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Sovereign Gold Bond Scheme: कल से फिर से शुरू हो रही है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम, जानिए इसके बारे में सबकुछ

जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए अभी गुड न्यूज़ आई है. गुड न्यूज़ ये है कि कल से एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
हाइलाइट्स
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है

  • RBI की ओर से जारी किया जाता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

कहते हैं सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती. कीमत में उतार-चढ़ाव चलता रहता है. इसके बावजूद सोने में निवेश सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए, लोगों में सोना खरीदने के प्रति सबसे ज्यादा दिलचस्पी देखी जाती है. तो सोने में पैसा लगाने वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि एक बार फिर सस्ते में सोना खरीदने का गोल्डेन मौका आ गया है. सरकार एक बार फिर Sovereign Gold Bond Scheme लेकर आई है जिसमें अच्छे मुनाफे की उम्मीद है और जोखिम बेहद कम है. तो चलिए जान लीजिए कि आखिर ये स्कीम है क्या

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है. RBI की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किया जाता है. इसमें भौतिक रूप से सोने की खरीद के बजाय डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा होती है. सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी. इसके तहत वित्त वर्ष में 4 बार सब्सक्रिप्शन का मौका मिलता है. इस बार सब्सक्रिप्शन के लिए तीसरी सीरीज 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक खुली रहेंगी. फिर, इस वित्त वर्ष की चौथी सीरीज 6 से 10 मार्च तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इससे पहले, जनवरी और अगस्त 2022 में SGB में निवेश की सुविधा दी गई थी. ये मौका फिर से आ गया है जब सरकार खुद लोगों को सोने में निवेश का मौका दे रही है. यह भी कहा जा रहा है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए सस्ते में सोना खरीदने का मौका मिलेगा. 

इस स्कीम के जरिए कैसे सस्ता मिलेगा सोना 
सरकारी गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 यानी 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने के भाव से जुड़ी होती है. इसकी कीमत सराफा बाजार में सोने के आखिरी 3 दिनों के औसत भाव के आधार पर तय होती है. बॉन्ड से निकासी पर सोने के तत्कालीन बाजार भाव के आधार पर भुगतान मिलता है. इस पर ब्याज के अलावा सोने में तेजी का भी फायदा मिलता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है. इस दौरान 2.5% की सालाना दर से ब्याज मिलता है. यानी 8 साल में 20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. यानी फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले यह काफी फायदेमंद स्कीम है. इस बॉन्ड के बदले कर्ज लेने की भी सुविधा उपलब्ध है.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत?
रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार गोल्ड बांड में सोने का भाव 5 हजार 409 प्रति ग्राम रखा गया है. यानी 10 ग्राम सोने के बराबर बॉन्ड के लिए 54 हजार 90 रुपये देने होंगे. लेकिन, उन निवेशकों को डिस्काउंट मिलेगा जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे, और डिजिटल तरीके से बांड खरीदेंगे तो कीमत पर 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट भी मिलेगी. यानी डिजिटल तरीके से बांड खरीदने पर प्रभावी कीमत  5,359 रुपये प्रति ग्राम होगी. इस तरह 10 ग्राम सोने के बराबर बॉन्ड के लिए 53 हजार 590 रुपये ही लगेंगे.

फिजिकल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में क्या फर्क है
दरअसल, फिजिकल सोना खरीदने में कई दिक्कतें होती हैं. एक तरफ सोने की शुद्धता की फिक्र रहती है, तो साथ ही सोना खरीदने और गहने बनवाने पर GST और मेकिंग चार्ज भी देने पड़ते हैं. बॉन्ड GST के दायरे में नहीं है, जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है. घर में सोना रखने पर उसकी सुरक्षा की भी चिंता रहती है. SGB पेपर फॉर्म में होता है, तो इसके रखरखाव में खर्च नहीं करना पड़ता. ये बॉन्ड RBI जारी करता है. इनका विवरण RBI के बही-खाते में दर्ज रहता है या डीमैट खाते में रहता है, तो इनकी सुरक्षा का सवाल खड़ा नहीं होता. इस लिहाज से निवेश के नजरिये से फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना बेहतर माना जा सकता है, क्योंकि बाजार में चाहे कितनी भी उथल पुथल हो आपका नुकसान नहीं होगा.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
अगर सोने की कीमत कुछ घंटे भी तो पूंजी के नुकसान की कोई आशंका नहीं रहती. क्योंकि जितने ग्राम सोने के लिए पैसा लगाया गया है, उसमें कमी नहीं हो सकती, ठीक उसी तरह जैसे आपने सोना खरीदकर घर में रखा हो. ब्याज दर तय रहने से इसमें कुछ लाभ ही होगा, नुकसान नहीं, जो घर में पड़े सोने से नहीं मिल सकता. उसका भाव बढ़ने का इंतजार करना होगा. लिहाजा गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाकर निवेशक सोने की सुरक्षा की मानसिक चिंता से भी मुक्त रह सकता है. यही कुछ खास वजहें हैं जिनके कारण लोगों की दिलचस्पी गोल्ड बॉन्ड में बढ़ रही है. 

एक बार में कितना गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं?
लोग कम से कम 1 ग्राम सोने के लिए निवेश कर सकते हैं. अधिक से अधिक 4 किलो सोने की कीमत का बॉन्ड खरीद सकते हैं. व्यक्तिगत तौर पर और HUF के लिए 4 किलो की अधिकतम निवेश सीमा तय की गई है. ट्रस्ट और ऐसी संस्थाओं के लिए 20 किलो की अधिकतम निवेश सीमा है. अच्छी बात ये है कि इसे नाबालिग के नाम पर भी खरीदा जा सकता है. डिजिटल तरीके से गोल्ड बॉन्ड खरीदना भी बेहद आसान है. हालांकि इस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है. निवेशक के बैंक खाते में ब्याज छमाही आधार पर जमा किया जाता है. एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज टैक्सपेयर के अन्य स्रोतों से आय में गिना जाता है. लेकिन, मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है यानी कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है. इसमें 5 साल बाद बाहर निकलने का विकल्प भी दिया गया है.

कहां से खरीदें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सभी बड़े बैंकों के माध्यम से खरीदा जा सकता है. निर्धारित डाकघरों से भी इसकी खरीद हो सकती है. इसे स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से भी लिया जा सकता है. स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE या BSE से भी इसे खरीदा जा सकता है. अगर आप स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड बॉन्ड की यूनिट खरीदते हैं तो इसकी कीमत आपके डीमैट खाते से जुड़े अकाउंट से कट जाएगी. गोल्ड बांड योजना का मकसद फिजिकल सोने की मांग को कम करना है, तो साथ ही घरेलू बचत को वित्तीय बचत में बदलकर इसका ऐसा इस्तेमाल करना है ताकि इससे आम निवेशकों को सस्ता सोना मिले तो वहीं अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो.