

बिहार के मुजफ्फरपुर में मसाले के पौधों से लोग मुनाफा कमा रहे हैं. परंपरागत नर्सरी से इतर लोगों ने मसाले के पौधे की नर्सरी शुरू कर दी है. इतना ही नहीं इससे उन्हें लाखों रुपए की कमाई हो रही है. ठीक ऐसी ही विकास नाम के एक युवक की आमदनी भी लाखों में हो रही है. विकास कुमार के पिता राम किशोर सिंह परम्परागत नर्सरी करते थे लेकिन बेटे ने अपना अलग रास्ता बनाया.
विकास ने अकाउंट्स ऑनर्स कर प्राइवेट जॉब छोड़कर पिता की परम्परागत नर्सरी को अपग्रेड करने का काम किया. विकास ने मसालों के पौधों की नर्सरी शुरू की.
डेढ़ लाख है महीने की इनकम
दरअसल, मुजफ्फरपुर के रहने वाले और विकास के पिता राम किशोर सिंह आम, लीची और फूल के पौधों की नर्सरी करते थे. बेटा विकास कुमार अकाउंट ऑनर्स कर प्राइवेट जॉब करने लगा था. लेकिन कुछ दिनों बाद प्राइवेट जॉब छोड़कर वे पिता के परम्परागत नर्सरी से जुड़कर मसाला के पौधों की नर्सरी करने लगे. धीरे धीरे इनकम बढ़ने लगी. अब हर महीने उनकी कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपए की आमदनी हो रही है.
मसालों की नर्सरी शुरू की
इस काम से विकास कुमार काफी खुश हैं. उनका कहना है कि गांव में परिवार के साथ रहकर इतनी आमदनी काफी है. साथ ही वे अब काफी मात्रा में मसाला उगाने की तैयारी कर रहे हैं. विकास कुमार ने बताया कि उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन की है. इसके बाद वे प्राइवेट जॉब करने लगे थे. कुछ समय बाद उन्होंने अपने पिता की परम्परागत नर्सरी को ही अपग्रेड करने का मन बनाया. उन्होंने मसालों के पौधों की नर्सरी शुरू की.
वे आगे बताते हैं कि उनके जिले में मसाले की खेती अनोखी चीज है. धीरे-धीरे अगल-बगल के किसानों को भी मसाले के पौधे के बारे में पता चल रहा है, तो वह लोग भी मांगने आ जाते हैं. मसाले के पौधे की डिमांड देखकर ही मैंने नर्सरी की शुरुआत कर दी. इससे आमदनी भी काफी अच्छी होती है. अब महीने की कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपये आमदनी होती है.
(मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)