
'कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...दुष्यंत कुमार द्वारा लिखी गई ये प्रेरणादायक पंक्तियां एकदम फिट बैठती हैं गौतम अडानी पर. कौन जानता था कि अहमदाबाद की तंग गलियों में रहने वाला एक आम लड़का दुनिया का 5वां सबसे अमीर व्यक्ति बन जाएगा. फोर्ब्स (Forbes) की लिस्ट में गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं. अडानी की कुल संपत्ति (Gautam Adani Net Worth) 123.1 अरब डॉलर आंकी गई है.
गौतम अडानी के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी
गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था. अडानी का परिवार अहमदाबाद के एक चॉल में रहता था. उन्होंने बिजनेस करने के लिए अपना घर छोड़ दिया और मुंबई आ पहुंचे. यहां उन्होंने हीरा बाजार में हाथ आजमाया. क्या आप जानते हैं गौतम अडानी 20 साल की उम्र में ही मिलियनेयर बन गए थे.
देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला फॉर्च्यून तेल अडानी की कंपनी बनाती है
बड़े भाई मनसुखलाल के कहने पर अडानी फिर मुंबई से अहमदाबाद आए और प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. यहां उन्होंने प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात शुरू किया. 1988 में अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड की स्थापना की. यह बिजनेस महज 5 लाख रुपये की पूंजी से शुरू किया गया था. साल 1995 में अडानी ग्रुप ने मुंदरा बंदरगाह का परिचालन शुरू किया. 1996 में अडानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आई. 1999 में अडानी समूह ने खाद्य तेल के बिजनेस में कदम रखा. इस कारोबार में उनके पार्टनर थे विल एग्री बिजनेस ग्रुप विल्मर. इस कारोबार की लोकप्रियता इस कदर है कि देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला फॉर्च्यून तेल अडानी-विल्मर कंपनी ही बनाती है.
अडानी का कारोबार क्या है?
2005 में अडानी ग्रुप ने भारतीय खाद्य निगम के साथ मिलकर देश में साइलोज (स्टील के बड़े भंडारण टैंक) बनाने की शुरुआत की. साल 2010 में अडानी ने ऑस्ट्रेलिया की लिंक एनर्जी से 12,147 करोड़ में कोयला खदान खरीदी थी. आज देश में आयातित कोयले के सबसे बड़े कारोबारी अडानी एंटरप्राइजेज है. देश में करीब 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से होता है और अगले कुछ वर्षों में इसकी खपत बढ़ने के आसार ही नजर आते हैं.
अडानी की कामयाबी का राज
साल 2015 के बाद अडानी ग्रुप ने रक्षा उपकरणों की आपूर्ति का काम भी शुरू किया. 2019 में अडानी समूह ने हवाई अड्डे के क्षेत्र में प्रवेश किया. देश की पोर्ट-रेल लिंकेज नीति के पीछे गौतम अडानी का ही दिमाग है. अडानी की इस कामयाबी के पीछे उनकी बड़ी सोच मेहनत, चतुराई, कुशलता, नेटवर्किंग जैसे गुण हैं. अडानी शुरू से ही बड़े सपने देखा करते थे और अपने दम पर कुछ करने का हौसला भी रखते थे. आज रसोई से लेकर एयरपोर्ट तक गौतम अडानी की धमक दिखती है.