यूपी के प्रयागराज का रहने वाला एक लड़का केंद्रीय विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई पूरी करता है. उसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेता है. लेकिन छात्र राजनीति के आगे उसे कुछ अच्छा नहीं लगता था. उसने परीक्षाएं भी नहीं दी. हालांकि बाद में उसने गाजिायबाद से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. फिर उसे नौकरी मिल गई.
बहुत जल्द ही जॉब में उसकी तरक्की हुई. उसे एक बड़ी सैलरी की नौकरी मिल गई. इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. काफी सालों तक नौकरी करने के बाद उस लड़के ने टेलियोलैब्स (Teliolabs) की स्थापना की. आज इस कंपनी का कारोबार करोड़ों रुपए में है.
उस लड़के का नाम अमित सिंह (Amit Singh) है. चलिए आपको अमित सिंह के कॉलेज ड्रॉपआउट से मल्टीनेशनल कंपनी के फाउंडर बनने की कहानी बताते हैं.
पढ़ाई नहीं, सियासत में रुचि-
अमित सिंह की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई. उन्होंने नैनी के केंद्रीय विद्यालय से 12वीं पास किया. उसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीएससी में दाखिला लिया. लेकिन उन दिनों यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति चरम पर थी. इसलिए अमित सिंह भी सियासत में सक्रिय हो गए और पढ़ाई-लिखाई भूल गए. वो परीक्षा में भी नहीं बैठे. इसके बाद उनके पेरेंट्स को लगने लगा कि अब उनका बेटा कुछ नहीं कर पाएगा.
संयोग से मिली नई राह-
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई से अमित का दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था. इसके बाद उनको यूनिवर्सिटी छोड़नी पड़ी. लेकिन भाग्य ने अमित का साथ दिया और वो UPCET की परीक्षा में पास हो गए. इसके बाद उनको गाजियाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया. साल 2003 में अमित ने बीटेक पास किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद Reliance Infocom में नेटवर्क इंजीनियर के तौर पर नौकरी मिल गई. हालांकि सैलरी काफी कम थी. अमित ने जल्द ही जॉब छोड़ दी और बेंगलोर में आईटीआई में इंजीनियर बन गए. इस दौरान उनको 10 हजार रुपए सैलरी मिलती थी.
जॉब लगने पर घरवालों ने कर दी शादी-
जब रिलायंस इंफोकॉम में अमित की पहली जॉब लगी तो घरवालों ने उनकी शादी कर दी. जल्द ही एक बेटा भी हो गया. अब अमित के पास परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी. घर चलाना मुश्किल होने लगा था. इसलिए उन्होंने रिलायंस इंफोकॉम की जॉब छोड़ दी और बेंगलोर में नौकरी कर ली. हालांकि वहां भी कुछ खास पैसे नहीं मिलते थे. किसी तरह से घर का गुजारा चलता था. इस दौरान अमित जॉब के लिए इंटरव्यू दे रहे थे. अचानक नोकिया सीमेंस में उनको नौकरी मिल गई. सैलरी भी 60 हजार रुपए. अमित की खुशी का ठिकाना नहीं था. हालांकि वो ज्यादा दिन इस कंपनी में नहीं रहे. उन्हें सुबेक्स कंपनी में जॉब मिल गई और कनाडा जाने का मौका मिला. लेकिन जल्द ही वो भारत लौट आए और फिर से कंपनी बदल दी.
बिजनेस की शुरुआत-
अमित सिंह ने Oracle कंपनी में साल 2014 तक काम किया. इसके बाद खुद का बिजनेस शुरू किया. उन्होंने साल 2015 में अपना पहले वेंचर स्टार्ट किया. लेकिन इसमें कुछ खास फायदा नहीं हुआ. हालांकि सीखने को बहुत कुछ मिला. इसके 5 साल बाद साल 2020 में अमित ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के सेक्टर में काम करने वाले कंपनी TelioEV की शुरुआत की. इसी साल यानी साल 2020 में अक्तूबर महीने में अमित सिंह ने Teliolabs की स्थापना की.
कंपनी का कारोबार-
टेलियोटैब्स कंपनी का कारोबार दुनियाभर में फैला है. भारत के अलावा अमेरिका और यूके में भी कंपनी का ऑफिस है. जबकि दुबई, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका और केन्या में पार्टनर ऑफिस हैं. फिलहाल कंपनी ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में ऑफिस खोलने पर काम कर रही है.
कंपनी का मुख्यालय हैदराबाद में है. इसके अलावा भारत में बेंगलोर, नोएडा और इंदौर में कंपनी का ऑफिस है. इस आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में 300 से ज्यादा इंजीनियर और आईटी सपोर्ट स्टाफ काम करते हैं. अप्रैल 2022 में कंपनी के फाउंडर अमित सिंह की नेटवर्थ 23.3 करोड़ रुपए थी.
अमित सिंह की टीम-
अमित सिंह कंपनी के फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं. उनके पास आईटी और टेलिकॉम इंडस्ट्री में 19 साल से ज्यादा का अनुभव है. जबकि स्मिता अप्सिंगेकर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर हैं. जिनके पास इस इंडस्ट्री में 20 साल का अनुभव है. कंपनी के चीफ ग्रोथ ऑफिसर ललित सिंह हैं. उनके पास सेल्स में 13 साल का अनुभव है. इनके अलावा भी टीम में मुकेश बंसल, मयंक सिंघल, संतोष कुमार, आशा थोटा और संबित राउत जैसे अनुभवी अधिकारी हैं.
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