पर्यावरण को बचाकर भी आप पैसे कमा सकते हैं. केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को को और भी बढ़ाने के लिए बड़ी पहल की है. पर्यावरण मंत्रालय ने ‘ग्रीन क्रेडिट’ नाम के प्रोग्राम का ड्राफ्ट जारी किया है. इसके तहत उन लोगों को ग्रीन क्रेडिट दिया जाएगा जो पर्यावरण संरक्षण का प्रयास करेंगे. भारत ने साल 2070 तक Net Zero Goal का लक्ष्य रखा है. इसी के लिए भारत सरकार ग्रीन क्रेडिट लेकर आ रही है. ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम को व्यक्तियों, प्राइवेट सेक्टर्स, लघु उद्योगों, सहकारी समितियों, और किसान-उत्पादन संगठनों को उनके पर्यावरण के लिए किए गए काम को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इतना ही नहीं इस ग्रीन क्रेडिट को ट्रेडिंग के लिए डोमेस्टिक प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल कर सकेंगे.
क्या है ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम?
इस प्रोग्राम को शुरू में केंद्रीय बजट 2023-24 में घोषणा की गई थी. इसका उद्देश्य व्यक्तियों और कंपनियों को पर्यावरण के तरफ जागरूक करना है. ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के दायरे में लागू किया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य "व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों, वानिकी उद्यमों, टिकाऊ कृषि उद्यमों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों, निजी क्षेत्रों, उद्योगों और संगठनों को ग्रीन क्रेडिट के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक बाजार आधारित इकोसिस्टम बनाना है. ताकि लोग पर्यावरण के लिए काम कर सकें.”
किन क्षेत्रों में जारी होगा ग्रीन क्रेडिट
-वृक्षारोपण-आधारित ग्रीन क्रेडिट: वृक्षारोपण और ऐसी ही चीजों से देश भर में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए अलग-अलग काम करना.
-जल-आधारित ग्रीन क्रेडिट: वेस्ट वाटर के ट्रीटमेंट और रियूज सहित जल संरक्षण, जल संचयन और जल उपयोग को बढ़ावा देना.
-सतत कृषि आधारित ग्रीन क्रेडिट: उत्पादित भोजन की उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य और पोषण मूल्य में सुधार के लिए अलग-अलग खेती आधारित प्रैक्टिस करना.
-वायु प्रदूषण कटौती आधारित ग्रीन क्रेडिट: वायु प्रदूषण और दूसरे प्रदूषण को कम करने के उपायों को बढ़ावा देना.
> मैंग्रोव संरक्षण और पुनर्स्थापन आधारित ग्रीन क्रेडिट: मैंग्रोव के संरक्षण और पुनर्स्थापन के उपायों को बढ़ावा देना.
> इकोमार्क आधारित ग्रीन क्रेडिट: निर्माताओं को अपने सामान और सेवाओं के लिए इकोमार्क लेबल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना.
> टिकाऊ भवन और बुनियादी ढांचे पर आधारित ग्रीन क्रेडिट: टिकाऊ प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों का उपयोग करके इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
ग्रीन क्रेडिट किसे मिलेगा और कैसे?
शुरुआत में, ग्रीन क्रेडिट उन व्यक्तियों और संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाएगा, जो चयनित गतिविधियों में लगे हुए हैं और जो पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं. ये ग्रीन क्रेडिट घरेलू बाजार मंच पर व्यापार के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. ग्रीन क्रेडिट उत्पन्न करने और जारी करने के लिए प्रत्येक ग्रीन क्रेडिट गतिविधि के लिए बेंचमार्क बनाए जाएंगे. साथ ही, कार्यक्रम के लिए डिजिटल प्रोसेस विकसित और स्थापित किए जाएंगे.