हर कोई चाहता है कि जितना हो सके वह अपना टैक्स बचाएं. इसके लिए सभी अलग-अलग तरकीब भी अपनाते हैं. लेकिन अगर आप भी टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो इसलिए लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप ये जानें कि आप कितना इन्वेस्ट करना चाहते हैं. इसमें अपने इन्वेस्टमेंट और खर्चे जैसे प्रोविडेंट फंड, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, ट्यूशन फीस, होम लोन, प्रिंसिपल रीपेमेंट आदि पर भी ध्यान दें. क्योंकि आप इसमें 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
आखिरी मिनट पर बचा सकते हैं ऐसे इनकम टैक्स:
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund)
इन्वेस्टमेंट टेन्योर के साथ छोटी सेविंग स्कीम लॉन्ग टर्म प्रोग्राम के लिए अनुकूल होगी. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इन्वेस्ट की गई राशि, इंटरेस्ट जो मिला है वो और मैच्योरिटी के समय विड्रॉल जो होगा वो सब कुछ टैक्स के दायरे में नहीं आएगा, उसपर कोई टैक्स नहीं लगेगा. पीपीएफ के अलावा एनएससी, एसएसवाई और एससीएसएस अन्य ऑप्शन आपके पास हैं. आप किसी मान्यता प्राप्त बैंक या डाकघर से NSC, PPF, SSY और SCSS प्राप्त कर सकते हैं.
2. ईएलएसएस (ELSS)
इक्विटी से जुड़ी सेविंग स्कीम या ईएलएसएस में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करने की हमेशा सलाह दी जाती है. ईएलएसएस म्युचुअल फंड अपनी संपत्ति का 80% से 100% कंपनियों के इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं. हालांकि इनमें 3 साल का लॉक-इन होता है.
3. एनपीएस (National Pension Scheme)
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक और अच्छा ऑप्शन है. एनपीएस में जो भी डिडक्शन होता है वो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD के तहत कवर हो जाता है.
4. हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)
लोग अक्सर टैक्स बचाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का सहारा लेते हैं. आप ₹100,000 तक का मेडिकल इंश्योरेंस ले सकते हैं. आप खुद के लिए और परिवार के लिए ₹50,000 और सीनियर सिटीजन माता-पिता के लिए ₹50,000 का डिडक्शन मान्य है.
5. होम लोन (Home Loan)
इस प्रावधान के तहत होम लोन पर ब्याज भी 50,000 रुपये तक की कटौती के पात्र है.
6. टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving Fixed Deposits)
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट सीनियर के लिए काफी उपयुक्त है. व्यक्ति को इसमें टैक्स सेविंग एफडी में इन्वेस्ट करने के लिए धारा 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन मिलती है. इसका टेन्योर 5 साल होता है.
इन सभी ऑप्शन के अलावा, ऑनलाइन टैक्स प्लानिंग टूल उपलब्ध हैं जो लोगों को व्यक्तिगत रूप से टैक्स-सेविंग रिपोर्ट देते रहते हैं. लेकिन निश्चित तौर पर यह सबसे अच्छा होगा कि टैक्सपेयर सही समय पर अपना टैक्स-सेविंग प्लान बनाएं.