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LIC Success Story: 27 हजार कर्मचारी, 5 जोनल ऑफिस, साइकिल और बैलगाड़ी से प्रचार... देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी की कहानी

Life Insurance Corporation Story: देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन एक सितंबर 1956 को हुआ था. कंपनी की शुरुआत 27 हजार कर्मचारियों के साथ हुई थी. आज एलआईसी के पास 1.4 लाख कर्मचारी हैं. कभी बाइक, साइकिल और बैलगाड़ी से पॉलिसी का प्रचार होता था और आज एलआईसी का कारोबार 5 लाख करोड़ से ज्यादा का है.

भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन एक सितंबर 1956 को हुआ था भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन एक सितंबर 1956 को हुआ था

एलआईसी देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है. लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था. एक समय ऐसा भी था, जब कंपनी के एजेंटों को इसकी योजनाओं के बारे में लोगों को समझाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते थे. बस बाइक और साइकिल से एजेंट गांव-गांव जाते थे और लोगों को इसके बारे में समझाते थे. आज देश में एलआईसी के 2 हजार से ज्यादा ऑफिस हैं और इसका बिजनेस 5 लाख करोड़ से ज्यादा का है.

कैसे हुई थी LIC की शुरुआत-
'जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी'... इस टैगलाइन ने एलआईसी को आम लोगों को पहुंचा दिया. इसकी शुरुआत उस वक्त की गई, जब देश की ज्यादातर आबादी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा से कोसों दूर थी. उस वक्त पूरा परिवार एक ही व्यक्ति की कमाई पर निर्भर रहता था. उस समय इंश्योरेंस का काम प्राइवेट कंपनियां ही करती थी, लेकिन सरकार को महसूस हुआ कि प्राइवेट कंपनियों के भरोसे रहना ठीक नहीं है. इसके बाद 19 जून 1956 को संसद में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एक्ट पारित किया गया और देश की 245 प्राइवेट कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया गया. इसके बाद सरकार ने 5 करोड़ की पूंजी के साथ एक सितंबर 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की.

27 हजार कर्मचारियों के साथ शुरू हुई थी कंपनी-
कानून बनने से स पहले देश की 245 प्राइवेट कंपनियां इश्योरेंस का काम कर रही थीं. इसमें करीब 27 हजार कर्मचारी काम कर रहे थे. कानून बनने के बाद ये सभी कर्मचारी एलआईसी के हो गए. उस समय लोगों ने 50 लाख पॉलिसी खरीदी थी. आज एलआईसी में 1.4 लाख कर्मचारी काम करते हैं. जबकि देशभर इसके 13 लाख एजेंट हैं. जब एलआईसी की स्थापना हुई थी, उस समय एलआईसी के 5 जोनल अधिकारी थे, 33 डिविजनल ऑफिसर और 212 शाखा अधिकारी थे. आज देशभर में एलआईसी के 2048 कम्प्यूटराइज्ड ब्रांच ऑफिस हैं. 113 डिविजनल ऑफिस, 8 जोनल ऑफिस, 1381 सैटेलाइट ऑफिस हैं.

देश में 29 करोड़ लोगों के पास एलआईसी पॉलिसी-
साल 1957 में करीब 200 करोड़ के नए कारोबार से कॉरपोरेशन ने साल 1969-70 में एक हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में देश के 29 करोड़ लोगों के पास एलआईसी की कोई ना कोई पॉलिसी थी. 15 अक्टूबर 2005 को एलआईसी ने एक करोड़ एक लाख से ज्यादा पॉलिसी जारी कर चुकी थी. 

डिसेंट्रलाइजेशन ने बदला दिया कारोबार-
1980 के दशक से पहले एलआईसी में कामकाज का तरीका सेंट्रलाइज था. उस दौरान में प्राइवेट सेक्टर भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे थे. उसके बाद एलआईसी में रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत पड़ी. कंपनी में डिसेंट्रलाइज सिस्टम को अपनाया गया. यह एलआईसी के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. डिसेंट्रलाइजेशन से पहले नई पॉलिसियों के तहत सम-एश्योर्ड का आकंड़ा 7 हजार करोड़ रुपए था, जबकि 1999 में ये 92 हजार करोड़ रु पए के पार हो गया.

LIC का वर्क कल्चर-
एलआईसी आज जिस मुकाम है, उसमें सबसे बड़ा हाथ ब्रांच मैनेजर्स का रहा. शुरुआत में एलआईसी के ज्यादातर मैनेजर ग्रैजुएट भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने मेहनत के दम पर कंपनी को आगे बढ़ा. उनको पता था कि अच्छे एजेंट्स को कैसे चुनना है और उनको कैसे ट्रेनिंग देनी है. ज्यादातर मैनेजर्स उसी समाज से थे, इसलिए उनको एजेंट्स के साथ घुलने मिलने में दिक्कत नहीं होती थी. ज्यादातर मैनेजर्स अपने एजेंट्स के साथ फैमिली बॉन्डिंग बनाने में सफल रहे. जिसका फायदा एलआईसी के कारोबार में हुआ. इस वर्क कल्चर ने एलआईसी को बुलंदियों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.

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