दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI ) ने मंगलवार को दूरसंचार ऑपरेटरों को सभी मोबाइल ग्राहकों के लिये पुराना नंबर रखते हुए कंपनी बदलने (पोर्टेबिलिटी) को लेकर एसएमएस सुविधा तुरंत लागू करने को कहा. यह सुविधा सभी मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को देने के लिए कहा गया है, चाहे उन्होंने कितनी भी राशि का रिचार्ज क्यों नहीं कराया हो,या कोई भी टैरिफ ऑफर और वाउचर चुना हो.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कुछ ‘प्रीपेड वाउचर’ में ‘आउटगोइंग एसएमएस’ सुविधा प्रदान नहीं करने वाली दूरसंचार सेवा कंपनियों के रुख पर पर कड़ा ऐतराज जताया. ट्राई का कड़ा संदेश इसलिए आया क्योंकि रिलायंस जियो ने हाल ही में ट्राई को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि वोडाफोन आइडिया की नई टैरिफ संरचना एंट्री लेवल कस्टमर्स को अपने नेटवर्क पर मोबाइल नंबर पोर्ट करने से प्रतिबंधित करती है.
कस्टमर्स नहीं भेज पा रहे थे SMS
ट्राई के अनुसार, हाल के दिनों में ग्राहकों से शिकायतें मिली हैं कि वे अपने प्रीपेड खातों में पर्याप्त राशि होने के बावजूद ‘मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी’ सुविधा का लाभ उठाने के लिए यूपीसी (यूनिक पोर्टिंग कोड) जेनरेट करने के लिए निर्धारित नंबर 1900 पर एसएमएस नहीं भेज पा रहे हैं. जिसके बाद TRAI ने अपने निर्देश में कहा, ‘‘सभी सर्विस प्रोवाइडर को निर्देश दिया जाता है कि वे दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमन, 2009 के तहत प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों श्रेणी के मोबाइल फोन ग्राहकों को मोबाइल फोन पोर्टेबिलिटी की सुविधा के लिये 1900 पर यूपीसी को लेकर एसएमएसए भेजने की सुविधा दें. यह सुविधा सभी ग्राहकों को मिलनी चाहिए, चाहे वो किसी भी रेट का वाउचर क्यों नहीं इस्तेमाल कर रहे हों.’’
बिना किसी भेदभाव के दें सुविधा
ट्राई ने कहा कि कुछ प्रीपेड वाउचर/प्लान में मोबइल नंबर पार्टेबिलिटी से संबंधित एसएमएस भेजने की सर्विस न देना नियमन के प्रावधानों का उल्लंघन हैं. यह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ उठाने के लिए दिए गए उपभोक्ताओं के अधिकार को छीन लेता है. मौजूदा नियमों में सभी सर्विस प्रोवाइडर को अपने नेटवर्क में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ग्राहकों को ये सुविधा देने की जरूरत है. ट्राई ने सभी सर्विस प्रोवाइडर को कहा कि ग्राहकों को मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट प्राप्त होने पर बिना किसी भेदभाव के ये सुविधा प्रदान करें.