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SUCCESS STORY: पीएम मोदी की एक बात ने बदली अक्षय की दुनिया, दोस्त के साथ मिलकर शुरू किया स्टार्ट अप और जुनून के दम पर कायम की मिसाल

अक्षय ने अपने दोस्त मुकेश चौहान के साथ LCB फर्टीलाइजर्स का काम शुरू किया. LCB फर्टीलाइजर एक प्रोडक्ट है जो माइक्रो ऑर्गनिज्म पर काम करता है. इसे Nano partials का इस्तेमाल करके बनाया गया हैं. खास बात ये है कि जिस पराली को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई जाती है उसका इस्तेमाल इस फर्टीलाइजर को बनाने में किया गया है.

अक्षय श्रीवास्तव(दाएं) और उनके दोस्त मुकेश चौहान. अक्षय श्रीवास्तव(दाएं) और उनके दोस्त मुकेश चौहान.
हाइलाइट्स
  • अक्षय ने दोस्त के साथ मिलकर शुरू किया स्टार्ट अप

  • किसानों के लिए तैयार की लो कॉस्ट फर्टीलाइजर

एक किसान परिवार के बेटे ने जीवन में कुछ करने का सपना देखा. घर वालों ने पैसे जोड़कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई. एक दिन प्रधानमंत्री मोदी जब मेधावी छात्रों से संवाद कर रहे थे तो उस छात्र को भी शामिल होने का मौका मिला. बातचीत के दौरान पीएम ने ये कहा कि नौकरी करने की जगह युवा दूसरों को रोजगार देने के बारे में सोचें. बस यह बात अक्षय के दिल में उतर गई और यहीं से अक्षय की दुनिया बदली. सामने आया एक ऐसा स्टार्ट अप(START UP) जो खेती को आसान बनाने की एक ऐसी पहल लेकर आया जिसकी वजह से किसानों का काम बहुत आसान हो गया.

दोस्त के साथ शुरू किया काम
अक्षय ने अपने दोस्त मुकेश चौहान के साथ LCB फर्टीलाइजर्स का काम शुरू किया. LCB फर्टीलाइजर एक प्रोडक्ट है जो माइक्रो ऑर्गनिज्म पर काम करता है. इसे Nano partials का इस्तेमाल करके बनाया गया हैं. खास बात ये है कि जिस पराली को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई जाती है उसका इस्तेमाल इस फर्टीलाइजर को बनाने में किया गया है. इसलिए ये किसानों के लिए वरदान से कम नहीं.

ऐसी है अक्षय की कहानी
IIT कानपुर के इंक्युबेशन सेंटर(incubation centre) में शुरू हुए इस स्टार्टअप की डिमांड आज इतनी है कि किसानों की मांग को पूरा करने के लिए अक्षय और उनके दोस्त मुकेश चौहान को दिन रात इसकी तरकीब निकालनी पड़ रही है. ये सिलसिला अचानक नहीं शुरू हुआ. अक्षय बताते हैं कि किसान परिवार का बेटा होने की वजह से उनके दिमाग में हमेशा खेती-बाड़ी रही.

कुशीनगर के छोटे से गांव से आने वाले अक्षय ने बाढ़ से फसल बर्बाद होते देखा तो फसल को कीड़े की वजह से भी खराब होते भी देखा. यही बात दिमाग में रही होगी कि गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय कॉलेज से इंजीयनरिंग की पढ़ाई के दौरान अक्षय ने बायो फर्टीलाइजर्स पर प्रोजेक्ट किया. इसी दौरान एक प्रतियोगिता जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छात्रों से संवाद करने वाली एक टीम में अक्षय शामिल हुए. उसी में पीएम की वो बात उनके दिल-ओ-दिमाग में बस गयी कि नौकरी करने की बजाय लोगों को रोजगार देना चाहिए. बस इस एक वाक्य ने अक्षय की दुनिया बदल दी.

लॉकडाउन में टूटे नहीं, मेहनत करते गए और सफलता मिली
अक्षय कहते हैं कि उन्होंने इंजीनियर्स से सीखा तो मज़दूरों से भी सीखा. इससे ज़मीनी बातें पता चलीं. उन्होंने सोचा कि सैंकड़ों साल पहले जब खाद नहीं था तब भी खेती होती थी. इसलिए ऐसा कोई प्रोडक्ट बनाया जाए जो प्राकृतिक तरीक़े से खेतों की सेहत दुरुस्त रखे. इसके बाद अक्षय पूरी तैयारी के साथ low cost fertilizers यानी LCB नाम का start up को शुरू करने वाले थे कि लॉकडाउन लग गया. यहां टूटने की जगह अक्षय ने इसे भी अवसर माना और जज़्बे और हिम्मत के दम पर आगे बढ़ते गए.

लॉकडाउन खत्म हुआ. जिंदगी पटरी पर लौटी. इस बीच अक्षय ने अपने स्टार्ट अप के लिए और ज़्यादा तैयारी और रिसर्च कर लिया था. LCB के रूप में एक ऐसा प्रोडक्ट सामने आ चुका था जो यूरिया या किसी भी रसायनिक ख़ाद का विकल्प है. जिसके खेत में जाने के बाद किसी और खाद की ज़रूरत नहीं पड़ती. अक्षय के साथी और मार्केटिंग का जिम्मा संभालने वाले मुकेश चौहान कहते हैं कि इसे किसानों के बीच ले जाने के लिए भी उनकी अपनी रणनीति है.

किसानों की मांग पूरी करने के लिए दिन रात कर रहे मेहनत
आज अक्षय के पास किसानों की इतनी मांग आती है कि वो इसको पूरा नहीं कर पाते. उन्होंने अपने स्टार्ट अप के ज़रिए रोज़गार देने के लिए अपना कारख़ाना अपने ज़िले कुशीनगर में ही लगाया है जिससे वहां के युवाओं को रोज़गार मिल सके. अक्षय और मुकेश अब crop specific फर्टीलाइज़र पर काम कर रहे हैं. यानी एक ही ज़मीन पर कई फसल उगायी जाती है तो सबके अनुरूप अलग-अलग खाद हो. एक सपने से शुरू हुआ ये सफ़र अब कभी ख़त्म न होने वाला सफ़र है.