देशभर में नौकरीपेशा लोगों को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए इन्वेस्टमेंट डिक्लेरेशन फॉर्म (Investment Declaration Form) दिए जा रहे हैं, इनकम टैक्स (Income Tax ) में छूट पाने के लिए इंवेस्टमेंट प्रूफ जमा करने के लिए नौकरीपेशा कर्मचारियों के पास उनके संस्थान के मेल भी आ चुके हैं ताकि वे इन्वेस्टमेंट स्कीम में इंवेस्ट की गई राशि के बारे में जानकारी दे सकें. बता दें कि देश में ऐसी कई स्कीम मौजूद हैं, जिनमें इन्वेस्ट कर आप भी टैक्स पर छूट पा सकते हैं. सरकार ऐसे लोगों को टैक्स में छूट देती है, जिन्होंने किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम (Investment Scheme) में पैसा लगाया है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें इन्वेस्ट कर आप टैक्स देने में छूट पा सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड छोटी योजनाओं की लिस्ट में आने वाली स्कीम है. ये स्कीम टैक्स में छूट पाने का बेहतरीन तरीका है. आप पीपीएफ में जो भी रकम जमा करते हैं, उस पर सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है. पीपीएफ अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है. हालांकि 7 साल बाद भी इस स्कीम में से कुछ रकम निकाली जा सकती है.
जीवन बीमा/मनी बैक योजना
जीवन बीमा या मनी बैक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स में छूट मिलता है. जीवन बीमा में ULIP और ट्रेडिशनल प्लान दोनों आते हैं. 80C के तहत टैक्स छूट के लिए कम से कम 2 साल के लिए प्रीमियम भरना जरूरी है और सालाना प्रीमियम सम-एश्योर्ड के 10% से ज्यादा न हो.
सुकन्या समृद्धि योजना
बाकी योजनाओं के मुकाबले सुकन्या समृद्धि योजना पर ज्यादा ब्याज मिलता है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 7.6 फीसदी का सालाना ब्याज मिलता है. इस स्कीम के तहत आप अपनी बेटी के खाते में सालाना 250 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं. इसके लिए आपकी बेटी की उम्र 10 साल होनी चाहिए. इस स्कीम में 14 साल तक पैसे जमा किए जाते हैं और जब आपकी बेटी 21 साल की हो जाती है तो स्कीम मैच्योर हो जाती है, जिसके बाद आपको ब्याज के साथ पूरे पैसे मिल जाते हैं. बता दें कि इस योजना का फायदा लेने के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस में बेटी का खाता खुलवाना होता है.
नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme)
प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम टैक्स बचाने का सबसे शानदार ऑप्शन है. इस स्कीम में निवेश करके रिटायरमेंट के बाद पेंशन पा सकते हैं. इस स्कीम में 50 हजार रुपये निवेश करके टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है. ये 80 सी के लिमिट के अलावा है.
EPF/VPF
अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका EPF में निवेश कर सकते हैं. इसके तहत हर महीने सैलरी में से तय रकम EPF में जमा होती है. कंपनी भी आपके लिए EPF में जमा रकम कराती है.
ELSS
ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एक तरह का डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड है. इसमें कम से कम 80% निवेश इक्विटी फंड में होता है. इसमें 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है . इस स्कीम का लॉक-इन पीरियड 3 साल का होता है.
होम लोन
IT एक्ट के सेक्शन 24(b) के तहत घर खरीदने, बनाने, रेनोवोट/रिपेयर करने के लोन पर टैक्स में छूट मिलता है. इतना ही नहीं लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है. इसका फायदा रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों तरह की प्रॉपर्टीज पर मिलता है. इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्जेस पर भी छूट का फायदा उठा सकता है. होम लोन की प्रिंसिपसल अमाउंट पर भी टैक्स में छूट मिलती है. सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स में आप छूट पा सकते हैं.
5 साल की बैंक FD
टैक्स बचाने के लिए FD भी एक बेहतर निवेश है. इसके तहत कम से कम 5 साल की एफडी पर आपको टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि FD पर मिले ब्याज पर टैक्स लगता है.