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15 साल की उम्र में 300 रुपए लेकर निकली थी घर से, मेहनत से खड़ा किया 100 करोड़ का कारोबार

रुबंस एक्सेसरीज की फाउंडर चीनू कला ने महज 15 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था. जब उन्होंने अपना घर छोड़ा था तब उनके हाथ में केवल 300 रुपये थे. आज उन्होंने 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है.

Rubans Accessories founder Chinu Kala Rubans Accessories founder Chinu Kala
हाइलाइट्स
  • किया डोर-टू-डोर सेल्स वुमन का काम

  • चीनू कला ने 2006 में ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता कर चुकी हैं पार्टिसिपेट

शार्क टैंक इंडिया के सीजन 2 में रुबंस एक्सेसरीज को शार्क्स की तरफ से 1.5 करोड़ रुपये का निवेश मिला. ये शार्क नमिता थापर (कार्यकारी निदेशक, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स) और विनीता सिंह (सह-संस्थापक, शुगर कॉस्मेटिक्स) की तरफ से दिया गया. शार्क्स रुबंस एक्सेसरीज की फाउंडर चीनू कला की कहानी सुनकर इतने प्रभावित हुए कि वह इसमें निवेश करने से अपने आपको रोक नहीं पाएं. शो में चीनू कला ने बताया कि जब वह केवल 15 साल की थी तब वह अपने पिता और सौतेली मां के साथ रहती थी. जिनसे मतभेद होने के बाद वह घर से भाग गई थी. उस समय उनके पास केवल 300 रुपये थे, वहीं उन्होंने ने आज 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली है. जो एक कृत्रिम आभूषण ब्रांड है जो अभी तक 200 करोड़ तक की बिक्री कर चुकी है. 

15 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
चीनू कला ने अपने पिता और सौतेली मां के साथ अनबन होने के बाद महज 15 वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था. उस समय उनके हाथ में महज 300 रुपये थे.  तब वह सातवीं कक्षा में थी और उनके पास कोई शैक्षिक योग्यता नहीं थी, जिसके कारण उन्हें कोई नौकरी दिलवा सके. जिसके चलते उन्हें कुछ रातें मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बितानी पड़ी. वहां पर उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिन्होंने उन्हें डोर-टू-डोर सेल के बारे में बताया. जो उन्हें हर बिक्री के लिए कमीशन देगी. 

पहले दिन बेचे तीन पीस
महिला से मिलने के दूसरे ही दिन से कला ने डोर-टू-डोर सेल शुरू कर दिया. जब पहले दिन वह पहली डोर बेल बजाई तो दरवाजा खोलने वाली महिला ने उनके बैग को देखते ही चेहरे पर दरवाजा बंद कर दिया. कई डोर बजाने के बाद बहुत मुश्किल से उन्होंने तीन पीस बेचकर 60 रुपये कमाए थे. इसके बाद  6-7 महीनों में उनके अधीन तीन लड़कियां काम करने लगी थी. वह उस समय महज 16 साल की थी. उस समय वह एक डोरमेट्री में रहती थी, जहां पर उन्हें सिर्फ एक गद्दे के लिए रोजाना 25 रुपये चार्ज करता था. 

टाटा की एक फ्रेंचाइजी में कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के रूप में की नौकरी
डोर-टू-डोर सेल्स वुमन के रूप में काम करने के बाद चीनू कला टाटा इंडिकॉम की एक फ्रेंचाइजी में कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के पद पर नौकरी मिली. जहां पर उनकी मुलाकात उनके पति और बिजनेस पार्टनर अमित काला हुई. कला ने मीडिया उद्योग के साथ ही ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स और वायाकॉम 18 जैसी कंपनियों में करीब 14 साल तक काम किया. 

ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया में किया पार्टिसिपेट
चीनू कला ने 2006 में ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता के बारे में पता चला. जिसमें उन्होंने भाग भी लिया. इस प्रतियोगिता में वह खिताब तो नहीं जीत पाई लेकिन 10 स्थान हासिल किया . उन्हें इस प्रतियोगिता से एक ज्वेलरी बिजनेस को शुरू करने की प्रेरणा मिली. जब उन्होंने देखा कि एक ज्वेलरी से किसी ड्रेस में किस तरह से अंतर लाया जा सकता है. वर्षों तक इस आइडिया पर काम करने के बाद कला ने 2014 में रुबंस एक्सेसरीज की शुरुआत की. कंपनी दावा करती है कि वह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Myntra पर पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड है.