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Shahi Exports: इस महिला ने कभी घर से शुरू किया था काम, आज है देश का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट्स हाउस, Walmart और H&M जैसे ब्रांड्स को करते हैं सप्लाई

यह कहानी है दिल्ली स्थित Shahi Exports की, जो भारत की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट्स कंपनी है. इस कंपनी की शुरुआत सरला आहूजा ने अपने घर से की थी और आज उनके 50 से ज्यादा कारखाने हैं.

Shahi Exports Success Story Shahi Exports Success Story

भारत की सबसे बड़ी परिधान निर्माता शाही एक्सपोर्ट्स की कहानी 1970 के दशक में इसकी फाउंडर सरला आहूजा के घर से शुरू हुई थी. आज, शाही एक्सपोर्ट्स में 115,000-कर्मचारी काम करते हैं और इसके भारत में 51 कारखाने हैं.  जिनसे कंपनी का टर्नओवर 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. आज कंपनी वॉलमार्ट, गैप इंक, एबरक्रॉम्बी एंड फिच, पीवीएच, कोहल्स, एच एंड एम, टारगेट जैसे बड़े ब्रांड्स को सप्लाई कर रही है. 

घर से की थी काम की शुरुआत  
दिल्ली में रहने वाली सरला आहूजा की 16 साल की उम्र में शादी हुई थी. घर-परिवार की जिम्मेदारियां संभालते हुए सरला ने 22 साल की उम्र में एक कारखाने में सिलाई मशीन ऑपरेटर के रूप में काम करना शुरू किया. वह अपने परिवार की आय बढ़ाना चाहती थीं ताकि बच्चों को अच्छी जिंदगी मिले. लेकिन काम के साथ घर संभालना मुश्किल था जिस कारण उन्होंने एक साल बाद नौकरी छोड़ दी. 

नौकरी छोड़ने के बाद वह घर से ही काम करने लगीं. उन्हें ऑर्डर मिलने लगे जिन्हें पूरा करके वह भेज देती थीं. धीरे-धीरे ऑर्डर बढ़ने लगे तो उन्होंने और लोगों को काम पर रखना शुरू किया. उनका काम देखते हुए उन्हें जल्द ही अमेरिका से ऑर्डर आने लगे और तब उन्होंने 15 लोगों के साथ घर पर ही मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर दी. हालांकि, यह आसाना नहीं था. उनके आस-पड़ोस में लोग शिकायत करने लगे कि उनके घर में स्टाफ की आवाजाही के कारण उन्हें परेशानी होती है. लेकिन, अपने परिवार के सहयोग से, सरला का काम नहीं रूका.  

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विदेशों में करते हैं सप्लाई  
योर स्टोरी के मुताबिक, साल 1974 में सरला ने 5,000 रुपये की सेविंग्स के साथ दिल्ली के रंजीत नगर में शाही एक्सपोर्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की, जिसमें हर दिन 200 पीस बनते थे और इन्हें नेटवर्क के माध्यम से सीधे अमेरिका और यूरोप में निर्यात किया जाता था. सरला कभी-कभी जरूरी ऑर्डर पूरा करने के लिए आधी रात तक काम करती थी. लेकिन जब उनके बेटे, हरीश और सुनील काफी बड़े हो गए, तो उन्होंने स्कूल और कॉलेज के बाद शाम को उनकी मदद करना शुरू कर दिया. जब निर्यात कोटा हटा दिया गया, तो शाही एक्सपोरट्स का कारोबार और बढ़ने लगा और बड़े ऑर्डर मिलने लगे. 

सरला ने शुरू से ही काम पर महिलाओं को प्राथमिकता दी और उनका मानना है कि यह फैसला सही साबित हुआ. उन्होंने ऐसी महिलाओं को काम दिया जो झुग्गियों में रहती थीं और कुछ कमाना चाहती थी ताकि उनका घर चल सके. आज, शाही एक्सपोर्ट्स के 115,000-मजबूत कार्यबल में 77,000 महिलाएं हैं. शाही एक्सपोर्ट्स ने महिलाओं के लिए लाइफ स्किल प्रोग्राम शुरू किया. महिलाओं को कम्यूनिकेशन, टाइम मैनेजमेंट, डिसीजन मेकिंग स्किल्स में ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक 75,000 से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.