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Earth Rhythm Success Story: जानिए कैसे एक होममेकर ने घर से काम शुरू करके खड़ी की 200 करोड़ की कंपनी

Earth Rhythm की फाउंडर, हरिनी शिवकुमार आज बहुत सी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं. हरिनी ने अपना करियर बैंकिंग से शुरू किया था और फिर 22 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई. साल 2010 में, उन्हें पता चला कि उनके बच्चे को डाउन सिंड्रोम है. ऐसे में उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी और हाउसवाइफ बनकर घर और बच्चे को संभालने लगीं. लेकिन आज उनकी पहचान उद्यमी के तौर पर है.

Earth Rhythm Success Story (Photo: Website/Linkedin) Earth Rhythm Success Story (Photo: Website/Linkedin)

तमिलनाडु में चेन्नई से ताल्लुक रखने वाली हरिनी शिवकुमार, Earth Rhythm के फाउंडर और सीईओ हैं. यह एक ऐसा ब्रांड है जो सस्टेनेबल और सेफ स्किनकेयर प्रोडक्ट्स ग्राहकों को उपलब्ध करा रहा है. हरिनी की कहानी बहुत ही प्रेरक है क्योंकि एक होममेकर होते हुए उन्होंने अपनी बतौर उद्यमी पहचान बनाई है. बैंकिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाली हरिनी ने अपनी ग्रेजुएशन के बाद नॉर्थम्प्टन विश्वविद्यालय से मास्टर्स की. 

वह बैंक में काम करती थीं जब 22 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई. इसके कुछ समय बाद, उन्होंने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया. लेकिन साल 2010 में, हरिनी को एक चैलेंज का सामना करना पड़ा जिससे उनकी जिंदगी बदल गई. उन्हें पता चला कि उनके बच्चे को डाउन सिंड्रोम है. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और घर पर रहकर अपने बेटे को संभालने लगीं.

हरिनी अपने बच्चे के लिए हर चीज बेस्ट चाहती थीं. लेकिन मार्केट में केमिकल प्रोडक्ट्स की इतनी भरमार थी कि उन्हें सही स्किनकेयर प्रोडक्ट्स ढूंढने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. लेकिन फिर भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिली. तब उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी.

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अर्थ रिदम की स्थापना
साल 2015 में, अपने बेटे के लिए सेफ स्किनकेयर प्रोडक्ट्स की तलाश में हरिनी ने स्किनकेयर फॉर्मूलेशन सीखीं. और यहां से उन्होंने एक कमर्शियल आइडिया की शुरुआत की. इस समय तक उनका बेटा स्कूल जाने लगा और उनके पास खाली समय था. उन्होंने सेफ स्किनकेयर प्रोडक्ट बनाना शुरू किया और इन्हें अपने आसपास की सोसायटी और छोटे पैमाने पर एक्जिहिबिशन में स्टॉल लगाए. साल 2017 तक, हरिनी ने दिल्ली में सोपवर्क्स इंडिया लॉन्च किया था, जिसकी शुरुआत उन्होंने अपने घर के एक छोटे से कमरे से की थी. वह मैन्युफैक्चरिंग, पैकिंग और डिलीवरी सब कुछ अकेले ही करती थी. 

साल 2018 में हरिनी के पिता, श्री शिवकुमार, उनके बिजनेस में मदद करने लगे. इसके बाद, सस्टेनेबल और प्राकृतिक उत्पादों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, उन्होंने कंपनी को अर्थ रिदम के रूप में रिब्रांड किया. अर्थ रिदम की शुरुआत एक छोटे से ऑफिस में आठ महिलाओं की एक छोटी सी टीम के साथ की गई थी. दो सालों के भीतर, अर्थ रिदम का कई गुना विस्तार हुआ और 2022 तक इसके ग्राहक आधार में दस गुना बढ़ोतरी देखी गई.

ऑफर करते हैं 160 प्रोडक्ट्स 
अर्थ रिदम कंपनी अपनी वेबसाइट के माध्यम से 160 उत्पाद पेश करती है, जिसमें सबसे पॉपुलर शैम्पू बार है - जो पारंपरिक शैम्पू का प्लास्टिक-मुक्त, टिकाऊ विकल्प है. उनकी कंपनी उत्पादों के लिए प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करती है और जीरो-वेस्ट पॉलिसी का पालन करती है. उनके पिता फाइनेंस और सेल्स का काम संभालते हैं. हरिनी मैन्युफैक्चरिंग का काम संभालती हैं. 

पिछले साल हरिनी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर वह बिना किसी कमर्शियल नॉलेज के 200 करोड़ रुपये का ब्रांड बना सकती हैं, तो कोई भी ऐसा कर सकता है. उन्होंने अपना काम घर से शुरू किया था और आज उनकी अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है. हरिनी आज देश की हर एक महिला के लिए प्रेरणा हैं.