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Income Tax Return: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आ गया है ITR फॉर्म्स, इस तारीख तक आप फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न, जानें प्रोसेस  

Income Tax Return Filing Guide: ITR फॉर्म कुल सात तरह के होते हैं. अभी टैक्सपेयर्स सिर्फ आईटीआर-1, आईटीआर-2 और आईटीआर- 4 के माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल कर कर सकते हैं. आपके पास टैक्स भरने के लिए दो विकल्प हैं.पहला ओल्ड टैक्स रिजीम और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम. 

ITR Filing ITR Filing
हाइलाइट्स
  • सात तरह के होते हैं आईटीआर फॉर्म

  • आईटीआर-4 फॉर्म को जाना जाता है सुगम के रूप में भी

यदि आप नौकरीपेशा वाले हैं और टैक्स (Tax) के दायरे में आते हैं तो यह खबर आपके काम की है. आप अब वित्त वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल कर सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने ITR दाखिल करने के लिए फॉर्म्स को 1 अप्रैल 2024 से जारी कर दिया है.

अभी इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर -1, आईटीआर – 2, आईटीआर – 4 के ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म्स को जारी किया है.टैक्सपेयर्स ऑनलाइन माध्यम से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है.

किसके लिए और कौन है आईटीआर फॉर्म
आईटीआर फॉर्म कुल सात तरह के होते हैं. अभी टैक्सपेयर्स सिर्फ आईटीआर-1, आईटीआर-2 और आईटीआर- 4 के माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल कर कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म संख्या -1 उन करदाताओं के लिए है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपए से कम है. इस श्रेणी में आने वाले करदाताओं के आय का सोर्स वेतन के अलावा एक प्रॉपर्टी से प्राप्त इनकम होना चाहिए. ब्याज से होने वाला आय और कृषि से सलाना 5,000 रुपए तक इनकम वाले लोग भी आईटीआर-1 फॉर्म के माध्यम से अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. 

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रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से होने वाली आय के लिए आईटीआर-2 फॉर्म भरा जाता है. यदि म्यूचुअल फंड, स्टॉक या फिर अचल संपत्तियों की बिक्री से कैपिटल गेन का लाभ टैक्सपेयर्स को प्राप्त होता है या टैक्सपेयर्स के पास एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी है तो आईटीआर-2 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा. कारोबार से होने वाले लाभ के लिए आईटीआर-3 फॉर्म के जरिए आरटीआर दाखिल किया जाता है.

आईटीआर-4 फॉर्म को सुगम के रूप में भी जाना जाता है. यह ऐसे व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए है, जिनकी व्यवसाय और पेशे से कुल आय 50 लाख रुपए तक है. ये ऐसे व्यक्ति के लिए नहीं है जो या तो किसी कंपनी में निदेशक है या उन्होंने गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है या कृषि से होने वाली आय 5,000 रुपए से ज्यादा है. आईटीआर-5 और 6 फॉर्म सीमित दायत्वि भागीदारी (LLP) और बिजनेस के लिए है. आईटीआर-7 फॉर्म ट्रस्ट के लिए है. 

आईटीआर फाइल करने के लिए हैं कई ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न जो लोग फाइल करना चाहते हैं उनके पास कई सारे ऑप्शन हैं. ई-फाइलिंग पोर्टल और ऐप से आईटीआर दाखिल कर सकते हैं. चार्टर्ड एकाउंटेंट के माध्यम से अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं. यदि आप इसे खुद फाइल करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन फाइल करना होगा.

खुद से चुनें नया या पुराना टैक्स रिजीम
टैक्स भरने के लिए दो विकल्प हैं. पहला ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime). आईटीआर फाइल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस बार न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट में रखा गया है. यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल करना चाहते हैं तो फिर आपको इसे खुद से बदलना होगा. नई टैक्स रिजीम में टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं. हालांकि 7 लाख तक की आय को प्रभावी रूप से टैक्स फ्री कर दिया गया है. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की सीमा को नहीं बढ़ाया गया है. लेकिन वहां आप विभिन्न सरकारी स्कीमों में निवेश व अन्य तरीकों से टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं.

ऐसे भरें आईटीआर
1. सबसे पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in/) पर जाएं.
2. इसके बाद होमपेज पर अपना यूजर आईडी (पैन), पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉग इन करें.
3. 'ई-फाइल' मेनू पर क्लिक करें और 'आयकर रिटर्न' लिंक पर क्लिक करें.
4. अपनी इनकम और दूसरे कारकों के हिसाब से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म चुनें. 
5. यदि आपके पास फॉर्म 16 है तो आप आईटीआर-1 या आईटीआर-2 में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
6. इसके बाद असेसमेंट ईयर (AY) चुनें, जिसके लिए आप ITR फाइल करना चाहते हैं. 
7. फॉर्म में भरे गए सभी डेटा को वैलिडेट करें और सबमिट करें.
8. अपना रिटर्न जमा करने के बाद, किसी भी उपलब्ध विकल्प जैसे आधार या ओटीपी का उपयोग करके इसे ई-वेरीफाई करें.
9. इसके बाद अपने सभी डिटेल्स को दोबारा चेक करें और फॉर्म अपलोड करें. हालांकि, आपका काम तब तक पूरा नहीं होता जब तक आप अपना रिटर्न वेरीफाई नहीं करते.