वित्तवर्ष 2022-23 खत्म होने को है. इसके बाद सालभर की कमाई का लेखाजोखा बनाने और उस पर काटे गए या जमा करवाए गए इनकम टैक्स का हिसाब-किताब करने का वक्त आ जाएगा. अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टैक्स बचाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो 31 मार्च 2023 से पहले ही आपको ये काम पूरा करना होगा. आप इन योजनाओं में निवेश कर टैक्स सेविंग का लाभ उठा सकते हैं.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत बहुत-सी योजनाएं शामिल हैं, जिनमें निवेश करने पर आप 1,50,000 रुपए तक की रकम को अपनी टैक्सेबल इनकम, यानी करयोग्य आय में से घटा सकते हैं. इनमें जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए दिया गया प्रीमियम, बच्चों के स्कूल की ट्यूशन फीस, होम लोन की मद में चुकाया गया मूलधन जैसी रकमें शामिल होती हैं
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
PPF स्माल सेविंग स्कीम में से एक पॉपुलर सेविंग स्कीम है. ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के लिए इस योजना में निवेश करते हैं. इस योजना के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग की जा सकती है. इस योजना के तहत पैसा लंबे समय तक निवेश कर मुनाफा कमाया जा सकता है. इसमें आपके पैसों का कोई भी जोखिम नहीं है.
राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC)
इस योजना के बारे में बहुत ज्यादा लोग बात नहीं करते हैं, लेकिन यह इस लिहाज से अच्छी योजना है कि इसमें निवेश एक ही बार करना होता है, और सिर्फ पांच साल बाद वही रकम 7 फीसदी चक्रवृद्धि ब्याज के साथ वापस मिल जाती है. ब्याज की गणना हर साल की जाती है, लेकिन उसका भुगतान मैच्योरिटी पर ही किया जाता है. लेकिन एक दिलचस्प पहलू यह है कि आपके NSC पर हर साल जुड़ने वाले ब्याज को आप अपने नए निवेश के तौर पर दिखा सकते हैं. बहरहाल, इस योजना में न्यूनतम 1,000 रुपए का निवेश किया जा सकता है, जबकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ELSS म्यूचुअल फंड एक ऐसा विकल्प है, जिसके तहत सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग कर सकते हैं. साथ ही निवेशकों की अच्छी इनकम भी हो सकती है. हालांकि आपको इसके रिस्क को समझकर ही पैसा लगाना चाहिए.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSA)
सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं में सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना में ही दिया जा रहा है, लेकिन इस खाते को वही शख्स खोल सकते हैं, जिनकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है. इस योजना के तहत हर साल न्यूनतम 250 रुपए और अधिकतम 1,50,000 रुपए का निवेश किया जा सकता है. यह खाता तब मैच्योर होगा, जब उसकी 21 साल की अवधि पूरी हो जाएगी, हालांकि निवेश आपको 15 साल तक ही करना है. इस योजना में भी पैसै लगाकर आप टैक्स सेविंग कर सकते हैं.
किसान विकास पत्र (KVP)
किसान विकास पत्र (KVP) पर सरकार फिलहाल 7.2 प्रतिशत ब्याज देती है. इसमें किया गया निवेश दोगुना हो जाने पर ही मैच्योर होता है. इस वक्त मौजूदा ब्याज दर और नियमों के अनुसार, KVP में किया गया निवेश ठीक 10 साल, यानी 120 महीने में दोगुना होकर वापस मिल जाता है. KVP में निवेश की न्यूनतम सीमा 1,000 रुपए है, और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
ईपीएफ में जमा
सैलरी कर्मचारियों के लिए पीएफ में कंट्रीब्यूशन एक अच्छा टैक्स सेंविग विकल्प है. सैलरी की 12 फीसदी राशि इसमें जमा होती है, जिसपर कोई टैक्स नहीं लगता है, बल्कि पीएफ अकाउंट पर सरकार की ओर से ब्याज भी दिया जाएगा.