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Tupperware bankruptcy: पिता प्लम्बर तो मां बनाती थी टोपियां... 8वीं में छोड़ना पड़ा स्कूल... टपरवेयर जैसे ब्रांड को घर-घर की पसंद बनाने वाली औरत... कहानी Brownie Wise की

ब्राउनी वाइज का नाम आज भी उन महिलाओं में लिया जाता है, जिन्होंने औरतों के लिए चीजें बेहतर करने में बड़ा योगदान दिया. ब्राउनी ने न केवल एक मिलियन डॉलर कंपनी बनाने में मदद की, बल्कि महिलाओं को खुद की पहचान भी दिलाई. 

Brownie Wise (Photo/GettyImages) Brownie Wise (Photo/GettyImages)
हाइलाइट्स
  • टपरवेयर को घरों तक लेकर गईं ब्राउनी 

  • आठवीं क्लास में छोड़ दिया था स्कूल 

1950 के दशक में, ब्राउनी वाइज (Brownie Wise) नाम की एक महिला ने डायरेक्ट सेलिंग के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया. उन्होंने एक ऐसा मॉडल तैयार किया जिसने टपरवेयर (Brownie Wise) को स्टोर की अलमारियों से अमेरिका के लिविंग रूम तक पहुंचा दिया. ब्राउनी वाइज एक आत्मनिर्भर बिजनेसवुमन और मार्केटिंग जीनियस थीं. उन्होंने खासकर महिलाओं को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट बेचने के तरीके में क्रांति ला दी.

हालांकि, ब्राउनी वाइज के चले जाने के दशकों बाद, टपरवेयर अब दिवालियापन (Tupperwarebank ruptcy) का सामना कर रहा है. व्यापार की दुनिया में अब टपरवेयर ने अपनी प्रासंगिकता खो दी है. 

आठवीं क्लास में छोड़ दिया था स्कूल 
ब्राउनी वाइज का जन्म 1913 में बुफ़र्ड, जॉर्जिया में हुआ था. अपने माता-पिता के तलाक के बाद वह अपनी आंटी पर्ल के साथ रहीं, और उन्होंने कम उम्र में ही दूसरों को आकर्षित करने और उन्हें प्रभावित करने का गुण सीख लिया, जो बाद में उनके बिजनेस करियर की पहचान बना. आठवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ने के बावजूद, वाइज ने अपने लक्ष्यों को कभी नहीं छोड़ा. 

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1930 के दशक तक, ब्राउनी ने रॉबर्ट डब्ल्यू वाइज से शादी कर ली थी और दोनों डेट्रॉइट चले गए. हालांकि, यह शादी सफल नहीं रही, और 1941 में उनका तलाक हो गया. वाइज ने अपनी मां की तरह ही सिंगल पैरेंट के रूप में अपने बेटे जेरी की परवरिश की. उन्होंने बेंडिक्स एविएशन में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट और स्टैनली होम प्रोडक्ट्स की सेल्सवुमन के रूप में काम किया.

टपरवेयर को घरों तक लेकर गईं ब्राउनी 
सेक्रेटरी के रूप में काम करने और बाद में सेल्सवुमन के रूप में, ब्राउनी वाइज ने डायरेक्ट सेल्स में अपना करियर देखा. स्टैनली होम प्रोडक्ट्स के जरिए उन्होंने इस सफर को शुरू किया. लेकिन टपरवेयर ने उन्हें उनकी असली पहचान दिलाई. उस समय ज्यादातर ग्राहक इस 'बर्पिंग सील' वाली तकनीक को नहीं समझ पा रहे थे. ब्राउनी ने महसूस किया कि इस प्रोडक्ट की वास्तविक क्षमता तब दिखाई जा सकती है जब इसे घरों में दिखाया जाए.

वाइज का ध्यान केवल टपरवेयर बेचने में नहीं था, बल्कि उनके इस दृष्टिकोण में भी था कि इसे कैसे बेचा जा सकता है. उन्होंने महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया जहां वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकती थीं. 

(फोटो-विकिपीडिया)
(फोटो-विकिपीडिया)

टपरवेयर पार्टी की शुरू 
1950 के बाद के युद्धकाल में, टपरवेयर स्टोर की अलमारियों से बिक नहीं रहा था. प्लास्टिक अभी भी एक नई चीज थी, ग्राहकों को न इसकी अहमियत पता थी और न जरूरत. ऐसे में ब्राउनी ने इसमें अवसर देखा. उन्होंने टपरवेयर को "पैटियो पार्टियों" के माध्यम से बेचना शुरू किया, जिसमें वह महिलाओं के समूहों को उनके घरों में कंटेनरों को दिखाती थीं. इससे उन्हें टपरवेयर की अनोखी विशेषताओं को दिखाने का मौका मिला, कोई स्टोर ऐसा नहीं कर सकता था.

उनकी सफलता ने टपरवेयर के फाउंडर अर्ल टपर का ध्यान आकर्षित किया. 1951 में, उन्होंने ब्राउनी वाइज को कंपनी की मार्केटिंग का वाईस प्रेजिडेंट बना दिया. ये एक ऐसा पद था जो उस समय महिलाओं के लिए लगभग असंभव था. ब्राउनी के नेतृत्व में, होम पार्टी मॉडल टपरवेयर की पहचान बन गया, जिससे कंपनी ने लोगों के घरों में अपनी जगह बना ली. 

महिलाओं को एक पुरुष-प्रधान दुनिया में सशक्त बनाना
ऐसे समय में जब ज्यादातर महिलाएं गृहिणी बनकर रह गई थीं, ब्राउनी ने उन्हें कुछ और दिया—अपना पैसा कमाने का मौका, एक समुदाय का हिस्सा बनने का अवसर और आत्मविश्वास बढ़ाने का साधन.  उनकी टपरवेयर पार्टियां सिर्फ सेल्स के बारे में नहीं थीं; यह महिलाओं को सशक्त बनाने के बारे में थीं. ब्राउनी ने अपनी बेस्ट सेल्सवुमन को ट्रॉफी, छुट्टियां और सम्मानित किया, जिनमें से कई ने अपने जीवन में कभी कोई मान्यता नहीं पाई थी. यह सिर्फ एक नौकरी नहीं थी; यह एक तरह का आंदोलन था.

ब्राउनी वाइज के विचार केवल बिक्री तक सीमित नहीं थे. उन्होंने प्रसिद्ध टपरवेयर जुबली की शुरुआत की. जिन डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटर ने इसमें भाग लिया, उन्होंने अपने को एक परिवार का हिस्सा माना. ये परिवार टपरवेयर था.  

टपरवेयर जुबिली इवेंट (फोटो-विकिपीडिया)
टपरवेयर जुबिली इवेंट (फोटो-विकिपीडिया)

कंपनी से निकाल दिया गया
जैसे-जैसे टपरवेयर एक घरेलू नाम बन गया, ब्राउनी उसका सार्वजनिक चेहरा बन गईं, टॉक शो और मैगज़ीन कवर पर दिखाई देने लगीं। वह बिजनेस वीक के कवर पर आने वाली पहली महिला थीं. लेकिन सफलता ईर्ष्या को जन्म देती है, और अर्ल टपर (Earl Tupper, Tupperware’s founder) ब्राउनी को मिल रही सराहना से असहज हो गए. उनके अचूक योगदान के बावजूद, उनका रिश्ता बिगड़ गया. 

1958 में उन्होंने ब्राउनी को कंपनी से निकाल दिया. वह सिर्फ एक साल की तनख्वाह लेकर चली गईं और उस कंपनी में उन्हें कोई हिस्सेदारी नहीं मिली. इसके तुरंत बाद, अर्ल टपर ने टपरवेयर को करोड़ों में बेच दिया, और ब्राउनी को इसमें कोई शेयर नहीं मिला.

हालांकि ब्राउनी वाइज का ये सेलिंग मॉडल जीवित रहा. उनका होम पार्टी मॉडल भविष्य की कंपनियों जैसे मैरी के कॉस्मेटिक्स और एवन को भी प्रभावित किया. 

टपरवेयर अपनी पहचान खोता गया 
हालांकि, 21वीं सदी में टपरवेयर की किस्मत गिरने लगी. इसका कारण था ग्राहकों की बदलती आदतें, ई-कॉमर्स का उदय, और एक युवा पीढ़ी जो होम पार्टियों में कम रुचि रखती है. जो कभी सशक्त ब्रांड था, वो अब डिजिटल युग में पुराना लगने लगा. 

कोविड-19 महामारी के समय में टपरवेयर की बिक्री में भारी गिरावट आई. नए बाजारों में एंट्री और रीब्रांड करने के प्रयास समय पर नहीं हो सके. देखते ही देखते लोगों के किचन से टपरवेयर गायब हो गया. 

हालांकि, ब्राउनी वाइज का नाम आज भी उन महिलाओं में लिया जाता है, जिन्होंने औरतों के लिए चीजें बेहतर करने में बड़ा योगदान दिया. ब्राउनी ने न केवल एक मिलियन डॉलर कंपनी बनाने में मदद की, बल्कि महिलाओं को खुद की पहचान भी दिलाई.