यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम ने लेन-देन करने के तरीके में क्रांति ला दी है. आज छोटे वेंडर्स हों या बड़े-बड़े मॉल सभी में यूपीआई से पेमेंट की जा रही है. ज्यादातर मामलों में एक क्यूआर कोड को स्कैन किया जाता है और जितने पैसे आप भेजना चाहते हैं वो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं. इस मेथड ने आज जगह-जगह नकदी का उपयोग करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है.
छोटी सी गलती बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है
सड़क के किनारे के वेंडर्स से लेकर रिटेल चेन तक, UPI अब भारत में सर्वव्यापी हो गया है, क्योंकि इसके द्वारा किए गए लेनदेन में काफी आसानी रहती है. यूं तो जबकि UPI एक सुरक्षित पेमेंट सिस्टम है लेकिन अगर आप सावधानी नहीं रखते हैं तो छोटी-छोटी गलतियों से भी आपको भारी नुकसान हो सकती है. इसमें सबसे बड़ा खतरा होता है गलत UPI आईडी दर्ज करना और गलती से किसी और के बैंक खाते में पैसे भेज देना.
गलत ट्रांसफर की गई राशि वापस आ सकती है
हममें से ज्यादातर लोग ऐसी स्थितियों में घबरा जाते हैं लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार आप सही कदम उठाकर ट्रांसफर की गई राशि को वसूल सकते हैं. आरबीआई का कहना है कि डिजिटल सेवाओं के जरिए अनजाने में हुए लेन-देन के मामले में व्यक्ति को पहले इस्तेमाल किए गए पेमेंट सिस्टम में शिकायत दर्ज करनी चाहिए. इसके अलावा, आप पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे एप्लिकेशन की ग्राहक सेवा से मदद ले सकते हैं और पैसे वापस करने का अनुरोध कर सकते हैं.
आरबीआई से भी कर सकते हैं संपर्क
इतनी ही नहीे बल्कि पेमेंट सिस्टम अगर आपकी समस्या का समाधान करने में विफल रहता है, तो आप डिजिटल लेनदेन के लिए आरबीआई के लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं. आरबीआई के अनुसार, वह इसमें नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी है. आरबीआई में आप तब शिकायत दर्ज कर सकते हैं जब पेमेंट सिस्टम यूपीआई, भारत क्यूआर कोड और अन्य के माध्यम से पेमेंट ट्रांजेक्शन से संबंधित आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं करती है. जैसे कि अगर लाभार्थियों के खाते में धनराशि जमा करने में ये विफल रहते हैं या उचित समय के भीतर राशि वापस नहीं करते हैं. ऐसे में शिकायत की जा सकती है. लाभार्थी के खाते में गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर होने पर लोकपाल से भी शिकायत की जा सकती है.