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Trupti Dhakate Success Story: कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट, प्रोफेसर की नौकरी छोड़ करने लगीं मशरूम की खेती, अब हर महीने कमा रहीं लाखों, जानिए कौन हैं तृप्ति धकाते?

तृप्ति धकाते पुणे की रहने वाली हैं. प्रोफेसर की नौकरी को छोड़कर तृप्ति ने खेती की राह चुनी. आज तृप्ति मशरूम की खेती से हर महीने लाखों कमा रही हैं. आइए इस सफल बिजनेस वुमेन के बारे में जानते हैं.

Trupti Dhakate Success Story (Photo Credit: Social Media/ Instagram- Trupti Dhakate) Trupti Dhakate Success Story (Photo Credit: Social Media/ Instagram- Trupti Dhakate)
हाइलाइट्स
  • तृप्ति धकाते बॉटनी में गोल्ड मेडलिस्ट हैं

  • तृप्ति धकाते मशुरूम की खेती करती हैं

हर कोई एक अच्छी जिंदगी के लिए नौकरी करता है. बढ़िया नौकरी लग जाए तो फिर उसे छोड़ता तो बिल्कुल नहीं है. अलग करने की जिद हो तो ऐसे लोगों के लिए नौकरी छोड़ना कोई बड़ी बात नहीं हैं. ऐसी ही कुछ कहानी तृप्ति धकाते की है.

तृप्ति धकाते कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट थीं. अपनी मेहनत के बल पर प्रोफेसर भी बन गईं. अपनी सेट नौकरी छोड़क तृप्ति मशरूम की खेती करने लगीं. शुरू में तृप्ति को इस कारोबार में काफी मुश्किल हुई लेकिन आज तृप्ति धकाते मशरूम से हर महीने लाखों कमा रही हैं.

तृप्ति धकाते मेहनत और सफलता एक शानदार उदाहरण हैं. नौकरी छोड़कर एक सफल बिजने वुमेन बनने का तृप्ति का सफर कैसा रहा? आइए इस पर नजर डालते हैं.

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कौन हैं तृप्ति धकाते?
तृप्ति धकाते महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली हैं. तृप्ति की पहचान एक बिजनेस वुमेन हैं. वो मशुरूम को उगाती हैं और फिर उसे बेचती हैं. बिजनेस से पहले तृप्ति कुछ यूनिवर्सिटीज में बतौर प्रोफेसर काम करती थीं. तृप्ति धकाते सिर्फ मशुरूम का कारोबार ही नहीं करती हैं. इसके अलावा लोगों को मशरूम की खेती की ट्रेनिंग भी देती हैं. तृप्ति अब तक सैकड़ों लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग दे चुकी हैं.

गोल्ड मेडलिस्ट
पुणे की रहने वाली तृप्ति धकाते ने नागपुर यूनिवर्सिटी से बॉटनी में एमससी की है. तृप्ति बोटनी में गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं. तृप्ति धकाते कॉलेज के बाद प्रोफेसर बन गईं. तृप्ति वर्धा की जेबी कॉलेज ऑफ साइंस में प्रोफेसर रहीं.

शादी के बाद तृप्ति ने ये नौकरी छोड़ दी और संभाजी नगर चली गईं. इसी दौरान तृप्ति ने एग्रीजेन बायोटेक में काम किया. इसी दौरान तृप्ति का इंटरेस्ट मशरूम को लेकर बढ़ा. तृप्ति मशरूम पर रिसर्च करने लगीं. एग्रीजेन बायोटेक में उनको मशुरूम की किस्म के बारे में अच्छी-खासी जानकारी हुई.

नौकरी छोड़ी
साल 2016 में तृप्ति के पिता का  ट्रांसफर पुणे हो गया. तृप्ति ने नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती करने का फैसला किया. साल 2018 में तृप्ति ने मशरूम की खेती शुरू कर दी. इसके लिए तृप्ति ने जमीन भी लीज पर ली. तृप्ति के बिजनेस में उनके पति ने बढ़ा साथ दिया.

ऐसा नहीं है कि तृप्ति को शुरू में ही सफलता मिल गई. तृप्ति को मशरूम बेचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. तृप्ति को मशुरूम के मार्केट के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी. साथ में उन्होंने मार्केटिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी.

बिजनेस में परेशानी
तृप्ति ने परेशानी के बावजूद हार नहीं मानी. तृप्ति एक तरफ मशरूम को उगा रही थीं. वहीं साथ में खुद ही पैकेजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी संभाल रही थीं. तृप्ति ने जगह-जगह जाकर लोगों को मशरूम के बारे में बताया. लोकल मार्केट में गईं और लोगों को फ्री सैंपल भी दिए थे.

तृप्ति धकाते ने कई टेस्टिंग स्टेशन भी सेट अप किए. काफी मेहनत करने के बाद लोग धीरे-धीरे मशरूम खरीदने लगे. कोरोना काल में तृप्ति की किस्मत बदली. लोग प्लांट बेस्ड सब्जियां खाना पसंद कर रहे थे. 

इस तरह से आखिर में तृप्ति को उनकी मेहनत का फल मिलने लगा. तृप्ति के बिजनेस को एकदम से उड़ान मिल गई. लोग काफी संख्या में मशरूम के पैकेट खरीदने लगे. आज तृप्ति की उगाई मशरूम महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में जाती है.

हर महीने 4 लाख
एक समय तृप्ति इस बिजनेस में लड़खड़ा रही थीं. तब उनके पति ने 3 लाख रुपए का इन्वेस्ट किए थे. तृप्ति अपने हार्डवर्क के बलबूते पति के भरोसे पर खरी उतरीं. तृप्ति धकाते का बिजनेस आज काफी फैल गया है. मशरूम की खेती से तृप्ति धकाते हर महीने 4 लाख रुपए कमाती हैं. 

तृप्ति धकाते सिर्फ मशरूम का बिजनेस ही नहीं करती हैं. वो लोगों को इस बारे में बताती हैं. तृप्ति वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेशन के जरिए अब तक 7 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को मशरूम के बारे में एजुकेट कर चुकी हैं. तृप्ति धकाते खुद से मशरूम की खेती करने वाले किसानों की मदद भी करती हैं.