
Success Story: परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक तरीकों से एडवांस फार्मिंग कर बिहार के एक किसान बंपर कमाई कर रहे हैं. आज यह किसान आसपास के अन्नदाताओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.
दरअसल, बिहार के रोहतास जिले स्थित करकटपुर गांव के किसान अर्जुन पासवान थोड़ी सी जगह में मशरूम की खेती करते हैं. आज के समय में अर्जुन लखपति बन गए हैं. वह दर्जनों किसानों को मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण दे चुके हैं. अर्जुन से मशरूर की खेती के गुर सीख और भी कई किसान तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं.
पहले करते थे धान-गेहूं की खेती
किसान अर्जुन पासवान बताते हैं कि पहले वह परंपरागत खेती करते थे. धान-गेहूं की फसल उपजाते थे. इसमें लाभ नहीं होता था. उनके पास संसाधन भी सीमित थे. बहुत ज्यादा जमीन भी नहीं थी. इसके बावजूद उन्होंने परंपारगत खेती को छड़कर मशरूम की खेती करने की ठानी. अर्जुन बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने ऑयस्टर मशरूम की खेती की. आज वह बटन मशरूम की भी खेती कर रहे हैं.
इतने दिनों में ऑयस्टर मशरूम की फसल हो जाती है तैयार
अर्जुन बताते हैं कि ऑयस्टर मशरूम की फसल एक महीने में तैयार हो जाती है. इसे एक कमरे में उगा सकते हैं. ऑयस्टर मशरूम की खेती ज्यादा आसान और कम लागत वाली होती है. वह बताते हैं कि इसकी खेती धान का पुआल, गेहूं के भूसे, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन के छिलके से की जा सकती है.
भूसे को काटकर पीपी बैग में भर कर ठंडी व नम जगह पर रखा जाता है. बस ध्यान रखना चाहिए कि जिस कमरे में ऑयस्टर मशरूम लगा रहे हैं, वहां उपयुक्त हवा आने की जगह हो. अर्जुन बताते हैं कि ऑयस्टर मशरूम में लागत कम आती है, वहीं यह कम समय में तैयार भी हो जाता है. 1 किलो ऑयस्टर मशरूम की खेती करने में कुल लागत 15 से 20 रुपए आती है जबकि बाजार में इसकी कीमत 150 से 200 रुपए तक मिल जाती है. इसके देखते हुए ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन करना किसानों के लिए अच्छा विकल्प है.
बटन मशरूम की खेती
अर्जुन बताते हैं कि ऑयस्टर मशरूम की अपेक्षा बटन मशरूम की खेती थोड़ा समय लेने वाली और मेहनत भरी होती है. अर्जुन बताते हैं बटन मशरूम की खेती के लिए ठंडी जलवायु बेहतर मानी जाती है. इसकी बुवाई अक्टूबर से मार्च के बीच करनी चाहिए. इसकी खेती करने के लिए कंपोस्ट तैयार करने में ही 1 महीना लग जाता है.
इसके बाद बीज डालने के बाद माईसीलियम बनने में 10 दिन लग जाते हैं. कमरे में किसी सख्त जगह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीज लगाने होते हैं. इसके बाद तैयार किए गए कंपोस्ट से पूरी तरह ढक दिया जाता है. यह मशरूम 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाता है.
सरकार से मिला है अनुदान
अर्जुन बताते हैं कि वर्तमान समय में वह सैकड़ों बैग में मशरूम उत्पादन कर रहे हैं. उनकी फसल की मांग इतनी रहती है कि वह खेत से ही बिक जाती है. वह बताते हैं कि 1 किलो बटन मशरूम का लागत मूल्य 25 से 30 रुपए तक होता है लेकिन बाजार में एक किलो बटन मशरूम कीमत 70 से 80 रुपए मिल जाती है.
उन्होंने मशरूम की खेती करने के लिए उन्हें सरकार से 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिला है. अर्जुन अन्य किसान भाइयों को भी मशरूम की खेती करने की सलाह देते हैं. वह बताते हैं कोई भी किसान इसे उपजाकर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकता है.