
भारत में खेती का तरीका बदल रहा है. किसान अब मुनाफे की खेती कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के एक किसान राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने परंपरागत खेती की जगह केले की खेती को तरजीह दी. किसान का ये प्रयोग काफी सफल हुआ. इस खेती से उनको लाखों का मुनाफा हो रहा है. किसान पिछले 7-8 साल से खेती कर रहे हैं. एक बीघे की खेती में डेढ़ से लाख रुपए की कमाई होती है.
किसान ने की केले की खेती-
किसान राजेंद्र प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के महंदाबाद गांव के रहने वाले हैं. 7-8 साल पहले उन्होंने देखा कि केले की खेती से अच्छी-खासी आमदनी हो सकती है. इसके बाद उन्होंने केले की खेती की शुरुआत की. इस खेती से उनको अच्छा-खासा फायदा हुआ. इसके बाद से वो लगातार केले की खेती कर रहे हैं.
केले की खेती से लाखों का फायदा-
फिलहाल वो 2 बीघे में केले की खेती कर रहे हैं. एक बीघे की खेती में 20 से 25 हजार रुपए की लागत आती है. जबकि इससे मुनाफा 2 लाख रुपए तक हो जाता है. इस तरह से 2 बीघे खेती से राजेंद्र प्रसाद वर्मा को 4 लाख रुपए तक का फायदा होता है.
कैसे होती है केले की खेती-
केले का पौधा उगाने के लिए अच्छी निकासी वाली, पर्याप्त उपजाऊ और नमी की क्षमता वाली मिट्टी की जरूरत होती है. जल जमाव, कम हवादार और कम पौष्टिक तत्वों वाली मिट्टी में केले की खेती नहीं हो पाती है. केले की खेती के लिए मिट्टी की पीएच 6 से 7.5 होनी चाहिए.
केले की खेती के लिए जमीन को गर्मी के दिनों में 3 से 4 बार जुताई करें. आखिरी जुताई के समय गोबर का खाद डालें. केले की बिजाई का सही समय मध्य फरवरी से मार्च का पहला हफ्ता है. पौधों के बीच 1.8 मीटर की दूरी होनी चाहिए.
केला एक ऐसा फसल है, जिसकी जड़ें ज्यादा गहराई तक नहीं जाती हैं. इसलिए इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. अच्छी उपज के लिए 70-75 बार सिंचाई की जरूरत होती है. सर्दियों में 7-8 दिन और गर्मियों में 4-5 दिन पर सिंचाई करनी चाहिए.
केले की कई किस्में मार्केट में उपलब्ध हैं. इसमें से कई अच्छी किस्में काफी अच्छी है. Grand Naine किस्म एशिया में काफी पॉपुलर है. इसमें औसतन 25-30 किलो गुच्छे निकलते हैं.
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