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Plastic Ban: गन्ने, बांस के क्रॉकरी से लेकर आटे-गुड़ से बने बर्तनों तक, जानें प्लास्टिक के सस्टेनेबल विकल्पों के बारे में

Single Use Plastic Ban: सरकार ने आज से सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 निर्माण के उपयोग, बिक्री और वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि इनके लिए आप क्या सस्टेनेबल प्रॉडक्ट ले सकते हैं.

Sustainable Crockery Sustainable Crockery
हाइलाइट्स
  • आज से देशभर में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन लग गया है

  • सरकार ने आज से सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 निर्माण के उपयोग, बिक्री और वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है

आज से देशभर में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन लग गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक से मतलब ऐसे प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स से है जिनका इस्तेमाल सिर्फ एक बार किया जाता है. यानी कि यूज एंड थ्रो प्रॉडक्ट्स. लेकिन ये सिंगल यूज प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स धरती पर प्रदूषण के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं.

इसलिए सरकार ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. जिसके लिए बहुत सी चीजों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगेगा. इनमें स्ट्रॉ (पेय पदार्थ पीने वाला पाइप), स्टिरर ( पेय पदार्थ घोलने वाली प्लास्टिक की छड़), इयर बड, कैंडी, गुब्बारे जिसमें प्लास्टिक की छड़ लगी होती है, प्लास्टिक के बर्तन (चम्मच, प्लेट आदि), सिगरेट के पैकेट, पैकेजिंग फिल्म और साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाला थर्मोकोल आदि के इस्तेमाल पर ही नहीं निर्माण पर भी रोक लगाने का फैसला किया है. 

इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे संगठनों के बारे में जहां से आप प्लास्टिक क्रॉकरी के सस्टेनेबल विकल्प ले सकते हैं. 

1. अर्थवेयर (Earthware)

Photo: Earthware


बेंगलुरु में समन्वयी भोगराज ने 2011 में यह कंपनी शुरू की थी. इसका उद्देश्य पूरे भारत में पारंपरिक प्लास्टिक टेबलवेयर उत्पादों के वैकल्पिक समाधान प्रदान करके बाजार से प्लास्टिक कटलरी की मांग को खत्म करना है. आज फूड कंटेनर और टेबलवेयर जैसे प्लेट, कटोरी, फूड ट्रे और कप, विस्फोरटेक प्राइवेट लिमिटेड हर संभव आकार में हर संभव कटलरी बना रहा है. 

2. चक (CHUK)

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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प्लास्टिक के खतरों को समझते हुए उत्तर प्रदेश के वेद कृष्ण ने CHUK की शुरुआत की. यह संगठन आज सिंगल यूज प्लास्टिक फूड कटलरी का समाधान दे रहा है. वेद कृष्ण गन्ने के कचरे के प्रोसेस करके सस्टनेबल कटलरी बना रहे हैं जो कुछ महीने में खाद में बदल जाती है. उनकी टेबलवेयर रेंज में प्लास्टिक प्लेट, कटोरे, कंटेनर और ढक्कन शामिल हैं. कोई भी इसे आसानी से माइक्रोवेव में इस्तेमाल कर सकता है या जरूरत पड़ने पर फ्रीज कर सकता है. 

3. पैपको ग्रीनवेयर (Pappco Greenware)


प्लास्टिक से नहीं बल्कि प्लांट से कटलरी बनाने के उद्देश्य से 2011 में मुंबई में पैपको ग्रीनवेयर की शुरुआत हुई. आज यह गन्ने की खोई और बांस के रेशों जैसे कृषि अपशिष्ट से बने प्लेट, गिलास और पैकेजिंग बॉक्स उपलब्ध करा रहे हैं जो 3 महीने के भीतर डीकंपोज हो सकते हैं. 

4. आटावेयर (Attaware)


दिल्ली में स्थित पुनीत दत्ता की अट्टावेयर बायोडिग्रेडेबल प्राइवेट लिमिटेड, सिंगल-यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल कटलरी के स्थायी विकल्प बनाती है. अट्टावेयर बायोडिग्रेडेबल प्राइवेट लिमिटेड एक फुड कटलरी कंपनी है जो गेहूं के आटे, गुड़, बाजरा, ज्वार और मकई का उपयोग करके कप, प्लेट और चम्मच बनाती है. ये सभी वनीला, स्ट्रॉबेरी, इलायची, तुलसी, अदरक, कारमेल, संतरा और कॉफी जैसे विभिन्न स्वादों में उपलब्ध हैं. दिलचस्प बात यह है कि आप इन कटलरी को इस्तेमाल करने के बाद खा सकते हैं क्योंकि ये एडिबल हैं. 

5. बैको (Beco)

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यह मुंबई में स्थित एक लोकप्रिय ब्रांड है जो प्लांट-आधारित उत्पाद जैसे क्लीनर, टिश्यू, टॉवल, कचरा बैग और बहुत कुछ बनाते हैं. उनके कंपोस्टेबल गार्बेज बैग कॉर्नस्टार्च से बने होते हैं. ये गीले और सूखे कचरे, दोनों के लिए उपयुक्त हैं और इन्हें घर/औद्योगिक खाद में बदला जा सकता है. यह 2-6 महीने के भीतर डीकंपोज हो जाते हैं.