दिल्ली की पूजा कंठ को यूट्यूब से बिजनेस आइडिया मिला और आज उसकी बदौलत पूजा लाखों रुपए कमा रही हैं. 9 साल पहले साल 2015 में उन्होंने 'पूजा की पोटली' नाम से स्टार्टअप शुरू किया था. जिसके जरिए वो मैक्रमे आर्ट से बने खूबसूरत जूट और सूती रस्सी के हेंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बनाती हैं. उन्होंने अपने इस बिजनेस के जरिए दर्जनों महिलाओं को रोजगार भी दिया है. चलिए आपको पूजा कंठ की सफलता की कहानी बताते हैं.
बेटे की देखभाल के छोड़ी नौकरी-
पूजा कंठ ने एमबीए की पढ़ाई की है. उन्होंने कई सालों तक कॉरपोरेट सेक्टर में काम भी किया. साल 2012 में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया. इसके बाद उसकी देखभाल के लिए पूजा ने नौकरी छोड़ दी. लेकिन धीरे-धीरे वो घर पर बोर होने लगी. उन्होंने कुछ नया सीखने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया. पूजा ने सिलाई-कढ़ाई और बुनाई जैसे आर्ट में हाथ आजमाया. इसमें उनको सफलता भी मिली.
साल 2015 में शुरू किया बिजनेस-
पूजा कंठ ने यूट्यूब से मैक्रमे आर्ट्स के बारे में जानकारी हासिल की. उन्होंने सबकुछ यूट्यूब के जरिए सीखा. उन्होंने कभी कोई ट्रेनिंग या वर्कशॉप नहीं किया. हालांकि पूजा को इसको सीखने में डेढ़ से दो साल का वक्त लगा. लेकिन एक बार जब उन्होंने इसमें महारत हासिल कर ली तो उनका काम आसान हो गया. इसके बाद पूजा ने तय किया कि इस कला से अपना कारोबार शुरू करेंगी. साल 2015 में पूजा कंठ ने 5000 रुपए इंवेस्ट करके अपना स्टार्टअप 'पूजा की पोटली' शुरू की. शुरुआत में कम ऑर्डर मिलते थे. लेकिन धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़ने लगी. आगे चलकर हफ्ते में 200 से अधिक ऑर्डर मिलने लगे.
मैक्रमे में प्लांट हैंगर, वॉल हैंगर, टेबल रनर, बेड रनर जैसे सजावटी सामान बनाने के लिए अलग-अलग नॉटिंग स्टाइल्स को शामिल किया जाता है. नॉटिंग या गांठें सूती सुतली, जूट, सूत और नायलॉन से बनाई जाती है.
तेजी से बढ़ा बिजनेस-
पूजा कंठ के कारोबार में उनके पति ने भी मदद की. उनके पति ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं. उन्होंने भी पूजा के बिजनेस में सहायता की. साल 2021 में स्टार्टअप का रेवेन्यू 20 लाख रुपए तक पहुंच गया. साल 2023 में ये बढ़कर 30 लाख रुपए से पहुंच गया. जब पूजा ने साल 2012 में नौकरी छोड़ी थी तो उनकी सैलरी 30 हजार रुपए थी. लेकिन आज बिजनेस की बदौलत वो लाखों कमा रही हैं. ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से पूजा अपना प्रोडक्ट बेचती हैं. ब्रांड को थोक के ऑर्डर भी मिलते हैं. ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है.
दर्जनों महिलाओं को दिया रोजगार-
पूजा कंठ का कारोबार जब बढ़ने लगा तो इसमें और भी लोगों की जरूरत महसूस हुई. पूजा ने इसमें कुछ महिलाओं को साथ जोड़ा. शुरुआत में पूजा उन महिलाओं के घर जाकर सिखाती थी. लेकिन जब इससे महिलाओं को रोजगार मिलने लगा तो खुद महिलाएं उनसे सीखने आने लगीं. आज 'पूजा की पोटली' के साथ दो दर्जन से अधिक महिलाएं काम करती हैं. इस वेंचर के प्रोडक्ट्स की कीमत अलग-अलग है. इसमें 100 रुपए से 5000 रुपए तक के प्रोडक्ट बिकते हैं.
ये भी पढ़ें: