अगर आपसे पूछा जाए इस समय हमारे लिए सबसे ज़रूरी क्या है? तो आप कहेंगे स्वास्थ्य! कोविड के संकटकाल के बाद लोगों ने इसके महत्व को समझा है और आज फ़ेस मास्क हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. IIT कानपुर के पूर्व छात्र डॉ. संदीप पाटिल के Start up की कहानी है जो सिर्फ़ डेढ़ साल में दुनिया भर में छा गया. विदेशों के मास्क(mask) बनाने की तकनीक को मात दी और दुबई expo जैसे आयोजनों में भी चर्चा का विषय रहा. हम बात कर रहे हैं SWASA MASK की. देश के प्रधानमंत्री से लेकर सुरक्षा एजेंसियों और AIIMS जैसी संस्था से जुड़े डॉक्टर्स भी इसे लगा रहे हैं.
मास्क बनाने वाले संदीप पाटिल की कहानी
IIT कानपुर के कैंपस से जुड़े एक मेन्यूफ़्रैक्चरिंग यूनिट में देश को सुरक्षित करने को लेकर तैयारी चल रही है. यहां बन रहे हैं वो ‘swasa mask’ जो अब फ़ेस मास्क के क्षेत्र में अपना अलग नाम स्थापित कर चुका है. इस स्टार्ट अप को शुरू करने और फ़र्श से अर्श तक पहुंचाने वाले IIT कानपुर के पूर्व छात्र डॉ. संदीप पाटिल एक-एक चीज़ की मॉनिटरिंग खुद करते हैं. मास्क बनने से लेकर ऑर्डर समय पर पहुंचाने तक में डॉ. संदीप पाटिल की पूरी टीम दिन रात काम करती है. वजह ये है कि 2017-2018 में IIT कानपुर के incubation centre से शुरू हुए इस startup के बनाए face mask की मांग कई गुना बढ़ चुकी है. कोविड के संकटकाल के बाद SWASA MASK एक ऐसा नाम, एक ऐसा ब्रांड बन चुका है जो इस क्षेत्र में देश से लेकर विदेशों तक में धूम मचा चुका है. हाल ही में दुबई trade fair में उत्तर प्रदेश की ओर से swasa mask ने कामयाबी के झंडे गाड़े.
USA की Nelson Lab ने भी किया प्रमाणित
SWASA mask को USA की Nelson Lab ने प्रमाणित किया है. डॉ. संदीप पाटिल इसकी तकनीकी बारीकियों को बताते हुए कहते हैं कि ये सिर्फ Particals को ही नहीं 99% बैक्टीरीया और Virus को रोकता है. इसकी बनावट और तकनीक ही ऐसी है.ये physical separation की तकनीक पर काम
करता है. इसमें Nano Fibre की बहुत पतली coating होती है जो आप आंखों से नहीं देख सकते. इसमें ऐसे nano particals भी डाले जाते हैं. इससे ये मास्क दोहरी सुरक्षा देता है.
दरअसल, संदीप पाटिल ने IIT कानपुर से पढ़ाई करने के बाद यहीं पर PhD करने के दौरान 2010 में ही nanotech कम्पनी बनायी थी. संदीप के शोध का विषय Nano Fibre technology था इसलिए 2017-18 में संदीप ने anti-pollution Swasa Mask बनाने की शुरुआत की जिससे लोगों को रोज़गार भी दिया जा सके. लेकिन इस प्रोडक्ट का लोहा दुनिया ने तब माना जब कोविड के संकटकाल के दौरान एकदम से मास्क की क्वालिटी पर विशेषज्ञों और लोगों की नज़र गयी. IIT कानपुर के कैम्पस के पास ही इसी दौरान एक manufacturing unit लगायी गयी जो आज दिन में 30 हज़ार swasa mask का उत्पादन करता है. इसमें काम करने वाली ज़्यादातर कर्मचारी महिलाएं हैं जिनको आर्थिक निर्भरता की ज़रूरत थी.
पीएम भी लगाते हैं ये मास्क
डॉ. संदीप पाटिल ने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई को देश में अचानक आए कोविड के संकट से उबारने से जोड़ दिया. आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को Swasa Mask लगाए देखा जा सकता है तो वहीं parliament, सुरक्षा एजेंसियां, कई राज्य सरकारें, IMA, AIIMS, यूपी पुलिस जैसी संस्थाओं से जुड़े लोग Swasa Mask लगाते हैं. Swasa mask के start up की ये कहानी IIT कानपुर के छात्रों के टैलेंट के साथ Made In India और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सफलतम कहानियों में से एक है.