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The Kabadiwala Success Story: इंजीनियरिंग की जॉब छोड़कर खरीदने लगे कबाड़, करोड़ों की कंपनी चलाते हैं अनुराग असाटी और कवींद्र रघुवंशी

Anurag Asati Success Story: 'द कबाड़ीवाला' का मुख्यालय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है. कंपनी देश के 5 शहरों से कबाड़ इकट्ठा करके रीसायकल करने का काम कर रही है. इस स्टार्टअप की शुरुआत इंजीनियर अनुराग असाटी और उनके सीनियर दोस्त कवींद्र रघुवंशी ने की थी.

The Kabadiwala Co-Founder Anurag Asati and Kavindra Raghuvanshi The Kabadiwala Co-Founder Anurag Asati and Kavindra Raghuvanshi

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले एक छात्र को एक दिन घर का कुछ कबाड़ और पुराने पेपर्स बेचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उस लड़के को कोई कबाड़ीवाला मिल ही नहीं रहा था. उस लड़के को ये बड़ी समस्या लगी और वो इसका समाधान ढूंढने लगा. कुछ दिन बाद उसकी मुलाकात इंजीनियरिंग के एक सीनियर छात्र से हुई. दोनों ने इस समस्या का समाधान निकाला और करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. बात अनुराग असाटी (Anurag Asati) और कवींद्र रघुवंशी (Kavindra Raghuwanshi) की हो रही है, जो आज करोड़ों की 'द कबाड़ीवाला' (The Kabadiwala) कंपनी चला रहे हैं.

साल 2015 में स्टार्टअप शुरू किया-
इंजीनियर अनुराग असाटी और कवींद्र रघुवंशी ने साल 2014 में द कबाड़ीवाला नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की थी. इसके लिए वेबसाइट तैयार की और काम शुरू किया. इस दौरान उनको कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा. सबसे पहले तो फैमिली को समझना मुश्किल था कि वो जॉब छोड़कर कबाड़ी का धंधा करना चाहते हैं. हालांकि काफी समझाने के बाद घरवाले मान गए.

शुरुआत में कई बार गलतियां भी हुईं. लेकिन दोनों ने गलतियों से बहुत कुछ सीखा. धीरे-धीरे कबाड़ इकट्ठा करने के काम को प्रोफेशनल तरीके से करना शुरू किया. इसके बाद इनको लेकर लोगों का नजरिया बदलने लगा. उनका स्टार्टअप चल निकला. कबाड़ीवाला को पहला ऑर्डर उनके एक जूनियर ने दिया था. इसके साथ ही सलाह भी दी थी कि इसकी जगह कोई नौकरी कर लो.

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कैसे आया था 'द कबाड़ीवाला' का आइडिया-
अनुराग असाटी मध्य प्रदेश के दमोह से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. जब वो इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में थे तो एक दिन घर का कबाड़ बेचने के लिए उनको काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसको लेकर उन्होंने अपने सीनियर कवींद्र रघुवंशी से बात की. इसके बाद दोनों ने इस काम को प्रोफेशनल तरीके से करने का प्लान बनाया. लेकिन उस समय पढ़ाई के बाद नौकरी का दबाव था. ऐसे में इस पर काम आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बाद अनुराग नौकरी करने लगे. लेकिन जल्द ही उन्होंने जॉब छोड़ दी और इस आइडिया पर काम करना शुरू किया.

कंपनी का कारोबार-
कंपनी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो घरेलू कबाड़ जैसे अखबार, पेपर और स्क्रैप सामग्री को बेचने के लिए डोस्टेप सेवा प्रदान करती है. 'द कबाड़ीवाला' का मुख्यालय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है. कंपनी का कारोबार कई शहरों में फैला है. कंपनी कई बड़ी कंपनियों और स्टोर्स से कबाड़ इकट्ठा करती है. कंपनी 100 से अधिक रीसायक्लिंग कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है. इसके साथ ही द कबाड़ीवाला लोगों को कूड़ा को लेकर जागरूक करने का भी काम करता है.

मार्च 2023 तक कंपनी के रेवन्यू 107 मिलियन डॉलर थी. फरवरी 2024 तक कंपनी में 21 कर्मचारी काम करते थे. इसके अलावा भी कंपनी के साथ सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं. कंपनी के को-फाउंडर अनुराग असाटी और कवींद्र रघुवंशी हैं.

फीस भरने के लिए नहीं थे पैसे-
एक समय ऐसा भी था, जब अनुराग के पास कॉलेज की फीस भरने के भी पैसे नहीं होते थे. ये उस समय की बात है, जब वो ओरिएंटल कॉलेज से इंजीनियरिंग करते थे. उन्होंने इसके लिए लोन लिया. इसके बाद कॉलेज मैनेजमेंट ने फीस में छूट दी. इसके बाद उनकी पढ़ाई पूरी हुई.

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