भारत में टेस्ला कारों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. खबर है कि इस अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार की एंट्री भारत में अगले साल हो सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार 2024 तक संबंधित विभागों से आवश्यक मंजूरी लेकर भारतीय बाजार में टेस्ला इंक के प्रवेश को बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने मुलाकात के दौरान भी इस बात की इच्छा जताई थी.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता पिछले कुछ समय से नरेंद्र मोदी सरकार के साथ बातचीत कर रही है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय बाजार में अपनी व्यापक पैठ की योजना पर चर्चा की जा रही है. टेस्ला का इरादा भारत में अपनी सप्लाई चेन इकोसिस्टम स्थापित करने का है, जिसे देश के ईवी विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जा रहा है.
कब होगी एंट्री
इस सितंबर की शुरुआत में, यह बताया गया था कि एलन मस्क के नेतृत्व वाली EV विनिर्माण फर्म (manufacturing firm)ने भारत में बैटरी स्टोरेज सिस्टम के निर्माण और बिक्री के लिए एक खाका तैयार किया था. ईवी निर्माता ने भारत में सभी वाहनों के लिए स्पेशफिक कंपोनेंट और टेस्टिंग ट्रैक के लिए डेस्ट्रक्टिव टेस्टिंग स्थापित करने के लिए केंद्र से लाभ मांगा है. उम्मीद है कि अगले साल टेस्ला को भारत में एंट्री की मंजूरी मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो एप्पल के बाद एक और अमेरिकी कंपनी भारत में अपना कारोबार शुरू करेगी.
बैठक में क्या हुआ फैसला
एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने टेस्ला के निवेश प्रस्ताव सहित देश मे ईवी निर्माण के अगले चरण का जायजा लेने के लिए बीते सोमवार को बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में जनवरी 2024 तक काम में तेजी लाने की बात कही गई है. बीते जून अमेरिका में प्रधानमंत्री की मस्क से मुलाकात के बाद ही इसको लेकर चर्चा और तेज हो गई. टेस्ला अगर भारत आती है तो आयात शुल्क एक बड़ा मुद्दा होगा. टेस्ला ने पहली पूरी तरह से असेंबल की गई इलेक्ट्रिक कारों पर 40 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की मांग की थी जबकि मौजूदा दर 40 हजार डॉलर की कीमत वाले वाहनों पर 60 प्रतिशत और इससे ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर 100 प्रतिशत है. कथित तौर पर केंद्र कुछ स्थानीय विनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध वाहन निर्माताओं के लिए आयात करों में कटौती करने के लिए अपनी ईवी पॉलिसी पर काम कर रहा है.
क्या है प्रस्ताव?
सीआईएम ने इस संबंध में कहा था, "हमने जो कुछ भी किया है वह बिना किसी भेदभाव के, बिना किसी प्राथमिकता के समान रूप से किया है." "यह वह सरकार है जो सभी को समान अवसर प्रदान करती है इसलिए हम एक नीति लेकर आएंगे. एक नीति जो सभी स्टेकहोल्डर्स - SIAM और ACMA के परामर्श से होगी. एक अच्छी नीति का मसौदा तैयार करने में हमारी मदद करने में दोनों की भूमिका होगी."
क्या होगी कीमत?
टेस्ला ने 2023 की शुरुआत में केंद्र के साथ बैठक में अपने "पावरवॉल" के साथ देश की बैटरी स्टोरेज कैपिसिटी को सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था. पावरवॉल एक ऐसी प्रणाली है जो रात में या बिजली गुल होने के दौरान उपयोग के लिए सोलर पैनलों या ग्रिड से बिजली स्टोर कर सकती है.ईवी विनिर्माण दिग्गज का इरादा भारतीय बाजार और निर्यात दोनों के लिए 24,000 डॉलर की कम लागत वाली ईवी विकसित करने का है जो इसके मौजूदा एंट्री-लेवल मॉडल से लगभग 25 प्रतिशत सस्ता है.आपको बता दें कि लंबे समय से टेस्ला कारों की भारतीय सड़कों पर टेस्टिंग चल रही है. माना जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत में सबसे पहले टेस्ला मॉडल 3 को लॉन्च किया जा सकता है. इसकी कीमत 70 लाख रुपये से ज्यादा हो सकती है.