कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा आदेश सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी भी कारण ईपीएफ कंट्रीब्यूशन में देरी होती है तो उसकी भरपाई खुद कंपनी करेगी. बता दें कोर्ट के इस फैसले से करीब 6 करोड़ नौकरीपेशा वालों पर असर पड़ने वाला है. इसके बाद कर्मचारी अपने कंट्रीब्यूशन के लिए कंपनी में आसानी से क्लेम कर पाएंगे.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट की बात को सही ठहराते हुए ये फैसला दिया है. उन्होंने कहा कि एम्प्लॉय प्रोविडेंट फंड का असल मकसद ऑफिस, कंपनी या फर्म में काम करने वाले लोगों को सुरक्षा देना है. ऐसी कंपनी जिसमें 20 से ज्यादा लोग काम कर रहे हों.
बेंच ने कहा कि ऐसे में अगर प्रोविडेंट फंड किसी भी कारणवश देरी से जमा होता है, तो ये कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह इसे भरे.
SC ने कर्नाटक हाईकोर्ट की बात को ठहराया सही
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया था कि अगर नियोक्ता या कंपनी किसी भी कारण से एप्लॉय प्रोविडेंट फंड को जमा करने में देरी करती है तो इसकी भरपाई खुद कंपनी ही करेगी. कोर्ट ने आगे कहा कि इसकी भरपाई कंपनी को कानून की धारा 14बी के तहत करनी होगी.
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