चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) डेटा पोस्ट किया है. ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज की हो रही है. ये वो पीआर फर्म है जिसने राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा पैसे दिए हैं. फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के सैंटियागो मार्टिन ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदें हैं. सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोयंबटूर स्थित फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को ₹1,368 करोड़ का डोनेशन दिया है.
म्यांमार में की थी मजदूरी
सैंटियागो मार्टिन की कहानी काफी रोचक है. सैंटियागो ने म्यांमार में मजदूरी करने से लेकर दक्षिण भारत के 'लॉटरी किंग' तक का सफर तय किया है. साधारण शुरुआत से लेकर सत्ता के संदिग्ध गलियारों में यात्रा करने तक, सैंटियागो का साम्राज्य बढ़ता गया, इसके पीछे उनका लॉटरी का बिजनेस था. सैंटियागो को लॉटरी किंग भी कहा जाता है.
सैंटियागो मार्टिन ट्रस्ट वेबसाइट के मुताबिक, सैंटियागो ने अपना करियर म्यांमार के यांगून में एक मजदूर के रूप में शुरू किया था. लेकिन साल 1988 में, वह भारत लौट आए. भारत आने के बाद उन्होंने तमिलनाडु में लॉटरी बिजनेस शुरू किया. बाद में सैंटियागो ने कर्नाटक और केरल में कारोबार बढ़ाया.
पूर्वोत्तर में भी फैलाया बिजनेस
सैंटियागो मार्टिन की प्रसिद्धि की शुरुआत 1988 में कोयंबटूर में मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड की स्थापना के साथ हुई. दो अंकों की लॉटरी का क्रेज लगभग हर घर और लोगों तक पहुंच गया था. बस इसी ने उन्हें प्रसिद्धि दिला दी. इसके बाद सैंटियागो पूर्वोत्तर में भी पहुंचे. दक्षिण भारत से लेकर सिक्किम, मेघालय और महाराष्ट्र जैसे राज्यों तक उन्होंने अपना बिजनेस फैलाया. इन सभी राज्यों में सैंटियागो ने सरकारी लॉटरी योजनाओं के साथ अपने बिजनेस की शुरुआत की. सैंटियागो ने बाद में अपना बिजनेस विदेश में भी फैलाया. इसमें भूटान और नेपाल जैसे देश शामिल हैं.
राजनीतिक साजिश और विवाद
हालांकि, राजनीतिक विवादों से सैंटियागो का पुराना रिश्ता रहा है. इसने विशेषकर केरल में कई विवादों को जन्म दिया. राजनीतिक गुटों, विशेष रूप से सीपीआई (एम) के देशाभिमानी में सैंटियागो ने काफी डोनेशन दी. हालांकि, इससे यही समझा जाने लगा कि सैंटियागो राजनीति का इस्तेमाल अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. लेकिन जब सिक्किम सरकार को धोखा देने के आरोपों और सीपीआई (एम) के भीतर आंतरिक कलह हुई तो इसमें सैंटियागो मार्टिन का प्रभाव जांच और बहस का विषय बन गया.
जेल की सजा भी हो चुकी है
कहा जाता है कि सैंटियागो के DMK के साथ जुड़ाव से फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला, वहीं AIADMK के उदय से कानूनी परेशानियां सामने आईं. जयललिता के शासनकाल के दौरान जमीन हड़पने के आरोप में सैंटियागो को गिरफ्तार किया गया. तब उन्हें जेल जाना पड़ा और उसके बाद कई कानूनी लड़ाइयां लड़नी पड़ी.
हेल्थकेयर देखभाल से लेकर रियल एस्टेट बिजनेस तक
हालांकि, सैंटियागो अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते रहे. बाद में सैंटियागो ने अपने बिजनेस को कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, कपड़ा और टेक्सटाइल और हॉस्पिटैलिटी सहित कई इंडस्ट्री में फैलाया.
लॉटरी से परे, सैंटियागो ने हेल्थकेयर देखभाल से लेकर रियल एस्टेट तक अपना बिजनेस फैलाया. हालांकि, उनके हर इंडस्ट्री में अपने बिजनेस के प्रयासों पर विवादों का साया बना रहा है. जिनकी वजह से कोई बार कानून प्रवर्तन एजेंसियां छापेमारी करती रहती है. लेकिन कानूनी जांच और वित्तीय असफलताओं के बावजूद, सैंटियागो मार्टिन का प्रभाव कायम है.