किल दोनों ज़रूरी हैं, जो काम हम करते हैं.
एपिसोड में है ट्रेनिंग सेशन-
साथी ऐप Driver, Delivery boy, Maids, Customer care executive ,Field sales agent, Ware house employes, Receptionist जैसे तमाम बॉटम लाइम इंप्लॉई को ट्रेनिंग देती है. एकलव्य बताते हैं कि इस बात को समझना बहुत ज़रूरी है कि इस तबके के लोग पढ़ाई नहीं कर सकते, किसी कोचिंग में नहीं जा सकते और न ही बैठकर कोई बोरिंग ऑनलाइन क्लास कर सकते हैं. इसलिए हमने सभी ट्रेनिंग सेशन को एक वेब सीरीज़ की तरह एपिसोड में बनाए हैं. ये किसी फ़िल्म की तरह होते हैं, ताकि इंटरटेनमेंट के साथ सीखना भी आसान हो जाए. ऐप में ट्रेनिंग वीडियोज का थंबनेल किसी फ़िल्म के पोस्टर जैसा लगता है. इतना ही नहीं, कोर्स करने वालों को सीवी भी एक रील की तरह तैयार किए जाते हैं.
ऐप को 20 लाख लोग कर चुके हैं डाउनलोड-
इस ऐप के ज़रिए कई लोग ट्रोनिंग ले रहे हैं. अबतक लगभग 20 लाख लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं और 5 लाख लोगों ने क्लासेज एक्सेस की हैं. कई लोग बताते हैं कि इस ऐप के ज़रिए कैसे उनके जीवन में प्रमोशन हुआ है. सुमित बताते हैं कि पहले वो एक पंचर बनाने वाली दुकान में काम करते थे. किसी ने उनको इस ऐप के बारे में बताया, इस ऐप के ज़रिए उन्होंने डिलीवरी एग्जिक्यूटिव का कोर्स किया और अब उन्हें नौकरी भी मिल गई है. सुमित बताते हैं कि नए वाले जॉब पहले वाले से काफ़ी बेहतर है.
इसी तरह मनोज यादव नाम के ड्राइवर बताते हैं कि पहले वो एक ट्रक पर हेल्पर का काम करते थे. मनोज कहते हैं कि उस काम में अकसर वो घर वालों से, बच्चों से दूर रहते थे. इस ऐप के ज़रिए उन्होने प्रोफेशनल ड्राइवर बनने की ट्रेनिंग ली. अब वो नोएडा में एक कंपनी में गाड़ी चलाते हैं और दिल्ली में आराम से अपने परिवार के पास भी समय से हर रोज पहुँच जाते हैं.
प्रेरणा अरोड़ा और सुहानी शर्मा की कहानी भी लगभग वैसी ही है. शादी के बाद प्रेरणा नौकरी करना चाहती थी. लेकिन उन्होंने कोई स्किल ट्रेनिंग नहीं ली थी. फिर इस ऐप के ज़रिए उन्होंने कोर्स किया और अब वो रिसेप्शनिस्ट की जॉब कर रही हैं. इसी तरह सुहानी ने सिंपल ग्रेजुएशन किया था. उन्हें भी कोई नौकरी नहीं मिल रही थी. लेकिन ऐप के ज़रिए उन्होंने कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव की ट्रेनिंग ली, कम्युनिकेशन स्किल सीखें, अब वो भी नौकरी कर रही हैं.
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