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Yami Herbals: जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया ब्रांड, किसानों की मदद कर बढ़ाई उनकी कमाई

Yami Herbals: शैलजा ने एक प्राइवेट आर्ट एंड साइंस कॉलेज के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग कोर्स का सिलेबस तैयार करने के लिए भी समझौता किया है.

Yami Herbals story (Photo: Instagram) Yami Herbals story (Photo: Instagram)

तमिलनाडु में शिवकाशी की रहने वाली 36 साल की शैलजा आज हर किसी के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने अपने शहर में न सिर्फ डेवलपमेंट वर्कशॉप आयोजित की हैं बल्कि कॉलेज के छात्रों के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग क्लासेज भी की हैं और सब कुछ उन्होंने फ्री में किया है. 

हाल ही में, इस युवा उद्यमी ने सोशल मीडिया मार्केटिंग कोर्स तैयार करने के लिए शिवकाशी में एक प्राइवेट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के साथ एक समझौता ज्ञापन साइन किया है. शैलजा ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जब उन्होंने लगभग 17 साल पहले ग्रेजुएशन के लिए विजुअल कम्यूनिकेशन का विकल्प चुना, तो लोगों ने उनका मजाक बनाया था क्योंकि तब यह कोर्स बहुत नया था. लेकिन इसके बाद उन्होंने MBA किया और आज अपना बिजनेस कर रही हैं. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यामी हर्बल्स की शुरुआत की 
2017 तक, शैलजा क्विलिंग और चॉकलेट बनाती थीं. बाद में, उन्होंने यामी हर्बल्स ब्रांड नाम के तहत ऑर्गनिक स्किन और हेयरकेयर के उत्पादों के निर्माण में कदम रखा. उन्होंने अपने शहर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने किसानों को अपनी फसलों से वैल्यू-एडेड प्रॉडक्ट्स तैयार करने के लिए प्रेरित किया, जिन्हें बाद में यामी हर्बल्स के लिए उन्होंने किसानों से खरीदकर आगे मार्केट किया. 

उन्हें एहसास हुआ कि बाजार परेशानी के कारण जैविक किसान खेती छोड़ने की कगार पर थे. उन्होंने किसानों को अपनी फसल से वैल्यू-एडेड उत्पाद बनाने की सलाह दी। शैलजा कहती हैं कि अब उन्हें अपने उत्पाद बनाने के लिए कच्ची फसल या रॉ मैटेरियल नहीं जुटाना पड़ता है. 

किसानों के दे रहीं जरूरी टूल्स भी
जैविक खेती में लगे ए कार्तिकेयन (35) का कहना है कि शैलजा किसानों से तय कीमत के आधार पर खरीदारी करती हैं. उनका कहना है कि इस तरह के नवीन तरीकों से बिचौलियों की भागीदारी खत्म हो जाएगी और परिवहन लागत कम हो जाएगी. शैलजा किसानों को मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने के लिए सोलर ड्रायर जैसे उपकरण उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है. 

शैलजा कहती हैं कि बहुत से छात्र इस बात से अनजान हैं कि उद्यम के अवसर उनका इंतजार कर रहे हैं. वह हर तरह से किसानों और छात्रों की मदद करना चाहती हैं.